सूरत में कैमिकल फैक्टरी में भीषण आग, सात कर्मचारियों के शव बरामद
सूरत। सूरत के कलेक्टर आयुष ओक ने बताया कि सूरत के सचिन औद्योगिक क्षेत्र में स्थित रसायन निर्माण इकाई एथर इंडस्ट्रीज लिमिटेड में जिन सात लोगों के शव मिले हैं उनमें से एक कंपनी का कर्मचारी था जबकि अन्य छह अनुबंध पर काम करते थे।
बताया जा रहा है कंपनी में रात करीब 150 कर्मचारी काम कर रहे थे। हादसे में करीब 25 कर्मचारी घायल हुए थे और 7 कर्मचारी लापता थे। कंपनी प्रशासन ने 7 कर्मचारियों के लापता होने की बात छुपाई थी जिसमे 6 लोगों के कंकाल आज सुबह बरामद हुए है और एक अभी भी लापता है। फिलहाल सभी घायल मजदूरों का अलग-अलग निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा, फैक्टरी परिसर में तलाश अभियान के दौरान अधिकारियों को सात कर्मचारियों के शव मिले जो बुधवार को संयंत्र में आग लगने की घटना के बाद से लापता थे। घटना में संयंत्र जलकर नष्ट हो गया था।
मृतकों की पहचान दिव्येश पटेल (कंपनी कर्मचारी), संतोष विश्वकर्मा, सनत कुमार मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार, गणेश प्रसाद, सुनील कुमार और अभिषेक सिंह के तौर पर हुई है। कलेक्टर ने कहा कि घटना में घायल हुए 24 लोगों का वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है।
सूरत के प्रभारी मुख्य दमकल अधिकारी बसंत पारेख ने इससे पहले बताया था कि संयंत्र में एक बड़े टैंक में रखे ज्वलनशील रसायन के रिसाव के कारण हुए विस्फोट के बाद मंगलवार देर रात करीब दो बजे रसायन संयंत्र में आग लग गई। घटनास्थल पर दमकल की कम से कम 15 गाडिय़ों को भेजा गया था जिन्हें आग पर काबू पाने में करीब नौ घंटे का समय लगा।
कंपनी ने 29 नवंबर को जारी और स्टॉक एक्सचेंज को दिए बयान में कहा, ‘ज्हम यह सूचित करते हैं कि मंगलवार देर रात करीब एक बजकर 50 मिनट पर कंपनी के प्लॉट नंबर 8203, जीआईडीसी सचिन, सूरत के निर्माण स्थल में आग लगने की घटना के बारे में बताया गया’। बयान में कहा गया है कि करीब 25 लोगों के घायल होने की खबर है।
सूरत के प्रभारी मुख्य दमकल अधिकारी बसंत पारेख ने कहा, ‘‘फैक्ट्री की तीन मंजिला इमारत में विस्फोट के कारण आग लग गई और पूरी इकाई जलकर नष्ट हो गई।’’ पारेख ने बताया, घटनास्थल पर दमकल की कम से कम 15 गाडिय़ां भेजी गईं और आग बुझाने का काम नौ घंटे तक जारी रहा। साचिन जीआईडीसी दमकल केंद्र से एक अधिकारी ने कहा कि पूर्वाह्न करीब 11 बजे आग पर काबू पा लिया गया।
केमिकल फैक्ट्री में आग लगने की घटना के बाद कलेक्टर कार्यालय भी हरकत में आ गया है। टेट्रोहाईड्रोफ्यूरान रसायन के भंडार के लिए बनाए गए 25 हजार लीटर के टैंक में रिसाव के बाद आग लगने की घटना के बाद इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड हेल्थ की एक टीम ने घटना स्थल का दौरा किया। फिलहाल कंपनी में अग्नि सुरक्षा सहित सभी पहलुओं को गहन जांच की जा रही है। दूसरी ओर यह भी पता चला है कि श्रमिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा कंपनी को क्लोजर नोटिस जारी किया गया है।