रैपिड रेल मामले में कोर्ट फिर सख्त

  • आप सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़, कहा- आदेश का पालन न करना चिंताजनक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर एक बार फिर से सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास विज्ञापन के लिए बजट बनाने के लिए प्रावधान हैं लेकिन इसके लिए नहीं, अदालत ने पूछा कि आखिर क्यों उनको सरकार की बांह मरोडक़र पैसे देने के लिए कहना पड़ता है, अदालत ने आदेश का अनुपालन न होने पर चिंता जाहिर की।
सुप्रीम कोर्ट ने पूरा पैसा रिलीज करने के लिए दिल्ली सरकार को और वक्त दिया। अब मामले की सुनवाई अदालत 7 दिसंबर को करेगी। मामले की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दिल्ली सरकार के मुताबिक 415 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, लेकिन ये राशि एनसीआरटीसी के खाते में जमा नहीं हुई, उन्होंने कहा कि मंज़ूरी आदेश खुद कहता है कि आंशिक अनुपालन किया गया है। जस्टिस ने कहा कि इसका आंशिक अनुपालन नहीं बल्कि पूरा अनुपालन होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने वाले कागजात दिखाने को कहा।

आंशिक भुगतान पिछलेे सप्ताह किया गया

वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से बताया गया कि रैपिड रेल मामले में आंशिक भुगतान पिछले शुक्रवार को ही किया गया है। पहले भी सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को तगड़ा झटका लगा था। अदालत ने परियोजना को लेकर फंड न देने पर नाराजगी जताते हुए एक हफ्ते के भीतर 415 करोड़ रुपये देने का आदेश सरकार को दिया था। साथ ही कहा था कि अगर अगर फंड नहीं दिया तो दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट पर रोक लगाकर फंडिंग की जाएगी। इसके लिए अदालत ने दिल्ली सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया था।

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