कौन पोछेगा इन बेबसों के आंसू !
- अकबर नगर में गरीबों के आशियाने उजड़े
- सुबह से ही अयोध्या रोड पर खड़े हुए सरकारी वाहन
- प्रशासन की कार्रवाई से परेशान रहे लोग
- विपक्ष ने योगी सरकार को बताया तानाशाह
- सदमे में आकर एक युवक की मौत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आंखों में आंसू। चेहरे पर बेबसी। आशियाने के छीन जाने का गम। बदहवास बच्चें, महिलांए व बुर्जुग। इस तरह का माजरा देखने को मिला लखनऊ के अकबर नगर इलाके में। जहां दंभ में चूर सत्ताधीशों ने गरीबों के आशियाने को अवैध बताकर बुलडोजर चलाने का फैसला किया है। सत्ता में बैठे लोगों से सवाल यह है कि पहले तो लोगों को बसाया जाता है फिर अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ा जाता है। जो सरकार सारे लोगों को अपना छत मुहैया कराने के दावे कर रही है वही जब बेबस-निरीह लोगों के सर से छत उजाड़ेगी तब इन बेचारें लोगों के आंसू कौन पोछेगा। उधर इस कार्यवाही से सदमे में आकर एक युवक की मौत हो गई। इसका जिम्मेदार कौन है। सरकार का कर्तव्य है कि वह इन पीडि़तों के दर्द को समझे।
दरअसल कुकरैल रिवर फ्रंट योजना के अंर्तगत लखनऊ विकास प्राधिकर (एलडीए) विकास कर रही है। ऐसे में वह कुकरैल नदी के आस-पास के इलाकों को हटाने के लिए कार्रवाई कर रही है। इसमें वह उन लोगों के घरों को तोडऩे जा रहा है जो कोर्ट नहीं गए हैं। हालांकि वहां के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करवाने की कोशिश हो रही है। इन सबके बीच सियासत भी शुरू हो गई। सपा, कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने इस तरह के कार्रवाई को अमनावीय बताते हुए इसे बीजेपी सरकार की मनमानी बताई है। इससे पहले लखनऊ विकास प्राधिकारणक की कार्रवाई के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट याचिका लगाई थी। जिस पर अदालत मकान को तोडऩे के खिलाफ पड़ी याचिका पर फिलहाल रोक लगा दी थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की थी। इस फैसले के बाद मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम कर दिये हैं। उसी समय लखनऊ जिला प्रशासन वहां नजर बनाए रखने के लिए 24 घंटे अपने अफसर को तैनात किया थ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में हुई बैठक में अफसरों ने इलाके में फैलने वाली अलग-अलग तरह के अफवाहों को विराम देने और लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अगली सुनवाई तक 24 घंटे कैंप करने की नीति बनाई थी।
अफसरों की जल्दबाजी पर कोर्ट हुआ था नाराज
कोर्ट ने अपने आदेश में कार्यवाही को लेकर अफसरों की जल्दबाजी पर भी सख्त टिप्पणी की। जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने कहा था कि याची जमीन पर अपना स्वामित्व साबित नहीं कर सके हैं, लेकिन वे उस पर लंबे से काबिज हैं, यह साबित है। ऐसे में बिना उन्हें पुनर्वासित किए कार्यवाही नहीं चल सकती।
बाढ़ प्रभावित है इलाका : प्रशासन
प्रशासन को दावा है कि अकबरनगर में जिस जगह पर यह मकान बने हैं, वह अधिकतर क्षेत्र कुकरेल नदी का हिस्सा है। वहीं सिंचाई विभाग कि पिछले दिनों आई रिपोर्ट के मुताबिक यह क्षेत्र काफी असुरक्षित है और बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए यह जगह ठीक नहीं है। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक कुकरैल नदी में अगर बाढ़ आई तो पूरा अकबर नगर डूब जाएगा। एलडीए ने हाई कोर्ट में भी इसी रिपोर्ट को पेश किया है।
पुनर्वास योजना में गए कई लोग
इससे पहले जनवरी में एलडीए अकबर नगर में ध्वस्तीकरण को पहुंची। एलडीए और लोगों में जमकर नोकझोंक हुई। हाई कोर्ट ने अकबर नगर में ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार व एलडीए से कहा था कि पहले अकबर नगर के लोगों को पुनर्वास योजना में बसाए फिर आगे की कार्रवाई करें। वहीं लोगों को आवेदन के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था। उधर कोर्ट ने प्रशासन ने कहा था कि लोग जब नए भवनों में चले जाएं, उसके बाद उनके मकान एलडीए अपने कब्जे में लगा।
सारे बड़े अधिकारी और पुलिस फोर्स रहा मौजूद
सोमवार की सुबह से जिला, पुलिस, नगर निगम व प्राधिकरण के सारे अधिकारी मौके पर तैनात है। इससे पहले एलडीए में मंडलायुक्त रोशन जैकब, डीएम सूर्यपाल गंगवार ,एलडीए वीसी डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह समेत कई बड़े अधिकारियों ने बैठक कर आगे की रणनीति बनाई। रणनीति के तहत अकबरनगर क्षेत्र में अफसर द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई इसके साथ ही एक जोनल अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाकर उसकी पूरी जिम्मेदारी दी गई।
बिखरा था गृहस्थी का सामान
कार्रवाई के दौरान अयोध्या रोड पर बुलडोजर के साथ बड़ी तादाद में लोडिंग वाहन भी खड़े रहे। बादशाहनगर से लेखराज मेट्रो स्टेशन तक सड़क के दोनों किनारों पर हाफ डाले नजर आए, जिनमें लोग अपना सामान लादते रहे। इसके साथ सड़क पर हर तरफ लोगों की गृहस्थी का सामान रखा रहा। पुलिस को कार्रवाई देखने वालों को हटाने में भई मशक्कत करनी पड़ी। कुकरैल ओवरब्रिज पर भी लोग खड़े होकर लोग वाहन रोक-रोककर घटनाक्रम देखकर फोटो खींचते रहे। पुलिस और एलडीए की टीम उन्हें हटने के लिए अनाउंसमेंट करती रही।