कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की नीतियों पर उठाए तीखे सवाल
- गैर बीजेपी शासित राज्यों की गणतंत्र परेड की झांकी रोकने पर भडक़े कर्नाटक के सीएम
- बेरोजगारी पर पीएम मोदी को घेरा, चार वर्षों में सबसे अधिक युवा परेशान
- कांग्रेस पार्टी बोली प्रतिशोध की राजनीति कर रही भाजपा सरकार
- बीजेपी ने भी कांग्रेस पर किया पलटवार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश की दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस में विभिन्न मुद्दों को लेकर एक दूसरे पर वार-पलटवार जारी है। जहां राममंदिर प्राण प्रतिष्ठïा में कांग्रेस के शामिल होने से मना करने पर भाजपा आग बूबला हो गई है वहीं कांग्रेस ने कहा है देश में बेरोजगारी चरम पर है जबकि सरकार इधर-उधर के मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। इसबीच एक और गंभीर मामले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार की आलोचना की है। ये मामला 26 जवरी से संबंधित है। जिसमें के द्र ने गैर बीजेपी शासित कई राज्यों की झांकी को नई दिल्ली के परेड में आने से रोक दिया है इसको लेकर भी सियासी घमासान दक्षिण से उत्तर भारत तक में मचा हुआ है।
कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने के आरोप लगाए। दरअसल इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में कर्नाटक की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। इसे लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि केंद्र ने कर्नाटक की झांकी को इसलिए गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं किया है क्योंकि कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है।
केंद्र ने सात करोड़ कन्नड़ लोगों का अपमान किया : सिद्धारमैया
सिद्धारमैया की पोस्ट पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह प्रतिशोध का मोदी मंत्र है। वह अभी तक मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार को भूले नहीं हैं। वह असल में एक छोटे व्यक्ति हैं। इस साल कर्नाटक की झांकी में मैसूर के राजा नलवाडी कृष्णराजा वडियार के साथ, रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों से लडऩे वाली रानी चेनम्मा और बेंगलूरू के संस्थापक नादप्रभु केम्पगौड़ा के जीवन को प्रदर्शित करने का प्रस्ताव था। सीमए ने पोस्ट में लिखा कि केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की झांकी में कर्नाटक की झांकी को शामिल ना करके सात करोड़ कन्नाड़ लोगों का अपमान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साल भी कर्नाटक को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब केंद्र सरकार ने शुरुआत में कर्नाटक की झांकी को शामिल करने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झांकी को शामिल करने की मंजूरी दे दी थी। इस बार केंद्र सरकार ने फिर से कन्नड़ लोगों के अपमान का ट्रेंड जारी रखा है। कर्नाटक से झांकी के लिए कई प्रस्ताव भेजे गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया।
कांग्रेस अब बहिष्कार पार्टी : भाजपा
कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता ठुकराने पर भाजपा भडक़ गई है। पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अब बहिष्कार पार्टी बन गई है। इन्होंने भगवान राम तक को काल्पनिक कहा था, जबकि महात्मा गांधी खुद राम-राज्य की कल्पना करते थे। भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस अब गांधी की नहीं नेहरु की बन कर रह गई है। इन्होंने कुछ समय पहले ही कांग्रेस के नेता रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न सम्मान समारोह तक का बहिष्कार किया था। भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा, कांग्रेस ने इससे पहले हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी और अब द्रौपदी मुर्मू जी के संसद में अभिभाषण का बहिष्कार किया। 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था। अभी कुछ महीने पहले उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया। जब जीएसटी लागू हुआ तो उसका भी बहिष्कार किया। टी-20 के समय दुनिया के देशों के राष्टï्राध्यक्ष भारत आए थे, उसमें भी महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए भोज का भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी अच्छे से अच्छे अनुष्ठान में विघ्न उत्पन्न करके संतोष प्राप्त करने वाली प्रवृत्ति की परिचायक कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है?
दस साल में रोजगार देने में विफल रहे पीएम मोदी : जयराम रमेश
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि विगत 10 वर्षों में देश में नौकरियों के अकाल के हालात और भी बदतर हो गए हैं। कांग्रेस ने साथ ही आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर साल दो करोड़ रोजगार सृजन का अपना वादा पूरा करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत का युवा ऐसी तरक्की का हकदार है जो उसे अच्छी गुणवत्ता वाली नौकरी दे, न कि ‘बेरोजगारी और पकौड़े की दुकान।’ उन्होंने कहा, ‘सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2023 में 25-29 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी 15.5 प्रतिशत रही जो लगभग चार वर्षों में सबसे अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया, इसका मतलब यह है कि बेरोजगारी की स्थिति अब कोविड-19 महामारी के समय से भी बदतर है। रमेश ने कहा कि 20-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी दर 45.5 प्रतिशत है। उन्होंने दावा किया कि 30-34 साल की उम्र वालों के लिए भी बेरोजगारी दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर है। उन्होंने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में संकट विशेष रूप से भयावह है। अधिक से अधिक परिवार मनरेगा की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि कोई अन्य रोजगार उपलब्ध नहीं है। रमेश ने कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां पैदा करने के अपने वादे को पूरा करने में बुरी तरह विफल रहे हैं।
31 जनवरी से शुरू होगा बजट सत्र
1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र इस बार 31 जनवरी से प्रारंभ होकर 9 फरवरी तक चलेगा। सूत्रों के अनुसार इस दौरान 1 फरवरी को आम बजट भी पेश किया जाएगा। ये अंतरिम बजट होगा। मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह अंतिम बजट है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों को 31 जनवरी को संबोधित करेंगी। बता दें कि 17वीं लोकसभा का यह अंतिम संसद सत्र भी होगा। इस बार का बजट आम चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाना है। ऐसे में सूत्रों के अनुसार इस बार केंद्र सरकार की तरफ कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ था। उस दौरान संसद के दोनों सदनों के बीच कई अहम बिलों पर चर्चा हुई थी और कई अहम कानून भी पास कराए गए थे। शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर भी विपक्ष केंद्र से जवाब मांग रहा था। विपक्षी दलों की मांग थी कि संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन में बयान में दें। जबकि केंद्र सरकार का कहना था कि विपक्ष सदन में अहम मुद्दों पर चर्चा करने से बच रहा है। शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदन से 140 से ज्यादा सांसदों को निलंबित भी किया गया था। दोनों ही सदन से सांसदों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित किया गया था। सांसदों के निलंबन को लेकर बाद में विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया था और संसद भवन से एक मार्च भी निकाला था।