सुप्रीम कोर्ट में आज संदेशखाली मामले पर सुनवाई, महिला शोषण की जांच प.बंगाल से बाहर कराने की अपील

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव इन दिनों चर्चा में है। गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया है। बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है। संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना हुआ है। इस बीच, आज महिलाओं के कथित उत्पीडऩ को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। याचिका में मामले की जांच और उसके बाद सुनवाई पश्चिम बंगाल से बाहर कराने की मांग की गई है।
वकील आलोक अलख श्रीवास्तव की तरफ से दायर याचिका में संदेशखाली के पीडि़तों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। साथ ही अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से न निभाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
संदेशखाली मामले पर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी। इससे पहले रविवार को उत्पीडऩ मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की खबर आई। तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा को एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। शिबू को हिरासत में भेजने का फैसला बशीरहाट सबडिवीजन कोर्ट ने सुनाया। इनके खिलाफ संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं।
बता दें कि संदेशखाली जाते वक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रोके जाने की घटना सामने आई थी। मजूमदार पुलिस कर्मियों के साथ झड़प में घायल हो गए। संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं के तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाए जाने के बाद से तनाव व्याप्त है।

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