खरगे ने धनखड़ को सांसदों के निलंबन पर लिखा पत्र, कहा-यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक
- कांग्रेस अध्यक्ष बोले- उम्मीद है सभापति धनखड़ विपक्ष की चिंताओं का रखेंगे ध्यान
- विपक्ष इस मामले पर चर्चा को तैयार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है। इस पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इतने बड़े पैमाने पर सांसदों का निलंबन भारत के संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के लिए हानिकारक है। उन्होंने धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि वह इतने अधिक सांसदों के निलंबन से दुखी और व्यथित हैं।
कांग्रेस नेता ने राज्यसभा के सभापति पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह विपक्ष की चिंताओं को ध्यान में रखेंगे। उन्होंने धनखड़ से आपसी सहमति से तय तारीख पर उनके साथ इस मामले पर चर्चा करने और उनकी चिंताओं का समाधान करने का भी आग्रह किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर सदस्यों का निलंबन हमारे संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के लिए हानिकारक है। सदस्यों का निलंबन देखना दर्दनाक, पीड़ादायक, निराशाजनक और हताश करने वाला था। उन्होंने कहा कि वह एक जिम्मेदार विपक्षी नेता के रूप में संवाद और चर्चा को बढ़ावा देने में दृढ़ता से विश्वास करते हैं, जो संसदीय लोकतंत्र का मूलभूत स्तंभ है। खरगे ने कहा कि मैं आपके ध्यान में लाना चाहूंगा कि संसद की सुरक्षा में सेंध के गंभीर मुद्दे पर बात करने के लिए राज्यसभा के नियमों और प्रक्रिया के तहत कई नोटिस पेश किए गए थे।
विपक्षी नेताओं को बोलने नहीं दिया गया
खरगे ने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल इस मामले पर सार्थक चर्चा करने के लिए तैयार थे। अफसोस की बात है कि न तो इन नोटिस को स्वीकार किया गया और न ही विपक्ष के नेता के रूप में मुझे या विपक्षी दलों के किसी अन्य सदस्य को सदन में एक या दो मिनट के लिए भी बोलने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार का अपना तरीका होगा, लेकिन आप भी इस पर आसानी से सहमत होंगे कि विपक्ष को अपनी बात रखनी चाहिए। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप संसदीय लोकतंत्र के इस बुनियादी सिद्धांत का पालन करेंगे। खरगे ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी दलों की स्पष्ट मांग है कि गृह मंत्री को संसदीय सुरक्षा में सेंध के महत्वपूर्ण मुद्दे और 13 दिसंबर को लोकसभा की दर्शक दीर्घा में दो घुसपैठियों के प्रवेश को संभव बनाने में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद की भूमिका के बारे में सदन को अवगत कराना चाहिए।
नियमों का उल्लंघन कर किया गया निलंबन
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह मामला संसद और सांसदों के लिए गंभीर चिंता का विषय है और एक राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण मुद्दा भी है, लेकिन इस मांग को स्पष्ट रूप से नजर अंदाज कर दिया गया। इसके अलावा नियमों और प्रक्रिया का खुलेआम उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों का निलंबन हुआ। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद मैं खुली चर्चा और संवाद के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराना चाहता हूं। मैं इन चिंताओं को रचनात्मक तरीके से दूर करने के लिए निकट भविष्य में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख और समय पर आपके साथ बैठक करने के लिए तैयार हूं।