बंगाल को बांटने की कोशिश कर रही भाजपा: टीएमसी
- तृणमूल ने की स्मृति ईरानी की आलोचना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के नरसंहार वाली टिप्पणी के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर जोरदार हमला करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। भाजपा ने मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह (बनर्जी) हिंदुओं के नरसंहार के लिए जानी जाती हैं और अब अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को महिलाओं पर यौन हमला करने की अनुमति दे रही हैं।
इसके बाद नई दिल्ली में ईरानी ने यह सख्त टिप्पणी की। टीएमसी ने भाजपा पर पश्चिम बंगाल को धर्म के आधार पर बांटने और सांप्रदायिक तनाव भडक़ाने को लेकर लगातार एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। टीएमसी नेता एवं मंत्री बीरबाहा हंसदा ने कहा, हम जानते हैं कि भाजपा को विपक्ष-शासित राज्यों में हर घटना का राजनीतिकरण करना है, लेकिन ईरानी को अपना राजनीतिक चश्मा उतार देना चाहिए। राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में महिलाओं के एक समूह द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि टीएमसी के स्थानीय बाहुबली नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों ने बलपूर्वक जमीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया और उनका यौन उत्पीडऩ किया।
मणिपुर व महिला पहलवानों पर बोलती बंद
मणिपुर से लेकर उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली तक, जहां प्रदर्शनकारी पहलवानों को सडक़ों पर घसीटा गया, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने इन मुद्दों पर बात नहीं की। हंसदा ने कहा, बंगाल की महिलाएं उन्हें बांटने की कोशिश को खारिज कर देंगी। वरिष्ठ टीएमसी नेता और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आश्चर्य जताया कि ईरानी भाजपा-शासित डबल इंजन वाले राज्यों, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा, कल ही, उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक खेत से एक नाबालिग का शव बरामद किया गया था। पिछले साल नवंबर में, चार लोगों ने कौशांबी जिले में 19-वर्षीय बलात्कार पीडि़ता की हत्या कर दी, क्योंकि उसने आरोपियों के खिलाफ मामला वापस लेने से इनकार कर दिया था। ईरानी ने इस पर बात क्यों नहीं की। उन्हें पहले इस पर बोलना चाहिए था। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस सोमवार सुबह केरल से कोलकाता पहुंचे और सीधे संदेशखालि गए। पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के कई अन्य विधायकों को संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने से रोक दिया।