क्या कभी सुना है कि फूल भी कर सकते हैं आपकी बीमारियों का इलाज
लखनऊ। फूलों का उपयोग अक्सर सजावट, धार्मिैक आयोजनों और खुशी तथा गम दोनों प्रकार के अवसरों पर होता है। या इस बात को यूं कह सकते हैं कि फूल हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं और वे न केवल आपके आस-पास की सुंदरता को बढ़ाते हैं। अब अगर कोई आप से ये कही कि ये फूल कई बीमारियों का इलाज करने में भी मददगार साबित हो सकते है तो शायद आप यकीन नहीं करें लेकिन यह सच है। कई खूबसूरत दिखने वाले फूलों में त्वचा की समस्याओं से लेकर कई तरह के संक्रमणों को ठीक करने की ताकत होती है। आपको बता दें कि कुंभी के फूल, गुलाब और केसर के फूलों का इस्तेमाल औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। इनका सेवन पंखुडियों के रूप में या जूस और काढ़े के रूप में भी किया जा सकता है। इसे टिंचर के रूप में शरीर पर लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास फूलों के बारे में जो औषधीय रूप में आपकी मदद कर सकते हैं।
गुलाब का फूल
गुलाब के फूलों में टैनिन, विटामिन ए, बी और सी होता है। गुलाब के फूल के रस का उपयोग शरीर की गर्मी और सिरदर्द को कम करने के लिए किया जाता है। सूखे फूल गर्भवती महिलाओं को मूत्रवर्धक के रूप में दिए जाते हैं और पंखुडिय़ों का उपयोग पेट की सफाई के लिए किया जाता है। गुलाब की पंखुडिय़ों का उपयोग मुरब्बा जैसी मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है और जो पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। गुलाब की पंखुडिय़ों का उपयोग खांसी, अस्थमा, फेफड़ों की समस्याओं जैसे ब्रोंकाइटिस और पाचन समस्याओं जैसे अपच और पेट फूलना को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। गुलाब जल से आंखों की जलन दूर की जा सकती है। कब्ज को कम करने के लिए गुलाब की चाय का सेवन किया जा सकता है।
चंपा
इन सुगंधित फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में त्वचा रोग, घाव और अल्सर जैसी विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है। चंपा फूल का काढ़ा मतली, बुखार, चक्कर आना, खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
हिबिस्कस यानी गुड़हल का फूल
गुड़हल के फूल की पंखुडिय़ों और पत्तियां लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और नारंगी रंग में पाई जाती हैं। हिबिस्कस का उपयोग आयुर्वेदिक चाय बनाने में किया जाता है जो रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह लूज मोशन, पाइल्स, ब्लीडिंग के साथ-साथ बालों के झडऩे, हाई ब्लड प्रेशर, खांसी में भी मदद करता है।
गोल्डन शावर ट्री के फूल
गोल्डन शावर ट्री में पीले फूल होते हैं जो इसके पेड़ से लटकी लंबी जंजीरों में दिखाई देते हैं। यह त्वचा रोगों, हृदय रोगों, पीलिया, कब्ज, अपच और यहां तक कि कान के दर्द में भी उपयोगी है।
कमल
कमल में सफेद या गुलाबी रंग के बड़े फूल होते हैं। कमल के फूल का जबरदस्त आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अर्थ है। यह तापमान, प्यास, त्वचा रोग, जलन, फोड़े, दस्त और ब्रोंकाइटिस को कम करने में कारगर साबित हो सकते है।
गुलदाउदी
गुलदाउदी में सजावटी पीले फूल होते हैं। इस फूल का रस या आसव चक्कर आना, उच्च रक्तचाप, फुरुनकुलोसिस को ठीक करने में मदद करता है। इसकी पंखुडिय़ों से बनी गर्म चाय शरीर के दर्द और बुखार को कम करने में मदद करती है। सूजी हुई आंखों को ठीक करने के लिए ठंडा होने के बाद इसमें रुई भिगोकर आंखों पर लगाएं। इसका उपयोग पाचन विकारों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
चमेली
सुगंधित सफेद फूलों से बनी चमेली की चाय का इस्तेमाल लंबे समय से चिंता, अनिद्रा और तंत्रिका तंत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। यह पाचन संबंधी समस्याओं, मासिक धर्म के दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी फायदेमंद साबित होता है।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं यह किसी भी दवा अथवा चिकित्सा पद्धति का विकल्प नहीं हो सकते हैं हम इनकी प्रमाणिकता व सत्यता की पुष्टिï नहीं करते हैं इनका उपयोग करने से क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।