इसी मोहब्बत से बना है अपना देश: प्रियंका
- रैट माइनर्स का फोटो किया शेयर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ रैट माइनर्स का हवाला देते हुए इसी मोहब्बत से अपना देश बना है। प्रियंका गांधी ने कुछ रैट माइनर्स की तस्वीरें साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर भाइयों को बाहर निकालने की कोशिश में जब-जब बड़ी-बड़ी ऑगर मशीनें निष्फल हो गईं तो हाथों-हाथ खुदाई की एक देसी तकनीक को अमल में लाना पड़ा, जिसे रैट होल माइनिंग कहा जाता है।
कुल जमा 12 रैट होल माइनर्स साथियों ने जान पर खेलकर महज 24 घंटे की मेहनत में रेस्क्यू ऑपेरशन को पूरा कर दिया। उनका कहना था, उनमें से एक साथी मोहम्मद इरशाद ने सबके लिए दुआ की है कि देश में प्यार बचा रहे और इंसान को इंसान की तरह प्रेम किया जाय। दूसरे रैट होल माइनर नासिर हुसैन ने जब ध्वस्त सुरंग को चीरकर उस पार फंसे मजदूरों में से पहले को देखा तो उसके पास पहुंच कर फौरन उसे गले लगा लिया। कांग्रेस नेता ने कहा, यही प्यार है। इसी मोहब्बत से बना है अपना देश। जय हिंद।
विकास में मानवीय मूल्यों को समाहित करना होगा: राहुल गांधी
वायनाड (केरल)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विकास के दृष्टिकोण में आमूल-चूल बदलाव का आह्वान किया और आर्थिक प्रगति को सद्भाव, शांति, स्नेह तथा सम्मान जैसे मौलिक मानवीय मूल्यों के साथ जोडऩे आवश्यकता पर जोर दिया। कांग्रेस सांसद ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में मननथावाडी नगर पालिका में अमृत पेयजल परियोजना का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, विकास के साथ हमें उस देश की प्रकृति के बारे में भी सोचना होगा जिसमें हम रहते हैं। क्या हम एक सामंजस्यपूर्ण देश, एक स्नेही देश बना रहे हैं? क्या हमारा देश ऐसा है जो अपने सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करता है, उन लोगों की रक्षा करता है जिन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है? क्या हम देश का विकास कर रहे हैं और सबसे बुनियादी मानवीय मूल्यों के बारे में भूल रहे हैं? कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, हमें एक ऐसी जगह बनने की आकांक्षा रखनी होगी जहां हर कोई सुरक्षित, स्नेह और सम्मान महसूस करे। वायनाड से सांसद गांधी ने कहा, अगर हम अपने देश को विकसित करना चाहते हैं तो सद्भाव, शांति, सम्मान और स्नेह बेहद महत्वपूर्ण हैं। वास्तव में यही सच्चा विकास है।