मई महीने में महामारी का मौत का तांडव
नई दिल्ली। दुनिया और देश में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप जारी है। हालांकि, कुछ हद तक संतोष की बात यह है कि अब नए मामलों की संख्या में कमी आ रही है। इस साल अप्रैल और मई में लोगों पर कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया था। स्थिति इतनी खराब हो गई कि चारों ओर हाहाकार मच गया। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी से लोग सडक़ों पर मरने लगे। मई में कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया और रोजाना चार लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। किसी भी अन्य देश की तुलना में मई में भारत में सबसे ज्यादा मामले और सबसे ज्यादा मौतें हुईं।
पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के एक लाख 27 हजार 510 नए मामले सामने आए हैं। बड़ी बात यह है कि देश में आखिरी बार कोरोना के एक लाख 27 से भी कम मामले 13 अप्रैल को आए थे। तब देश में कोरोना के एक लाख 26 हजार मामले दर्ज किए गए थे। कल कोरोना से 2795 लोगों की मौत हुई। जिसके बाद अब तक देश में तीन लाख 31 हजार 895 लोगों की मौत हो चुकी है. अच्छी बात यह है कि अब एक्टिव केस कम हो रहे हैं। देश में फिलहाल 18 लाख 95 हजार 520 एक्टिव केस हैं।
भारत में किसी भी अन्य देश की तुलना में मई में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए गए। मई में देश में 90.3 लाख मामले सामने आए। हालांकि, 15 मई के बाद नए मामलों में कमी आने लगी। गौर करने वाली बात यह है कि अप्रैल में नए मामलों की संख्या 69.4 लाख थी। यानी मई में नए मामलों की संख्या अप्रैल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक थी।
वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के मुताबिक दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने दिसंबर 2020 में कोरोना से कहर बरपाया था। अकेले दिसंबर महीने में ही अमेरिका में 65.3 लाख केस दर्ज किए गए।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मई में भारत में 1.2 लाख लोगों की मौत कोरोना से हुई जबकि अप्रैल में 48 हजार 768 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि कई जानकारों का मानना है कि इस महामारी से मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से ज्यादा हो सकती है।
वर्ल्डोमीटर वेबसाइट के मुताबिक जनवरी 2021 मौत के मामले में मई के बाद दुनिया में सबसे खराब महीना रहा। जब अमेरिका में 99 हजार 680 मौतें दर्ज की गईं। इससे पहले दिसंबर 2020 में अमेरिका ने 83 हजार 849 लोगों की मौत की सूचना दी थी। इतना ही नहीं, ब्राजील में अप्रैल 2021 में 82 हजार 401 मौतें दर्ज की गईं, जो किसी एक महीने में सबसे ज्यादा मौतों के मामले में चौथे नंबर पर हैं।