अब इन दिग्गजों पर सीएम चुनने की जिम्मेदारी
भाजपा ने एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए किया पर्यवेक्षकों का ऐलान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के सीएम खट्टर के नाम भी शामिल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल करने के 5 दिन बाद भी भारतीय जनता पार्टी इन राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं कर पा रही है। जबकि पार्टी के पास एक नहीं बल्कि कई उम्मीदवार हैं। लेकिन पार्टी ये तय नहीं कर पा रही है कि किसे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जाए। परेशानी बढ़ती देख अब भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए अपने पर्यवेक्षकों का ऐलान कर दिया है।
भाजपा ने इन तीनों ही राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया गया है। वहीं, हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर, के. लक्ष्मण, आशा लकड़ा को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम को चुना गया है। ये पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक में विधायकों की राय लेंगे। ऐसे में अब ये उम्मीद जताई जा रही है कि बीजेपी आलाकमान की मुहर के बाद रविवार तक मुख्यमंत्री के नामों का ऐलान हो सकता है।
भाजपा ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत हासिल की। इन राज्यों में कांग्रेस को करारी हार मिली। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले हिंदी पट्टी में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इस जीत को बीजेपी के लिए अहम माना जा रहा है।
भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बना सीएम के नाम का ऐलान
बीजेपी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ा था। पार्टी ने पीएम मोदी के चेहरे और सामूहिक नेतृत्व के दम पर तीनों राज्यों में जीत हासिल की। ऐसे में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री चेहरे का चुनाव करना है। बीजेपी आलाकमान न सिर्फ इन चेहरों के दम पर 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सभी समीकरण साधने की कोशिश में है, बल्कि स्थानीय बगावत को भी रोकना चाहता है। मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर बीजेपी का मंथन जारी है। बीजेपी के 11 सांसदों ने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, इन सभी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। इन सांसदों में कई तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हैं।
सीएम की रेस में शामिल हैं ये नाम
तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के लिए कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें राजस्थान से वसुंधरा राजे, सांसद दिया कुमारी, ओम बिरला, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और बाबा बालकनाथ के नाम सीएम रेस में हैं। जबकि कल से रेल मंत्री अश्वनि वैष्णव का नाम भी तेजी से आगे आया है। वहीं मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नाम सीएम की रेस में हैं। तो वहीं छत्तीसगढ़ में रमन सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी के नाम सीएम रेस में हैं।
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार बेनॉय बाबू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में पेरनोड रिकार्ड इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी को जमानत दे दी। शराब नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दायर मामले में वरिष्ठ अधिकारी की गिरफ्तारी हुई थी। पेरनोड रिकार्ड दुनिया की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनियों में से एक है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के रिजनल मैनेजर बेनॉय बाबू को जमानत दी है।
ईडी ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया है। इस मामले में बेनॉय बाबू के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह का भी नाम शामिल है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि मामले में सुनवाई शुरू नहीं हुई है और आरोप तय नहीं हुए हैं। अदालत ने इस बात को ध्यान में रखते हुए जमानत दे दी कि वह 13 महीने से सलाखों के पीछे है। कोर्ट ने ये भी कहा कि ईडी इतने लंबे समय तक लोगों को हिरासत में नहीं रख सकती है।
बीजेपी के आठ सांसदों को 30 दिन में बंगला खाली करने का मिला निर्देंश
लोकसभा की आवास समिति ने दिया नोटिस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधायक का चुनाव जीतने के बाद संसद सदस्यता से इस्तीफा देने वाले भाजपा सांसदों को दिल्ली के उनके सरकारी आवासों को खाली करने का नोटिस दे दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा सांसद सी. आर. पाटिल की अध्यक्षता वाली लोक सभा की आवास समिति ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सहित संसद से इस्तीफा देने वाले सभी सांसदों को नियमों के मुताबिक दिल्ली के सरकारी घरों को खाली करने का नोटिस दे दिया है।
लोकसभा की आवास समिति ने नियमों के मुताबिक इन्हें 30 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया है। तीनों पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के अलावा संसद सदस्यता से इस्तीफा देने वाले राव उदय प्रताप, राकेश सिंह, रीति पाठक, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, महंत बालकनाथ, अरुण साव और गोमती साय को भी सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है।
मालूम हो कि इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कल गुरुवार देर रात केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और रेणुका सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इन तीनों मंत्रियों ने हाल में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। इस्तीफा स्वीकार किए जाने के साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू ने जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया।
21वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखंड का है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने दो दिवसीय उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का किया उद्घाटन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दो दिवसीय उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आकर मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन के लिए निकला था अचानक मेरे मुंह से निकला था की 21वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि अपने इस कथन को मैं लगातार चरितार्थ होते हुए देख रहा हूं। आप सभी को भी इस गौरव से जुडऩे के लिए उत्तराखंड के विकास यात्रा से जुडऩे का बहुत बड़ा अफसर मिल रहा है। पिछले दिनों उत्तरकाशी में टनल से हमारे श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालने का जो सफल अभियान चला उसके लिए राज्य सरकार समेत सभी का विशेष तौर पर अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि बीते दिनों उत्तरकाशी में टनल से हमारे श्रमिक भाईयों को सुरक्षित निकालने का जो सफल अभियान चला, उसके लिए मैं राज्य सरकार समेत सभी का अभिनंदन करता हूं।
चौक में मानकों के विपरीत बन रहा कॉम्प्लेक्स, सीएम पोर्टल पर हुई शिकायत
लखनऊ। एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों को चिन्हित करने के साथ-साथ उनके खिलाफ ध्वस्तीकरण और सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। वहीं नक्खास में मानकों के विपरित कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की गई है। लेकिन एलडीए के जिम्मेदार अधिकारी शिकायत को अनदेखा कर बिल्डिंग का काम तेजी से जारी है। शिकायत में कहा गया है कि चौक में नजीर बिल्डिंग, खोकी टोला न्यू नक्खास मार्केट विक्टोरिया स्ट्रीट में विकास प्राधिकरण की अनुज्ञा लिए बगैर अवैध तरह से मल्टीस्टोरी कमर्शियल काम्प्लेक्स निर्माण का कराया जा रहा है। वहीं मानकों के विपरित बन रहे कमर्शियल काम्प्लेक्स के विरुद्ध मुकदमा विचाराधीन है।
केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
नई दिल्ली। देश में खाद्य पदार्थों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और इन पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने का बड़ा फैसला किया है। साथ ही चीनी की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए गन्नेे के रस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया दिया गया है। इसके तहत अब साल 2023-24 में चीनी मिलें इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्नेे के रस या सिरप का उपयोग नहीं करती हैं। सरकार के इस फैसले से जहां खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आएगी तो वहीं घरेलू मार्केट में उनकी उपलब्धता भी बढ़ेगी। सरकार का यह फैसला कई मायनों में काफी अहम माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, साथ ही केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम को अब हर सप्ताह 4 लाख टन गेहूं बेचने की मंजूरी दी जा सकती है, जोकि वर्तमान समय में सिर्फ 3 लाख टन ही है। अगर खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होंगी तो महंगाई (मुद्रास्फीति) घटकर 4 महीने के निचले स्तर 5 प्रतिशत से कम होने की उम्मीद है। इस समय देश में प्याज की कीमतें सातवें आसमान पर हैं। इस वक्त भारतीय मार्केट में प्याज के दाम 50 से 60 रुपये प्रति किलो हैं। ऐसे में प्याज के निर्यात से यहां दामों में काफी असर पड़ता है। सरकार ने प्याज की कीमतों को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के कहना है कि इस साल सरकार ने चीनी के कम उत्पादन को देखते हुए इथेनॉल के लिए गन्नेे के रस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर रखा बरकरार
नई दिल्ली। आरबीआई एमपीसी ने एक बार फिर रेपो रेटो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है। बैंकों के बैलेंस शीट में मजबूती दिखी है। केंद्रीय बैंक की एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार, इसके फलस्वरूप स्थायी जमा सुविधा दर 6.25त्न और सीमांत स्थायी सुविधा दर तथा बैंक दर 6.75त्न पर बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर ने एफवाई24 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है। लागत खर्च में कमी से विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती आई है। सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी है। एग्रो क्रेडिट में ग्रोथ से रिकवरी बेहतर होने का अनुमान है। एमपीसी के छह में पांच स्थर अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में। सभी सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने पर सहमति जताई।