‘भाजपा कभी भी भगवान श्रीराम के रास्ते पर नहीं चल सकती’

अब जनता बहकावे में नहीं आएगी: अखिलेश

  • भाजपा पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों के खिलाफ, यह मिलकर हरायेंगे
राम मंदिर के नाम पर जश्न मनाकर और चारों ओर हो हल्ला मचाकर भाजपा चाहें जितना लोगों को गुमराह कर ले, लेकिन भाजपा कभी भी भगवान श्रीराम के रास्ते पर नहीं चल सकती और न ही भगवान श्रीराम पर अपना अधिकार जमा सकती है। इसलिए अब जनता भाजपा के बहकावे में नहीं आएगी। ये कहना है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। भरी सर्दी में देश के गर्म चुनावी मौसम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने छात्र जीवन और मिलेट्री स्कूल से लेकर वर्तमान समय की राजनीति, इंडिया गठबंधन की आगे की प्लानिंग, इंडिया गठबंधन में मायावती की एंट्री, कांग्रेस और सपा के बीच के सामंजस्य और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को किस तरह से पटखनी देनी है तक इन तमाम मुद्दों पर समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा बनाए गए फिनिक्स पलासियो मॉल में 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के साथ चर्चा की। प्रस्तुत है इस चर्चा के कुछ प्रमुख अंश:-

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

  • अग्निवीर योजना पर आपका क्या मानना है? इंडिया गठबंधन की बैठक में भी आपने अग्निवीर योजना को बंद करने का प्रस्ताव रखा?
  • समाजवादी पार्टी कभी भी अग्निवीर योजना के पक्ष में नहीं है। अग्निवीर योजना सिर्फ गांव में रहने वाले पिछड़ों-दलितों के फौज में भर्ती होने से बेहतर हो रहे स्टेटस को रोकने के लिए लाई गई है। मैं देश के नौजवानों से आव्हान करूंगा कि इस बार भाजपा के इस फैसले के खिलाफ मतदान करें। समाजवादी पार्टी आने वाले दिनों में पक्की नौकरी और पक्की वर्दी पहनाएगी। इतना ही नहीं हम किसानों के कर्ज माफी के बारे में भी योजना बनाएंगे।
  • इंडिया गठबंधन तो बनकर तैयार है, लेकिन सपा और कांग्रेस के बीच तो सास-बहू जैसी लड़ाई चल रही है। ये क्यों?
  • हमारे बीच कोई लड़ाई नहीं है। इंडिया गठबंधन कैसे मजबूत हो उसके लिए समाजवादी पार्टी काम करेगी और गठबंधन के सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने का काम करेगी। हां, बड़ी पार्टियों को छोटे दलों को आगे निकलने का मौका देना चाहिए।
  • समय कम है सभी कह रहे हैं। लेकिन फिर भी आप और कांग्रेस अब तक सीट बंटवारे पर बात नहीं बना पाए हैं?
  • मेरी तरफ से सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। आप देखें भाजपा के जो प्रत्याशी हैं वो पांच लाख से ज्यादा वोट पा रहे हैं। इसलिए हमें और गठबंधन के दलों को वो प्रत्याशी उतारना पड़ेंगे जिसको 5 लाख से ज्यादा वोट मिल जाएं। इसके लिए उन्हें अपने विशेषज्ञों से ये बात करना चाहिए और आंकड़े निकालने चाहिए कि ऐसा कैसे किया जा सकता है। वो हमें सुझाव दे दें, हम हर सुझाव के लिए तैयार हैं।
  • आप कह रहे हैं कि कांग्रेस के पास ऐसे प्रत्याशी ही नहीं हैं जो पांच लाख से ज्यादा वोट पा सकें?
  • मैं ये नहीं कह रहा हूं। इंडिया गठबंधन में उत्तर प्रदेश में सपा, कांग्रेस, आरएलडी या जो भी साथी साथ आएं, हमें ये रणनीति बनानी पड़ेगी कि वो प्रत्याशी 5 लाख से ज्यादा वोट पा सके।
  • यूपी कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं वो चाहते हैं कि मायावती भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएं, लेकिन अखिलेश यादव नहीं मान रहे हैं?
  • हम उनका (बसपा) बहुत सम्मान करते हैं। लेकिन उनका दल भाजपा को हराने का काम कम करता है, सपा को हराने का काम ज्यादा करता है। अगर पिछले चुनावों और उनके प्रत्याशियों को देख लें तो बसपा ऐसे ही प्रत्याशी उतारती है, जिससे समाजवादी पार्टी को नुकसान हो जाए।
  • मतलब आप नहीं चाहते कि इंडिया गठबंधन में मायावती की एंट्री हो?
  • मेरे चाहने न चाहने का सवाल नहीं है, सवाल ये है कि हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना है जिससे भाजपा को लाभ पहुंचे।
  • कांग्रेस ने मायावती के गठबंधन में शामिल होने को लेकर क्या आपसे कभी चर्चा की?
  • कांग्रेस से मुझसे किसी ने ये बात नहीं की। जो लोग ये चर्चा चाहते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि ये समय नहीं है चर्चा का। समय खराब नहीं करना है। जिस तरह से भाजपा तैयारी कर रही है, सांस लेना तक मुश्किल हो जाएगा। ऐसी तस्वीरें, ऐसे वीडियोज टीवी पर आने लगेंगे। हमें पता होना चाहिए हम किस दल से लडऩे जा रहे हैं। हमें समय नहीं खराब करना है। इसलिए सपा ने नए साल के पहले दिन से ही संगठन स्तर पर तैयारी करनी शुरू कर दी है। मेरी कोई राय नहीं है। भाजपा को हराने के लिए क्या समीकरण हैं, बता दें हमें। सबसे बड़ी बात कल को गांरटी कौन लेगा? किसी पार्टी की गारंटी कौन लेगा? मैं तो सिर्फ अपनी गारंटी ले सकता हूं। मैं राजनीति में किसी भी दल की या नेता की गारंटी नहीं ले सकता।
  • अगर मायावती ने अधिकांश सीटों पर मुसलमान प्रत्याशी उतार दिए तो मुस्लिम वोट बंट जाएगा और यूपी में मुस्लिम वोट काफी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ये धारणा बना रही है कि मुस्लिम वोट इस बार उसकी तरफ है।
  • कांग्रेस क्या धारणा बना रही है, ये सभी समझते हैं। इसीलिए मैं कह रहा हूं ये वो समय नहीं है कि आप कोई साजिश करें या षड्यंत्र रचें। ये समय है जब सभी साथी जिनकी एक धर्मनिरपेक्ष प्रमाणिकता है, एकसाथ आकर भाजपा का मुकाबला करें।
  • अगर कांग्रेस बसपा के साथ चली गई और आपको छोड़ दिया, फिर क्या आपकी तैयारी है अकेले लडऩे की?
  • राजनीति में कल क्या होगा पता नहीं। अगर राजनीति करेंगे, तो राजनीति हम भी करेंगे। मैं हर परिस्थितियों में लडऩे के लिए तैयार हूं। लेकिन मेरी तरफ से नहीं होगा कि मैं गठबंधन को तोड़ दूं, या मेरा व्यवहार खराब हो। मैं उस दिशा में काम करूंगा जिससे इंडिया गठबंधन को मजबूती मिले।
  • कांग्रेस का कहना है कि अगर आपको ही मौका देते रहेंगे तो हम उत्तर प्रदेश में सिमट जाएंगे?
  • सवाल किसी पार्टी को बनाने का नहीं है, सवाल ये है कि भाजपा से संविधान को कैसे बचाना है। इसलिए इंडिया गठबंधन के दल एक साथ आए हैं। हमें उम्मीद है कि इस बात को वो महसूस करेंगे। क्योंकि समय बहुत कम बचा है। भाजपा ने पूरी तैयारी कर ली है। दिल्ली-यूपी में उनकी सरकार है, हर जगह आरएसएस-भाजपा के लोग बैठे हैं, इसलिए लड़ाई बड़ी है। हमें समय रहते मुकाबला करना होगा।
  • आप 4PM हैं पर कुछ चैनल फॉर PM की तरह कर रहे हैं काम
  • मैं आपके चैनल को बधाई देता हूं, क्योंकि आपका चैनल है ४पीएम, जबकि बाकी जो चैनल हैं वो फॉर पीएम हैं। यानी वो पीएम मोदी के लिए काम कर रहे हैं, जबकि आप सच्चाई को दिखाते हैं और जमीनी हकीकत को सामने रखते हैं। कम से कम आप घबराते और डरते नहीं हैं। जो बाकी बड़े-बड़े चैनल हैं वो सरकार के बजट से या पॉलिटिकल पार्टी के बजट से चल रहे हैं, लेकिन आपका चैनल सब्सक्राइब होकर चल रहा है। इसलिए आपका चैनल फॉर पीएम नहीं 4पीएम है।
  • ज्यादा गुस्सा कौन है? मध्य प्रदेश में आपने नाराजगी में प्रत्याशी उतार दिए?
  • वो बात अलग थी। वो प्रदेश की बात थी। मैं भूल गया। कांग्रेस को जो लगता था, उन्होंने वो ही फैसला किया। लेकिन इन बातों से अब कोई फायदा नहीं। सच्चाई ये है कि अब बेरोजगारी बढ़ गई है। जिस मॉल में हम बैठे हैं वो समाजवादियों की देन है। मैं तब इसे सरकारी मॉल बनाकर देना चाहता था, जो प्राइवेट मॉल से भी बेहतर होता। तब इसका नाम ‘शाम-ए-अवधÓ था। लेकिन जब सरकार बदली तो इन्होंने इसे प्राइवेट कंपनी को बेच दिया।
  • इस मॉल को बेचने पर आरोप भी लगे थे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि मॉल बेचा गया है जिसमें कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। क्या ऐसा हो सकता है कि डिप्टी सीएम आरोप लगा रहे हों और बिना मुख्यमंत्री को पता चले एक मॉल बिक जाए?
  • कभी-कभी सरकार के अधिकारी और मंत्रिगण ऐसे काम करते हैं कि मुख्यमंत्री को पता ही नहीं चलता कि ये काम हो गया है। लेकिन इसका मतलब ये है कि एक-दूसरे वो लड़ रहे हैं, एक-दूसरे की पोल खोल रहे हैं। इस बात को पूरा उत्तर प्रदेश जानता है।
  • योगी आदित्यनाथ या केशव प्रसाद मौर्य, दोनों में ज्यादा बेहतर इंसान कौन है? केशव मौर्य पर आप ज्यादा हमला करते हैं?
  • हमें तो दोनों को ही हटाना है। मैं इस पर कुछ क्यों कहूं। रही बात केशव पर हमले की तो ये आरएसएस-भाजपा के थिंक टैंक की रणनीति है कि जब भी कोई बात कहलायी जाए तो पिछड़े नेता को आगे किया जाए।
  • आप इस प्रचार तंत्र से निपटेंगे कैसे? हर घर में अयोध्या से लाकर चावल बांटे जा रहे हैं, प्रसाद बांटा जा रहा है। इस समय जो लड़ाई चल रही है वो मंडल बनाम कमंडल की चल रही है। आपको क्या लगता है इस बार मंडल भारी रहेगा या कमंडल भारी पड़ेगा?
  • पहली बात तो जो चावल बंट रहा है वो अयोध्या से नहीं आया है। ये चावल कहीं से भी खरीद लिया और रंग लिया है। फिर इसे बांट रहे हैं। ऐसा मुझे लगता है। क्योंकि हमारा धर्म ये कहता है कि अगर कोई कह भी देता है कि वो अयोध्या से आया है, तो हम मान लेते हैं। हम उससे पूछते नहीं हैं। इसलिए भाजपा से मुकाबला करने के लिए इंडिया गठबंधन को देरी नहीं करनी चाहिए। उसी दिशा में सपा काम भी कर रही है।
  • आपने इशारा कर दिया कि सपा के बिना अमेठी-रायबरेली जीतना आसान नहीं है?
  • मैं इशारा नहीं कर रहा हूं। मैंने इसलिए कहा कि वहां पर सपा चुनाव नहीं लड़ेगी। वहां पर सपा सहयोग करेगी। मैं सहयोग वहीं कर सकता हूं जहां पर सपा चुनाव नहीं लड़ेगी।
  • चर्चा चलती है कि दिल्ली और यूपी में लड़ाई चल रही है। क्या आपको लगता है कि वाकई में मोदी और योगी में लड़ाई है ?
  • लड़ाई अगर नहीं होती तो अभी तक उनके (सीएम योगी) पास अपने चीफ सेक्रेटरी नहीं बन पाए, जो सरकार चलाता है। न जाने कितने अधिकारियों के सपने तोड़े हैं इन चीफ सेक्रेटरी ने। बहुत से अधिकारी कुढ़ते-कुढ़ते रिटायर हो गए, लेकिन मजबूरन कुछ नहीं कर पाए। डीजीपी नहीं दे पाई सरकार। इतनी लूट, इतना भ्रष्टाचार किसी सरकार में नहीं दिखा जितना भाजपा सरकार में दिख रहा है। चाहें सड़क हो, गौशालाएं हों, बिजली विभाग हो, चाहे स्वास्थ्य सेवाएं हर जगह लूट व भ्रष्टाचार है। कोई कल्पना कर सकता है कि गरीब को इलाज ही न मिले? जबकि ये डबल इंजन की सरकार होने का दावा करते हैं। अगर ये डबल इंजन की सरकार है तो गरीबों को इलाज व दवाईयां क्यों नहीं मुहैया करा पा रहे हैं। इस सरकार ने एक भी ऐसा जिला अस्पताल नहीं बनाया, जिसमें गरीबों का इलाज हो सके। प्रधानमंत्री जी तमिलनाडु से लेकर गुजरात तक कई राज्यों में जा-जाकर निवेश ला रहे हैं वहां योजनाएं ला रहे हैं, लेकिन जिस उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं, जहां से खुद पीएम सांसद हैं, उस उत्तर प्रदेश की अनदेखी क्यों की जा रही है? दिल्ली वाले यूपी को पैसा क्यों नहीं दे रहे हैं? या फिर यूपी वाले दिल्ली वालों से पैसा नहीं मांग रहे हैं। इस सरकार ने अभी तक बिजली के कारखाने भी पूरे नहीं लगा पाए हैं।
  • जब आप मुख्यमंत्री थे तो आपने उत्तर प्रदेश के लोगों को दूसरे प्रदेशों में मौका नहीं दिया। जैसे अयोध्या में जो टेंट का काम हुआ है उसका ठेका गुजरात के ठेकेदार को दिया गया। उसकी कंपनी का शेयर पिछले एक साल में तीन सौ गुना बढ़ गया। यूपी में जितने बड़े ठेके होते हैं सब गुजरात के लोगों को दिए जाते हैं। गुजरात के लोगों का इस सरकार में कितना ध्यान रखा जा रहा है?
  • हालांकि, इन बातों को मैं नहीं कहना चाहता। लेकिन मैं सोचता हूं कि दिल्ली और यूपी वालों को ये नहीं करना चाहिए। यूपी के कारोबारियों को मार दें और अपने राज्य के अपने ही खास लोगों को आगे बढ़ाएं, ये गलत है। गुजरात के लोगों का हम स्वागत करते हैं, लेकिन अपने ही खास को और खास बनाना गलत है। उदाहरण के लिए बनारस में टेंट सिटी बना, एक हवा का झोंका आया सारे टेंट उड़ गए, लेकिन उसकी कंपनी को मुनाफा कम नहीं होने दिया गया। सारी गंदगी मां गंगा में गिरा दी गई। अयोध्या में भी ऐसे ही टेंट सिटी बनाए जा रहे हैं। वहां मौजूद सरयू नदी हमारे लिए काफी पवित्र है और उसमें स्नान करके हम बहुत ही पुण्य पाते हैं। अगर वो गंदगी अब सरयू में जाएगी, तो सरयू को मानने वाले, आध्यात्म से जुडऩे वाले लोगों को सोचना चाहिए कि इस टेंट सिटी से उनको क्या लाभ मिलेगा। सिर्फ मुनाफे के लिए अपने खासम खास लोगों को लाभ नहीं पहुंचाना चाहिए।
  • आप कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर सीमित कर रहे हैं? उनके प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि हम 80 सीटें जीत जाएंगे?
  • मैं कांग्रेस को दो सीटों पर सीमित नहीं कर रहा हूं। जितनी कांग्रेस पार्टी सीटें जीत सकती है उतनी बता दे, मैं उतनी ही सीटें दे दूंगा। अगर उनको लगता है कि 80 सीट जीत जाएंगे तो 80 ले लें, हम चुनाव ही नहीं लड़ते हैं। ये कोई सीरियस बात नहीं है। अगर गठबंधन में आपको लडऩा है तो सीरियस होकर बात करनी पड़ेगी।
  • कितना अच्छा लगता अगर मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव व इंडिया गठबंधन के और भी साथी मौजूद रहते। विपक्ष की एकता की एक बड़ी तस्वीर सामने जाती?
  • मेरी कई इंडिया गठबंधन के नेताओं से बात हुई, उन सभी का कहना है कि ये कांग्रेस की यात्रा है। ये इंडिया गठबंधन की यात्रा नहीं है। तो जब यूपी में आएगी तो सपा विचार करेगी हमें कहां शामिल होना है। अगर बुलाएंगे तो। हमें तो राम मंदिर का भी निमंत्रण दिल्ली से नहीं आया, अयोध्या से आया है वो भी स्पीड पोस्ट से न कि कुरीयर से।
  • आपको क्या लगता है कांग्रेस को इस यात्रा में शामिल होने के लिए इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों को बुलाना चाहिए था?
  • मैं इस सवाल को उनसे करने के लिए खुद को उतना समझदार और सूझबूझ वाला नहीं मानता हूं। तभी मैं कह रहा हूं मुझे न अयोध्या वालों ने बुलाया, न ही इन्होंने बुलाया। तो जब बुलाएंगे तब हम जाएंगे।
  • भगवान से दूरी नहीं है, तो क्या इन लोगों से आपकी दूरी है?
  • मेरी कोई दूरी नहीं है। अमेठी-रायबरेली जब यात्रा आएगी और अगर बुलाएंगे तो जरूर जाएंगे।
  • कुछ दिन पहले काफी चर्चा रही कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन अखिलेश को बुला रहे हैं और अखिलेश जा रहे हैं। ये नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, स्टालिन और अखिलेश यादव का मिलकर एक नया मोर्चा बन रहा है। ये क्या है?
  • ये कोई मोर्चा नहीं है, ये इंडिया गठबंधन का ही एक हिस्सा है। इंडिया गठबंधन के अंदर पीडीए हमारी रणनीति है। पीडीए को मजबूत करने के लिए हम कदम उठाएंगे। क्योंकि पीडीए ही इस देश को बचाएगा और पीडीए ही भाजपा से मुकाबला करेगा।
  • एक ओर आप हैं आप पूजा पाठ करते हैं, नवरात्रि पर कन्याभोज खिलाते हैं। लेकिन दूसरी ओर आपकी ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हैं, जो आए दिन हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान देते रहते हैं। आप और स्वामी प्रसाद की भाषा अलग-अलग है। तो क्या ये सपा की रणनीति का हिस्सा है कि सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति आप करेंगे और दूसरी ओर कहा जाता है कि पिछड़ों-दलितों को पूजा पाठ से रोका जाता है, उन्हें मंदिरों में नहीं घुसने दिया जाता है और स्टालिन वाली राजनीति स्वामी प्रसाद मौर्य करेंगे? वर्ना आप स्वामी प्रसाद को रोकते क्यों नहीं ?
  • हमारी पार्टी में इस तरह की कोई रणनीति नहीं है। जो बातें स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहीं उसमें भाजपा की जिम्मेदारी ज्यादा है। भाजपा क्यों उन्हें उकसाती है? मुझे तो भाजपा पूजा करने से रोकती है, हवन करने से रोकती है। अगर आप स्वामी प्रसाद के बारे में बात करते हैं तो ये भी तो सोचिए कि भाजपा के बड़े नेता ने क्या कहा कि सीता मां टेस्ट ट्यूब बेबी हैं। उनके और नेता भी भगवान और साधु-संतों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। इनके खिलाफ क्या कार्यवाही हुई है? जिस दिन भाजपा इन नेताओं पर कार्यवाही कर देगी, उस दिन हम भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक्शन ले लेंगे।
  • आपकी पार्टी के लोग भी ये मान रहे हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसा नहीं बोलना चाहिए?
  • देखिए धर्म और पूजा पाठ सबका व्यक्तिगत विषय है। हिंदू धर्म में कोई राम की पूजा करता है, कोई कृष्ण की तो कोई देवी मां की पूजा कर रहा है। आप मुझे बाध्य नहीं कर सकते कि ये ही पूजा करोगे आप। बहुत से लोग कपड़े भी दिनों के हिसाब से पहनते हैं। सबके अपने-अपने मत हैं। लेकिन ये सब बीजेपी की रणनीति है, वो असल मुद्दों  से भटकाने का काम करती है। बेरोजगारी चरम पर है, किसानों की आय दोगुनी नहीं हो रही है। अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं, पुलिस पुलिस के साथ गलत कर रही है। क्या कभी सोचा था कि उत्तर प्रदेश में ऐसा होगा? दिल्ली-लखनऊ ने मिलकर महंगाई बढ़ा दी और निवेश भी नहीं होने दिया।
  • आपके जाने के बाद जो उजड़ा उसके लिए आप लोग क्यों नहीं कुछ कर रहे हो? रिवर फ्रंट गंदगी का ढेर हो गया, जेपीएनआईसी उजड़ा पड़ा है, आप लोग क्यों नहीं मूवमेंट कर रहे हैं? हमें पीआईएल डालनी पड़ रही है?
  • कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आपकी अच्छी चीजों से जलते हैं। इनको जय प्रकाश नारायण जी से कोई मतलब नहीं, उनके मूवमेंट में हिस्सा नहीं लिया, इसलिए उनके कद को गिराने के लिए, उनके नाम को दबाने के लिए जेपीएनआईसी को बंद कर दिया। गोमती को साफ करने के लिए जो प्लान समाजवादियों ने बनाया कि नाले नदियों में न जाएं, गंदा पानी नदियों में न जाए, अंततोगत्वा वो ही काम सरकार को करना पड़ेगा। रिवर फ्रंट के जरिए समाजवादियों ने वो ही काम करके भी दिखाया। आने वाले समय में आप देखिएगा गोमती रिवर फ्रंट चलेगा। दुख इस बात का है कि ये सरकार नाले पर रिवर फ्रंट बना रही है। जबकि अक्सर रिवर फ्रंट नदियों पर बनता है। नाले पर सिर्फ इसलिए बना रहे हैं ताकि वहां रह रहे गरीबों के घर उजाड़ सकें। मुझे उम्मीद है हाईकोर्ट उनके दुख-दर्द को समझेगा। अगर रिवर फ्रंट बनाना है तो जहां तक सपा ने बनाया है उससे आगे तक बना दें। लेकिन ये हर अच्छी चीज से चिढ़ते हैं।
  • आपकी पिछड़े-दलित वाली गाड़ी को पंचर करने के लिए सुना है ओपी राजभर जी को बहुत बढिय़ा मंत्रालय मिलने वाला है?
  • मंत्रालय या कुर्सी कुछ भी मिल जाए, पिछड़ों को कुछ नहीं मिलने वाला। किसी एक व्यक्ति के मंत्री बन जाने से पिछड़ों का भला नहीं होगा। पिछड़ों का भला तब होगा जब उस नीयत के लोग रहें। अब तो पिछड़े ही पिछड़ों को धोखा दे रहे हैं।
  • आप उत्तर प्रदेश में जाति जनगणना की बात कर रहे हैं, तो ये सवाल क्यों नहीं उठता कि जिसकी 5-6 प्रतिशत हिस्सेदारी है वो यहां पर और उत्तराखंड में सीएम बने बैठे हैं और जिसकी आबादी 50-60 प्रतिशत है उन्हें आप बार-बार ‘स्टूल मंत्रीÓ बताकर उनका मजाक उड़ाते हैं?
  • सवाल ये नहीं है कि कोई स्टूल मंत्री है या क्या है। वो लोग जहां पर काम कर रहे हैं वहां गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। आबादी गिनी जाए, जनसंख्या की गणना हो और जिसकी जितनी जाति हो, उसको उस हिसाब से सम्मान मिलना चाहिए। समाजवादियों की ये लड़ाई बहुत पुरानी है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में इस लड़ाई में हम लोग कामयाब होंगे।
  • चुनाव सिर पर है, समाजवादी पार्टी की मुख्य रणनीति, मेन प्लानिंग क्या होगी, जिससे आपको लगता है कि लोग राम मंदिर के उफान के आगे आपको वोट करें? कौन-कौन से मुद्दे हैं जिनको लेकर सपा लोगों के बीच में जाएगी और कहेगी हमें वोट करें हम देश को ये मॉडल देंगे?
  • देखिए, भाजपा की कोशिश है कि वो भगवान श्रीराम के नाम पर सबको अपमानित कर दें, भगवान श्रीराम के नाम पर अपना अधिकार जमा लें। लेकिन वो भगवान श्रीराम पर अपना अधिकार नहीं जमा सकते। क्योंकि भगवान राम का मर्यादा पुरुषोत्तम का जो रास्ता था, वो रास्ता भाजपा का नहीं है। भगवान श्रीराम ने जो-जो किया, पिछड़े, दबे, कुचले सबको अपने साथ लाकर लंका पर जीत हासिल की, वो रास्ता भाजपा का नहीं है। इसलिए बीजेपी कामयाब नहीं होगी। कितनी भी खुशी मना ले, लेकिन जो दूर बैठा गरीब है उसे मालूम है कि इससे उसे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। इस जश्न और खुशियों से भाजपा लोगों को गुमराह तो कर सकती है, लेकिन जब गरीब अपनी हालत को देखेगा कि उसके पास घर नहीं है, नौकरी नहीं है, उसके बच्चे बेरोजगार बैठे हैं उनके पास रोजगार नहीं है, कोई बीमार हो जाए तो इलाज कराने के लिए अस्पताल नहीं हैं और इस सरकार की जो पुलिस है वो आए दिन लोगों को मार रही है, पीट रही है, वो जनता कैसे भूलेगी। देश में महिलाएं सबसे ज्यादा आज असुरक्षित हैं। एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, देश में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। जो सरकार कहती थी कि एक गला कटने पर हम पाकिस्तान के सैकड़ों गले काट डालेंगे। अभी हाल ही में जो घटना हुई जितने जवान घर पहुंचे उनके घर वालों से कह दिया गया कि वो उनका मुंह तक नहीं देख सकते। आप समझ सकते हैं ये कितने दुख की बात है। जबसे भाजपा की सरकार आई है तबसे आतंकवादियों ने ज्यादा हमले किए हैं और ज्यादा जवान शहीद हुए हैं। जब हम जमीन पर ये सच्चाई लेकर जाएंगे, तो लोग इसे सुनेंगे। हम जनता को ये बताएंगे कि ये मान की लड़ाई है, इसलिए चुनाव आयोग से भी हम कहेंगे कि मतदान की जगह ‘मतमानÓ नाम कर दें। ताकि वो जिसको वोट करें वो उनका मान रखे। इस सरकार में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इतने सांसद लोकसभा में सिर्फ सवाल पूछना चाहते थे, लेकिन उन्हें लोकसभा से ही आपने बाहर कर दिया। क्या नई लोकसभा इसीलिए बनाई थी कि आप विपक्ष की आवाज ही नहीं सुनेंगे? अंग्रेजों तक ने जब संसद बनाई तो एक वेल एक स्थान दिया जहां विपक्षी सांसद जाकर आंदोलन कर सकें अपनी बात रख सकें। लेकिन आजाद भारत में जो लोकसभा बनाई गई उसमें आगे खड़े होकर विपक्ष आवाज नहीं उठा सकता। अगर आवाज उठाई तो आप उसे सदन से ही बाहर कर देंगे। ये बातें जनता के बीच में ले जाई जाएंगी। किसानों को बताएंगे कि उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। न अस्पतला हैं, न रोजगार है, सरकारी नौकरियों में आए दिन घोटाले हो रहे हैं। ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका जवाब भारतीय जनता पार्टी के पास नहीं है। जनता दो बार धोखा खा चुकी है, अब वक्त है जनता इनको सबक सिखाएगी। इस बार जनता इस धोखेबाज पार्टी से धोखा खाने वाली नहीं है। लोगों ने मन बना लिया है कि भाजपा को इस बार सत्ता से बाहर करके किसी अन्य पार्टी की सरकार को मौका देना है। समाजवादी पार्टी जनता के हित के लिए हमेशा तैयार है। हम जनता के बीच उन सारे मुद्दों को लेकर जायेंगे और लोगों को भाजपा सरकार की नाकामियों व उनके धोखों के बारे में बतायेंगे। हमें विश्वास है कि जनता अपनी समस्याओं को इस बार नजर अंदाज नहीं करेगी और भाजपा को सबक सिखायेगी।

 

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