नोएडा के बाद जयपुर के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, ब्लास्ट की बरसी पर आए ईमेल
नई दिल्ली। नोएडा के बाद शरारती तत्वों के निशाने पर अब जयपुर आ गया है। जयपुर के कई बड़े स्कूलों को धमकी भरे ई-मेल मिले हैं। इनमें स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। जयपुर में बम धमाकों की बरसी पर मिले इन ईमेल ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। बम निरोधक दस्ते सक्रिय हो गए हैं। स्कूलों में तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
जिन स्कूलों को ईमेल मिले हैं, वहां पुलिस टीमें पहुंच गई हैं। खोजी श्वान दल के साथ पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने स्कूल खाली करवाए और जांच शुरू कर दी है। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कहा कि अब तक चार बड़े स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने की सूचना है। बम निरोधक दस्ते के साथ पुलिस टीमें स्कूलों में पहुंच गई हैं। छात्रों और स्टाफ सदस्यों को स्कूल से बाहर निकालकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। ई-मेल भेजने वाले की पहचान करने की कोशिश कर रही है।वहीं, डीसीपी ईस्ट कवियेंद्र सागर ने बताया कि विद्याश्रम, माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के मोती डूंगरी और मालपुर ब्रांच के साथ ही माणक चौक स्थित सेंट टेरेसा स्कूल को ई-मेल के जरिए यह धमकियां मिली थी। इसके बाद स्कूलों में तत्काल पहुंचकर जांच शुरू कर दी गई है। अब तक कोई बम नहीं मिला है। बम निरोधक दस्ते मौके पर हैं। स्कूलों को खाली करवा लिया गया है।
एक दिन पहले यानी रविवार को जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ-साथ देश के कई हवाई अड्डों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। ईमेल में लिखा गया था कि दिल्ली, जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद, गुवाहाटी, जम्मू, लखनऊ, पटना, अगरतला, औंरगाबाद, बागडोगरा, भोपाल और कालीकट एयरपोर्ट की बिल्डिंग में बम छिपाए गए हैं। कुछ घंटों में ब्लास्ट होगा। इस मेल को धमकी मत मानिएगा। बम को निष्क्रिय कर दीजिए, नहीं तो कई निर्दोष लोगों की जान जाएगी। सीआईएसएफ की ऑफिशियल आईडी पर रविवार दोपहर आए ई-मेल से एयरपोर्ट प्रशासन में हडक़म्प मच गया था। हालांकि, किसी भी एयरपोर्ट पर कुछ नहीं मिला था।
इससे पहले करीब दो हफ्ते पहले नोएडा के स्कूलों को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसके बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। स्कूलों को खाली कराया गया था। हालांकि, किसी भी स्कूल में बम नहीं मिला था।
13 मई 2008 को जयपुर के परकोटे में आठ जगह सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 73 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 घायल हुए थे। इस मामले में कोर्ट ने बम धमाकों के दोषियों को 20 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी। 24 गवाह बचाव पक्ष ने पेश किए थे, जबकि सरकार की ओर से 1270 गवाह पेश हुए थे। सरकार की ओर से वकीलों ने 800 पेज की बहस की थी। कोर्ट ने 2500 पेज का फैसला सुनाया था। हालांकि, पिछले साल इन सभी दोषियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था।