महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा खत्म अखिलेश की बात में दम
- अभी तो सिर्फ मुख्यमंत्री छीना है आगे पिछड़ों के अधिकार भी छीनेगी बीजेपी : सपा प्रमुख
- बीजेपी ने कूटनीति की सारी हदें लांघी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रही महायुति गठबंधन का सियासी ड्रामा खत्म हो चुका है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैक गियर लगा लिया है, अजीत पवार ने खमोशी की चादर ओढ़कर देवेन्द्र फडणवीस का रास्ता क्लियर कर दिया है। महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री अगड़ी जाति के फडणवीस होने जा रहे हैं। फडणवीस के पक्ष में महौल बनाने के लिए भाजपा नेता कैलाश मंगला ने उनके सरकारी आवास ‘सागर’ के बाहर उन्हें मुख्यमंत्री घोषित करने की मांग वाला बैनर लटका दिया है जिसमें फडणवीस को शपथ लेते हुए दिखाया गया है।
फडणवीस पर समाजवादी पार्टी की ओर कटाक्ष करते हुए कहा गया है कि वहां एक पिछड़े व्यक्ति के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया। लेकिन वोट मिलने के बाद उसे हटा कर अगड़ी जाति के व्यक्ति को शीर्ष कुर्सी नवाजी जा रही है। यह कहां का इंसाफ है। सपा पीडीए की लड़ाई लड़ती रहेगी। महाराष्ट्र में अपने मुख्यमंत्री का सपना बीजेपी का पूरा होने वाला है। इस सपने को पूरा करने के लिए बीजेपी ने कूटनीति की सारी हदें लांघ कर एक नहीं बल्कि महाराष्ट्र की दो-दो सियासी पार्टियों का पोस्टमार्टम करने में गुरेज नहीं किया। एनसीपी और शिवसेना के विभीषण के जरिये आखिरकार सरकार बना ही ली। महाराष्ट्र में बीजेपी के समाने न तो कोई राजनीतिक मजबूरी है और न ही किसी बागी का डर। वहां न तो मध्य प्रदेश की तरह कोई शिवराज सिंह चौहान बचे हैं और ना ही हरियाणा जैसी राजनीतिक स्थितियां है। तभी तो बहुत संभलकर और सधे हुए अंदाज में करीने से एकनाथ शिंदे को किनारे लगा दिया गया। जबकि पूरा चुनाव एकनाथ के नाम पर लड़ा गया।
महायुति में कभी भी किसी के बीच कोई मतभेद नहीं : फडणवीस
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सर्मपर्ण के बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बयान जारी कर कहा कि हमारी महायुति में कभी भी किसी के बीच कोई मतभेद नहीं रहे हैं। हमने हमेशा मिलकर निर्णय लिए हैं और चुनाव से पहले भी हमने यही कहा था कि चुनाव के बाद हम साथ बैठकर निर्णय करेंगे। जिन लोगों के मन में कुछ शंकाएं थीं, उन्हें दूर करने का काम एकनाथ शिंदे ने किया है। जल्द ही हम अपने नेताओं के साथ बैठकर उचित निर्णय लेंगे।
एकनाथ ने खुद किया समर्पण
एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है। पीएम मोदी जो निर्णय लेंगे, वह मुझे मंजूर होगा। मैं चट्टान की तरह पीएम मोदी के साथ खड़ा हूं। पीएम मोदी भी चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े हैं। बीजेपी का मुख्यमंत्री मुझे मंजूर होगा। मुझे पीएम मोदी और अमित शाह का फैसला मंजूर है। पीएम मोदी जो कुछ भी निर्णय लेंगे, वह शिवसेना को मंजूर है। महायुति मजबूत है और हम सब मिलकर काम करने को तैयार हैं।
सपा की बात सच साबित हुई!
सपा के वरिष्ठ नेता मनोज यादव कहते हैं कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में पिछड़ों के हितों के लिए एतिहासिक कार्य किया है। उनके नाम पर चुनाव लड़ा गया और उन्हें ही हटा दिया गया । बीजेपी ने अभी तो पिछड़ों से सिर्फ मुख्यमंत्री का पद छीना है, आने वाले समय में महाराष्ट्र में पिछड़ों के और भी अधिकार छीने जाएंगे। महाराष्ट्र में बीजेपी का असली चेहरा सामने आने वाला है यदि फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाता है। अगर शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा रहा है तो वहां किसी पिछड़े को ही मुख्यमंत्री बनाया जाये। वह कहते हैं कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार इस तरह के आरोप बीजेपी पर लगाते रहते हैं कि वह पिछड़ों के हितो का ख्याल नहीं रखती है।
प्रियंका गांधी ने शुरू की नई सियासी पारी
- लोकसभा में नेहरू-गांधी परिवार की 16वीं सदस्य बनीं प्रियंका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विधिवत रूप से प्रियंका गांधी ने आज से अपनी सक्रिय राजनीति की शुरुआत कर दी है। उन्होंने सांसद के रूप में शपथ ले ली है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शपथ दिलाई। इसके साथ ही देश की संसद में गांधी परिवार के एक और सदस्य का प्रवेश हो गया है। प्रियंका गांधी नेहरू परिवार की 16वीं सदस्य हैं जो लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं। देश के संसदीय इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब लोकसभा में गांधी परिवार का कम से कम एक सदस्य न पहुंचा हो।
ऐसे भी मौके आए हैं जब गांधी-नेहरू परिवार से जुड़े 5-5 सदस्य लोकसभा में एक साथ पहुंचे। उधर सियासी गलियारें में यह चर्चा होने लगी है कि उनके आने से कांग्रेस ही नहीं इंडिया गठबंधन भी मजबूत होगी। संसद पहुंचने के बाद जब प्रियंका गांधी से पूछा गया कि पहली बार बतौर सांसद संसद भवन पहुंचकर उन्हें कैसा लग रहा है तो इस पर प्रियंका गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हैं। प्रियंका गांधी के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी संसद भवन पहुंचे।
प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेस सांसदों में भारी उत्साह
संसद की कार्यवाही भले ही नहीं हो पा रही है, लेकिन विपक्षी सांसदों में प्रियंका गांधी के संसद पहुंचने को लेकर काफी उत्साह है। यही वजह है कि संसद में प्रियंका गांधी के पहले दिन कांग्रेस सांसदों में उनके साथ तस्वीर खिंचवाने का उत्साह बना रहा। खुद राहुल गांधी भी प्रियंका गांधी की संसद भवन में तस्वीरें खींचते दिखाई दिए।
एमवीए से अलग नहीं होगी उद्धव सेना: संजय राउत
- बोले- हमने कभी दिल्ली से भीख नहीं मांगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने गुरुवार को पुष्टि की कि महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में कोई दरार नहीं है। उन्होंने अफवाहों को निराधार बताया और पुष्टि की कि उद्धव सेना एमवीए नहीं छोड़ रही है।
इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व वाला गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों में एक साथ लडऩे में सफल रहा। विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद अगर कोई यह (अफवाह) कहता है, तो यह उनकी निजी राय हो सकती है। जब हम आम चुनाव जीते थे, तो किसी ने नहीं कहा कि उद्धव सेना को गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए। एकनाथ शिंदे बालासाहेब का नाम लेते हैं और शिवसेना के नाम पर राजनीति करते हैं लेकिन उनके फैसले दिल्ली में होते हैं। बाला साहेब ठाकरे की शिव सेना का भविष्य कभी दिल्ली में तय नहीं हुआ।