यूपी में चल रही है माफियाओं की समानांतर सरकार: अखिलेश
अपराधियों को जिंदा पकडक़र वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए
आठ वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि दी, घायलों को 50-50 लाख देने की मांग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर के बिकरू गांव की घटना दिल दहला देने वाली है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस पर गोलियां बरसाई गईं। 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में आपराधिक जगत की सबसे शर्मनाक घटना है। ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का खामियाजा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है।
अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। हिस्ट्रीशीटर खुलेआम गुंडागर्दी करने पर तुले हुए हैं पर प्रदेश सरकार शांत बैठी है। जबकि अपराधियों को जिंदा पकडक़र वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए। सपा प्रमुख ने कानपुर नगर के चौबेपुर थानान्तर्गत बिकरू गांव में 8 वीरों की शहादत पर श्रद्धांजलि देते हुए संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने राज्य सरकार से शहीद पुलिसकर्मियों को एक-एक करोड़ तथा घायलों को 50-50 लाख रुपए देने की मांग की है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार की यह ऐतिहासिक नाकामी है। बेलगाम अपराधियों ने नृशंस हत्या ही नहीं की। मृत पुलिसकर्मियों के असलहे भी लूट ले गए। भाजपा राज में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। अब तो इस सच्चाई को स्वीकार करने में ही भाजपा सरकार की भलाई है कि उत्तर प्रदेश में माफियाओं की समानांतर सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री जी दावा करते रहे हैं कि उनके राज में अपराधी या तो जेल भेजे गए या प्रदेश के बाहर चले गए। भाजपा नेता विकास दुबे दुर्दान्त हिस्ट्रीशीटर है। उस पर इनाम था। 20 साल पहले थाने में घुसकर उसने हत्याएं की थीं। सपा प्रमुख ने कहा कि कानपुर की एक अकेली घटना नहीं। राजधानी लखनऊ के पारा क्षेत्र में एक मजदूर की कूच-कूच कर हत्या कर दी गई। लखनऊ के ही गोमतीनगर विस्तार में एक रिटायर्ड डीआइजी के घर में घुसे युवक की थाने के लॉकअप में मौत हो गई। उसके फांसी लगाने की कहानी बताई गई। प्रयागराज में 4 हत्याएं, अमरोहा में युवक की गोली मारकर हत्या, गाजियाबाद के साहिबाबाद में पिता और आठ साल की बच्ची की हत्या हुई और महोबा में पैरौल पर आए कैदी की हत्या हुई। सोनभद्र में निषादों की हत्या की गई। इन हत्याओं से प्रदेश थर्राया है। पूरा राज्य डरा-सहमा हुआ है। जब अपराधी बेखौफ होकर जेल से भी अपना कारोबार चला रहे हैं तो फिर जनता की रक्षा कौन करेगा?
3700 से अधिक हो सकती है फर्जी शिक्षकों की संख्या
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बनारस। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाण पत्र पर परिषदीय विद्यालयों में नौकरी करने वाले शिक्षकों की संख्या 37 सौ से अधिक हो सकती है।
फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी के निर्देश पर विश्वविद्यालय प्रमाण पत्रों का सत्यापन करा रहा है। अब तक सत्यापन में सर्वाधिक फर्जी अंकपत्र बलिया, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर और बागपत जिलों के मिले हैं। परिषदीय विद्यालयों की नियुक्ति में बड़ा घालमेल सामने आने की संभावना है। इसमें पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री और बीएड के फर्जी अंकपत्र व फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर 37 सौ से अधिक शिक्षक परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे हैं। संस्कृत विश्वविद्यालय अभी तक 69 जिलों के शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर चुका है। छह जनपदों के सत्यापन के लिए एसआईटी लगातार दबाव बना रही है। विश्वविद्यालय ने बाकी छह जिलों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए गोपनीय विभाग में कर्मचारियों की संख्या दुगुनी कर दी है।