यूपी में इंडिया गठबंधन में उम्मीदवारी पर भ्रम!
कन्नौज से अखिलेश के चुनाव लडऩे की मांग
- दूसरे चरण का चुनाव प्रचार चरम पर
- रायबरेली व अमेठी में अब भी प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही कांग्रेस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। दूसरे चरण का प्रचार अभियान आज थम जाएगा। सारे सियासी दल कमर कसने में जुट गए है। यूपी में इंडिया गठबंधन की सीटों पर उब भी उम्मीदवारों व उम्मीदारी को लेकर अभी भी उठापटक जारी हैं। जहां कांग्रेस रायबरेली व अमेठी में अब भी प्रत्याशी घोषित नहीं कर पार ही है। जबकि इन जगहों पर स्थानीय कार्यकर्ता अपने-अपने चहेतों को प्रत्यशी बनाकर पोस्टर लगा रही है। वहीं सपा में कई सीटों पर बार-बार प्रत्याशी बदलने की चर्चा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, एक बार फिर यूपी की कन्नौज सीट से प्रत्याशी बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। 22 अप्रैल को समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, इस लिस्ट में दो उम्मीदवारों के नाम थे।
जिसमें कन्नौज सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने परिवार के सदस्य और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा था, जबकि बलिया लोकसभा सीट से सनातन पांडेय को टिकट दिया गया था। फ्लैशबैक में जाएं तो अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल से विधायक बनने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद खुद संभाला। चाचा शिवपाल के साथ आने के बाद नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर कयासबाजी शुरू हुई, लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहे। लोकसभा चुनाव के दौरान उनके आजमगढ़ या कन्नौज से मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव और कन्नौज से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित कर उन्होंने इन संभावनाओं पर विराम लगा दिया था। सपा नेतृत्व के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता और नेता अखिलेश यादव के ही कन्नौज से चुनाव लडऩे की मांग कर रहे थे। उन्होंने अखिलेश यादव से अपना फैसला बदलने की गुजारिश की है। इसके चलते अखिलेश यादव ने खुद चुनाव लडऩे का फैसला लिया। हालांकि समाजवादी पार्टी की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव 25 अप्रैल को कन्नौज सीट से नामांकन दाखिल कर सकते हैं। इससे पहले खबर यह थी कि समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके पीछे सियासी निहितार्थ हैं। वह उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना चाहते हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए यूपी में बने रहना चाहते हैं।
अमेठी और गौरीगंज में लगे वाड्रा के पोस्टर
अमेठी के सियासी रण का रोमांच हर दिन बढ़ रहा है। कांग्रेस सपा गठबंधन से अभी तक दावेदार का एलान नहीं किया गया है। कांग्रेसियों का दावा है कि 26 अप्रैल के बाद राहुल गांधी यहां आएंगे, लेकिन, बुधवार की सुबह एक नया नजारा देखने को मिला। गौरीगंज कस्बे समेत कांग्रेस कार्यालय पर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि अमेठी की जनता करे पुकार, राबर्ट वाड्रा अबकी बार। यह पोस्टर गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय के साथ ही पूरे कस्बे में लगाए गए हैं। दरअसल, बीते चार अप्रैल को राबर्ट वाड्रा का एक बयान आया था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। क्योंकि 1999 के चुनाव में प्रियंका के साथ जब चुनाव प्रचार किया तो वह अमेठी ही था। उस समय की राजनीति अलग थी। वाड्रा के इस बयान के बाद अब गौरीगंज में जगह-जगह पोस्टर लगने से सियासत तेज हो गई है। इसकी खास वजह यह है कि कभी गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को भाजपा की स्मृति जूबिन इरानी ने 55 हजार 120 मतों के अंतर से हरा दिया था। अब जब 2024 के लिए चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। ऐसे में अभी तक कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर हो रही है। पहले राबर्ट वाड्रा का बयान और अब पोस्टर लगाए जाने के पीछे का निहितार्थ तलाशने की कवायद चल रही है।
चौथे चरण की 13 सीटों के लिए अबतक 80 प्रत्याशी मैदान में
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 सीटों के लिए अब तक 80 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किये गये। मंगलवार को 35 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इसके पहले 45 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। ददरौल विधानसभा उप निर्वाचन के लिए मंगलवार को एक प्रत्याशी ने नामांकन किया। इसके पहले दो प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। मंगलवार को शाहजहांपुर सीट के लिए तीन प्रत्याशियों ने नामांकन किया। खीरी लोकसभा सीट के लिए अब तक 04 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। धौरहरा से तीन प्रत्याशियों ने नामांकन किया। सीतापुर से 5 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। हरदोई (अजा) लोकसभा सीट के लिए दो प्रत्याशियों ने नामांकन किया। मिश्रिख (अजा) से एक. उन्नाव से तीन, फर्रूखाबाद से तीन, इटावा (अजा) से तीन, कन्नौज से तीन, कानपुर लोकसभा से छह, अकबरपुर से दो, बहराइच से एक और ददरौल से एक ने नामांकन किया।