तमिलनाडु में नेता भी सुरक्षित नहीं: मुरुगन

  • दलितों पर अत्याचारों के विरोध में उतरी बीजेपी
  • डीएमके ने किया पलटवार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु की राजनीति में द्रमुक और भाजपा के बीच भिड़ंत जारी। केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने आरोप लगाया है कि दलितों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अत्याचार हो रहे हैं और द्रमुक सरकार के शासन में राज्य में नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। कहा, मई 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ अत्याचारों में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में हर साल दलितों के खिलाफ अत्याचार के 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने 2022 से दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं और भाजपा नेताओं पर हमले और हत्या की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ‘पूर्ण विफलता’ को जिम्मेदार ठहराया। मुरुगन ने कहा,‘हाल ही में दलित नेता और बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की हत्या कर दी गई।’ अनुसूचित जाति के नेताओं और लोगों की कोई सुरक्षा नहीं है। द्रमुक सरकार में उन्हें उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अप्रैल 2023 में तमिलनाडु भाजपा के कोषाध्यक्ष शंकर की हत्या कर दी गई, उसके बाद अगस्त 2023 में एक छात्र की क्रूर हत्या की गई। उन्होंने कहा कि एक अन्य घटना में एक स्थानीय द्रमुक पदाधिकारी ने भाजपा तमिलनाडु युवा शाखा के नेता जगन पांडियन पर घातक हमला किया। मुरुगन ने कहा कि द्रमुक का दावा है कि वह सामाजिक न्याय की प्रणेता है, लेकिन सत्तारुढ़ पार्टी राज्य में सामाजिक न्याय के विचार का पालन नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 22 गांवों में पंचायत अध्यक्षों को जातिगत भेदभाव के कारण कुर्सी नहीं दी गई और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका गया। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, स्टालिन को राज्य में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के कारण सामाजिक न्याय के बारे में बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है।

भाजपा बार-बार हार के बाद भी नहीं ले रही सबक : स्टालिन

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि केंद्र में भाजपा ने तमिलनाडु में बार-बार चुनावी तौर पर शिकस्त खाने के बावजूद कोई सबक नहीं सीखा है। उन्होंने साथ ही भाजपा पर राज्य में प्रमुख परियोजनाओं के लिए धनराशि मंजूर नहीं करने का आरोप लगाया। स्टालिन ने आरोप लगाया कि जनता के लिए समर्पित कार्य विपक्षी दलों के लिए ईर्ष्या पैदा कर रहे हैं और इसीलिए वे दुष्प्रचार के माध्यम से राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिए है, चाहे उन्होंने द्रमुक को वोट दिया हो या नहीं, दूसरों में ऐसी उदारता नहीं देखी जा सकती।

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