भाजपा का उत्तराखंड वाला दांव नहीं चल पा रहा उत्तर प्रदेश में
- विधान सभा चुनाव से पहले योगी का कद घटाना चाहते हैं पीएम
- संघ भी जोर आजमाइश में लगा पर सीएम को साधना आसान नहीं
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर कतरने के लिए पूरी बीजेपी लगी हुई है। तीन दिन से लगातार राजधानी लखनऊ में बैठकें चल रही हैं। बावजूद केंद्र, संघ, नाराज कैबिनेट मंत्रियों व विधायकों के सारे दांव फेल होते नजर आ रहे हैं। भाजपा का उत्तराखंड वाला दांव यूपी में नहीं चल पा रहा है। हालांकि संघ भी जोर आजमाइश में लगा हुआ है पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को साधना इतना आसान नहीं। एके शर्मा पूरे मामले में चुप है। बीजेपी को समझ नहीं आ रहा कि आखिर क्या करें। पार्टी में बगावत का दौर है। मोदी और योगी के बीच जंग और तेज हो गई है। अब देखना यह है कि संघ किसके साथ खड़ा है। यह बात निकलकर आई चर्चित पत्रकार शरत प्रधान, देश के जाने माने पत्रकार अशोक बानखेड़े, राष्टï्रदूत की ब्यूरोचीफ रेणु मित्तल व 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के साथ एक लंबी परिचर्चा में।
परिचर्चा में वरिष्ठï पत्रकार अशोक बानखेड़े ने कहा, ये आज की लड़ाई नहीं है। विधान सभा चुनाव के नतीजे जब आए थे तब से ये लड़ाई चल रही है। मोदीजी और योगी में पहले से ही मनमुटाव था। अब जब मुख्यमंत्री योगी ने पांच साल यूपी में बेहतर निकाल दिया तो मोदी को समझ आ गया कि अब मेरे सामने चुनौती है। संघ भी जानता है कि योगी हिन्दुत्व का बड़ा चेहरा हंै। ऐसे में अभी संघ और बीजेपी की लड़ाई है। अब देखना ये है कि अगर योगी की हार होती है तो संघ की हार भी तय है और अगर मोदी की जीत होती है तो बाकियों को फायदा मिल जाएगा। दो-तीन दिन से यूपी में सियासी ऊंट किस ओर करवट लेगा यह जानने में सभी लगे हैं।
वरिष्ठï पत्रकार शरत प्रधान कहते हैं कि यूपी में जो ये अचानक बीजेपी बैठकें कर रही हैं इससे साफ है कि उथलपुथल होगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का पद भी खतरे में है। केशव को फिर से प्रदेशाध्यक्ष का मौका मिल सकता है। बड़ी बात यह है कि बीजेपी और संघ के बीच कोई है तो वो है नरेंद्र मोदी, जिसकी अपनी अलग रणनीति है। पार्टी उसको फॉलो भी करती हैं। वर्तमान में यूपी की राजनीति में मोदी का बड़ा टेस्ट है। अब योगी को किस तरह मनाया जाए, किस तरह सरकार व संगठन के बीच तालमेल बनाया जाए। मोदी ने एके शर्मा को दो साल पहले रिटायर कर एमएलसी बनवाकर यूपी की राजनीति में भेजा तो यह बहुत बड़ा मैसेज है कि योगी के पर कतर दिए जाएं। संघ और योगीजी और मोदी में किसकी ज्यादा चलती है। वोट आज भी नरेंद्र मोदी के नाम पर मिलता है। योगी आदित्यनाथ ने आज तक कोई इलेक्ïशन नहीं लड़वाया, जिसमें बीजेपी को फायदा मिला हो। पंचायत चुनाव में जिस तरह भाजपा की हार हुई है। ऐसे में साफ है कि योगी को मोदी साइडलाइन करना चाहते हैं।
परिचर्चा में राष्टï्रदूत की ब्यूरोचीफ रेणु मित्तल ने कहा, बंगाल में बीजेपी चुनाव हारी है। यूपी में इलेक्ïशन आ रहा है। चुनाव से छह महीने पहले आखिर योगी को क्यों हटाना चाहती है बीजेपी जबकि योगी को हटाना आसान काम नहीं है। उत्तराखंड में जिस तरह मुख्यमंत्री को हटाया गया उस तरह योगी तो नहीं हटाए जा सकते क्योंकि योगी आज की डेट में पॉवरफुल है। चुनाव पूरी तरह से लड़ना है। मोदीजी को यूपी चाहिए ही चाहिए। इसके लिए चाहे जो बदलाव करना पड़े। मोदी लॉबी यही चाहती है। पर यूपी में सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां मुख्यमंत्री के अलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं है।
कानपुर में पूर्व आईएएस एसपी सिंह सहित तीन के खिलाफ एफआईआर
- भाजपा कार्यकर्ता कुशवाहा ने वायरल ऑडियो को लेकर कल्याणपुर थाने में दर्ज करवाया मुकदमा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में ट्वीट करने के एवज में दो रुपए के भुगतान वाले वायरल ऑडियो को लेकर कानपुर के कल्याणपुर थाने में पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा भाजपा से जुड़े रावतपुर के सैय्यद नगर निवासी अतुल कुशवाहा की ओर से दर्ज कराया गया। वायरल ऑडियो में अतुल का नाम भी लिया जा रहा है, जिसको लेकर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि ऑडियो के जरिए उन्हें, सरकार और मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। पुलिस ने आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। भाजपा कार्यकर्ता ने दावा किया है कि वायरल ऑडियो में उनका नाम लिया गया है। अतुल कुशवाहा ने पुलिस से शिकायत की है कि पुनीत सैनी ने हिमांशु सैनी नाम के व्यक्ति से फोन पर बातचीत करते समय दो रुपये में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में ट्वीट करने की बात कही। एक साजिश के तहत पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने उसे वायरल किया।
क्या है पूरा मामला
दो दिन पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री के समर्थन में ट्वीट करने वालों को दो रुपए देने की बात कही जा रही है। दावा है कि यह कथित ऑडियो मुख्यमंत्री के इंटरनेट मीडिया अकाउंट को संभालने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों के बीच वार्तालाप का है। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने इस ऑडियो को ट्वीट किया और सरकार पर निशाना साधा था। वायरल ऑडियो में बातचीत में एक व्यक्ति ने पूछा कि किसका ट्रेंड है, तो दूसरे ने जवाब दिया कि यू तुम छोड़ो न। ये अतुल जी का ट्रेंड है।
खाना बनाते समय घर में विस्फोट आठ की मौत, सात गंभीर घायल
- गोंडा के वजीरगंज थाना क्षेत्र के टिकरी ठठेरपुरवा गांव की घटना
4पीएम न्यूज नेटवर्क. गोंडा। वजीरगंज थाना क्षेत्र के टिकरी ठठेरपुरवा गांव निवासी नूरुल हसन के घर देर रात हुए विस्फोट में मकान भरभराकर गिर गया। इसके नीचे 15 लोग दब गए। इसमें आठ लोगों की मौत हो गई। सात घायलों को जिला अस्पताल में उपचार के लिए रेफर किया गया है। परिवार जन सिलेंडर विस्फोट होने की बात कह रहे हैं। आईजी डॉ. राकेश सिंह, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र समेत जिले के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। बताया जाता है कि टिकरी के ठठेर पुरवा गांव निवासी नूरुल हसन के घर मंगलवार की रात करीब दस बजे अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना भयानक था कि पूरी छत भरभरा कर गिर गई। ग्रामीणों ने मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। 15 लोगों को मलबे के नीचे से निकाला गया। इनमें निसार अहमद, शमशाद, शायरुनिशा, रुबीना बानो, मोहम्मद शोएब, मेराज व नूरी सबा की मौत हो चुकी थी। शहबाज का भी शव बरामद हो चुका है। जेसीबी से मलबा हटाया जा रहा है। वहीं नूरुल हसन, इरशाद अहमद, निजाम, रेहान अहमद,अलीशा, मोहम्मद जैद, गुलनाज बानो घायल हैं। परिवारजन के मुताबिक खाना बनाते समय सिलेंडर विस्फोट होने से घटना हुई है जबकि दूसरे छत पर सन का गोला बरामद हुआ है। ग्रामीण के मुताबिक इस्लाम मनिहारी का काम करता था। गोले में आग लगने से विस्फोट हो गया इससे दो मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई। हालांकि पुलिस बारूद से विस्फोट होने की पुष्टि नहीं कर रही है। प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि खाना बनाते समय अचानक सिलेंडर फट गया। इसमें आठ लोगों की मौत हो गई। दो सिलेंडर बरामद हुए हैं जबकि एक सिलेंडर फट गया है। मलबा हटाने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है।
बिहार में ड्यूटी के दौरान पुलिस नहीं कर सकती मोबाइल का इस्तेमाल
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। बिहार में ड्यूटी के दौरान पुलिस अधिकारी और जवान मोबाइल या टैब का अनावश्यक इस्तेमाल नहीं करेंगे। पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। पुलिस मुख्यालय ने ड्यूटी के दौरान अनावश्यक मोबाइल और सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। डीजीपी एसके सिंघल ने बीते दिन यह आदेश जारी किया है। आदेश का उल्लंघन अनुशासनहीनता मानी जाएगी। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि यह अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। लिहाजा इस आदेश को सख्ती से पालन करना है। बता दें कि सूबे में कई पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान फोन इस्तेमाल करते हुए देखा जा रहा था, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने यह कदम उठाया है। आदेश के मुताबिक, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब ड्यूटी के दौरान पुलिस अधिकारी और जवानों की ओर से बेवजह मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। मोबाइल का अनावश्यक इस्तेमाल या फिर सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से जुड़कर मनोरंजन करते हैं। इससे कर्तव्य के दौरान पुलिसकर्मियों का ध्यान भटकता है। साथ ही पुलिस की छवि खराब होती है। कानून व्यवस्था बनाए रखने, वीआईपी मूवमेंट, यातायात व्यवस्था, चौक-चौराहों या अन्य महत्वपूर्ण स्थान पर पुलिस अफसरों और जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है। इस दौरान कर्तव्य के प्रति सजग रहना जरूरी है। आदेश में कहा गया है कि समाज को पुलिस से बहुत सारी अपेक्षाएं हैं, अगर पुलिस ही अपना कर्तव्य सही तरीके से नहीं निभाएगी तो इसका संदेश गलत जाएगा।