बांग्लादेश से भागी शेख हसीना आखिर क्यों पीएम मोदी के पास आई, खेल समझिए!

बांग्लादेश में शुरू हुए आरक्षण को लेकर छात्रों के आंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया है... जिसकी आंच अब भारत पर भी आने की संभावना हैं... जिसको देखते हुए बांग्लादेश की हालात पर भारत नजर बनाएं हुए हैं... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बांग्लादेश में शुरू हुए आरक्षण को लेकर छात्रों के आंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया है… जिसकी आंच अब भारत पर भी आने की संभावना हैं… जिसको देखते हुए बांग्लादेश की हालात पर भारत नजर बनाएं हुए हैं… आपको बता दें कि लगातार पंद्रह साले से देश संभाल रहीं शेख हसीना ने देश को अपना जागीर समझ लिया था… और अपनी मनमानी से सारा काम कर रही थी… लेकिन शेख हसीना द्वारा दिए गए आरक्षण ने तूल पकड़ लिया और छात्र आंदोलित हो गए… बता दें कि छात्रों को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कड़ी मेहनत की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली और पांच अगस्त का दिन बांग्लादेश के इतिहास में दर्ज हो गया…. बता दें कि छात्रों के आंदोलन को विपक्ष का भी साथ मिला हुआ है… जिससे प्रदर्शन और बढ़ गया और हिंसा का रूप ले लिया… जिसको देखते हुए शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भाग गई.,.. वहीं अब बांग्लादेश की कमान सेना ने संभाल ली है… और शांति बहाली की कोशिश कर रही है…. लेकिन फिर भी प्रदर्शन शांत होने का नाम नहीं ले रहा है… वहीं बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारत ने बांग्लादेश से सटी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है… और बीएसएफ के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ सीमा पर नजर बनाएं हुए है… बता दें कि पड़ोसी मुल्क में अशांति के बीच मंगलवार को संसद में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई…. जिसमें सरकार ने अपना रुख साफ किया…. साथ ही विपक्ष के सवालों का जवाब भी दिया…. इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बांग्लादेश हिंसा में बाहरी ताकतों को लेकर सवाल किया…. इसपर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बाहरी ताकत का हाथ होने की बात करना अभी जल्दबाजी है…. हां, एक पाकिस्तानी डिप्लोमैट ने अपनी प्रोफाइल पिक्चर चेंज की है… और हिंसा का समर्थन किया…. वो अधिकारी ढाका में ही था…. लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी… बैठक में जयशंकर ने कहा कि हम बांग्लादेश आर्मी के टच में हैं…. और उन्होंने आगे कहा कि वहां बीस हजार भारतीय थे… जिसमें ज्यादातर छात्र थे… वहीं एडवाइजरी के बाद आठ हजार छात्र लौट आए हैं…. शेख हसीना को सरकार थोड़ा स्पेस देना चाहती है…. विपक्ष ने इस दौरान कहा कि वो इस मुद्दे पर सरकार के साथ है… तृणमूल कांग्रेस ने बॉर्डर के बारे में पूछा कि जिसपर सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी तक इतनी संख्या बॉर्डर पर नहीं आई कि चिंताजनक हो…. लेकिन क्लोज़ मॉनिटरिंग चल रही है….

बता दें कि छात्र आंदोलन, हिंसा, सैकड़ों लोगों की मौत और सोमवार को प्रदर्शनकारियों के मार्च के एलान के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने पद और देश छोड़ दिया… सरकारी नौकरियों में आरक्षण के ख़िलाफ़ शुरू हुआ ये छात्र आंदोलन, देशव्यापी प्रदर्शन में तब्दील होकर शेख़ हसीना की सरकार के पतन तक पहुंच गया…. वहीं सेना की ओर से देश में अंतरिम सरकार का गठन करने की घोषणा के बावजूद…. आंदोलन और बांग्लादेश में आगे क्या होगा ये अभी स्पष्ट नहीं है…. बता दें कि पांच अगस्त का दिन बांग्लादेश के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुआ…. वहीं शेख़ हसीना का लगातार पंद्रह साल से चला आ रहा शासन… और पांचवां कार्यकाल अचानक समाप्त हो गया…. वहीं आनन-फानन में हसीना को देश छोड़कर जाना पड़ा…. चार अगस्त को हुई व्यापक हिंसा के बाद पांच अगस्त की शुरुआत बेहद तनावपूर्ण हालात में हुई…. तनाव के मद्देनज़र सरकार ने सोमवार से बुधवार की छुट्टी की घोषणा कर दी थी…. बता दें कि सुबह दस बजे ही ढाका में सेंट्रल शहीद मीनार के पास अलग-अलग कॉलेजों और संस्थानों की भीड़ ‘ढाका मार्च’ में शामिल होने के लिए जुट गई थी…. आपको बता दें कि ‘स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट’ ने इस मार्च का आह्वान किया था…. पुलिस ने आंसू गैस और साउंड ग्रेनेड चलाकर छात्रों को हटाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही…. बांग्लादेश सरकार ने पच्चीस जुलाई को ही इंटरनेट बंद कर दिया था… फ़ेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी रोक लगा दी गई… लेकिन सोमवार को देश में पूरी तरह इंटरनेट बंद करने का आदेश दे दिया गया… ब्राडबैंड इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया…. न्यूज़ वेबसाइटें भी ऑफ़लाइन हो गईं…. सख़्त इंतज़ाम, दमन की कोशिशें और पाबंदियां लोगों को घरों से निकलने से नहीं रोक सकीं…. शहर के हर कोने से लोग बाहर सड़कों पर निकलने लगे…. वहीं 11 बजते-बजते ढाका के जतराबाड़ी इलाक़े में हज़ारों लोगों की भीड़ जुट गई… तैनात की गई पुलिस भीड़ को थामने के लिए नाकाफ़ी रही….

वहीं यहां गाड़ियों में सवार सैनिक भी सड़कों पर तैनात कर दिए गए….. पुलिस ने आंसू गैस, साउंड ग्रेनेड और गोलियां चलाकर भीड़ को रोकने की कोशिश की…. वहीं, दोपहर क़रीब 12 बजे ढाका के हबीबगंज इलाक़े में बोरो बाज़ार की तरफ़ बढ़ रही भीड़ पर पुलिस ने गोलीबारी की… इस घटना में छह लोगों की मौत हुई…. जिनमें नाबालिग बच्चे भी शामिल थे…. वहीं सोमवार के ढाका मार्च को रोकने के लिए दसियों हज़ार छात्रों, प्रदर्शनकारियों और विपक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया…. लेकिन इस सबके बावजूद बड़े पैमाने पर छात्र और आम लोग बाहर निकले… और शहीद मीनार से शाहबाग़ इलाक़े की तरफ़ बढ़े. रविवार को शाहबाग़ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसा में कई लोग मारे गए थे…. दोपहर क़रीब सवा एक बजे, बांग्लादेश में ब्राडबैंड इंटरनेट फिर से बहाल कर दिया गया…. ऑफ़लाइन हुई वेबसाइटें लाइव आने लगीं…. सोशल मीडिया वेबसाइटों पर लगी पाबंदियां भी हटने लगीं…. हालांकि, इंटरनेट बहाल किए जाने का कोई अधिकारिक आदेश नहीं आया…. इसी बीच, देश के सेना प्रमुख ने अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ सेना मुख्यालय पर बैठक की….. इस बैठक में नागरिक समूहों से जुड़े लोग और बुद्धिजीवी भी शामिल हुए…. ढाका यूनिवर्सिटी के क़ानून विभाग के प्रोफ़ेसर आसिफ़ नज़रुल को भी बैठक में बुलाया गया…. इसी बीच, दोपहर ढाई बजे, प्रधानमंत्री शेख हसीना के गणभवन से सैन्य हेलीकॉप्टर में निकलने की ख़बर आई…. उनकी बहन शेख़ रेहाना भी उनके साथ थीं…. गणभवन से हेलीकॉप्टर के उड़ने के कुछ मिनट बाद ही शेख़ हसीना के भारत के लिए रवाना होने की रिपोर्टें आने लगीं…. वहीं रिपोर्ट में बताया गया कि देश छोड़ने से पहले शेख़ हसीना राष्ट्र के नाम संबोधन रिकॉर्ड करना चाहती थीं…. लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौक़ा नहीं मिल सका….. दोपहर सवा तीन बजे, सेना प्रमुख वाकेर उज़्ज़मां ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ दिया है…. उन्होंने विमर्श के बाद अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा भी की…. सेना प्रमुख ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मौत में शामिल रहे लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए जाएंगे…. और शांति की अपील करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हम देश को ठीक से चलाने में कामयाब होंगे….

हालांकि, प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए…. अवामी लीग पार्टी के दफ़्तरों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी….. प्रधानमंत्री आवास में लगी बांग्लादेश के संस्थापक और शेख़ हसीना के पिता शेख़ मुजीबुर्रहमान की विशाल मूर्ति पर प्रदर्शनकारी चढ़ गए…. हथौड़े से इस मूर्ति को तोड़ने की कोशिश की गई… दोपहर ढलते-ढलते ढाका शहर एक तरह से प्रदर्शनकारियों के नियंत्रण में आ गया…. चीफ़ जस्टिस के घर में तोड़फोड़ हुई… प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन, स्मारकों में प्रदर्शनकारी घुस गए… धनमंडी इलाक़े में प्रमुख निवास स्थान सुधा सदन में आग लगा दी गई…. और इसे लूट लिया गया…. शेख़ हसीना सरकार के कई मंत्रियों के घर पर भी हमले हुए…. पार्टी के ऑफिसों को तोड़ा गया… शाम छह बजे सेना ने शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छह घंटों के लिए उड़ान के संचालन को निलंबित किए जाने की जानकारी दी…. देश में तेज़ी से बदल रहे हालात के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वाकेर उज़्ज़मां ने दोपहर दो बजे राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा की…. सेना ने एक बयान जारी कर सेना प्रमुख के संबोधन तक लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की…. इसी बीच सड़कों पर भीड़ बढ़ती गई…. लाखों लोग ढाका की सड़कों पर उतर आए…. बता दें कि एक जुलाई से चल रहे छात्र आंदोलन के बाद इक्कीस जुलाई को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लगभग समाप्त कर दिया था…. लेकिन इस फ़ैसले के बावजूद, बांग्लादेश के छात्रों और लोगों का आक्रोश शांत नहीं हुआ…. शेख़ हसीना के इस्तीफ़े की मांग ज़ोर पकड़ने लगी… यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से शुरू हुआ आंदोलन देश के कोने-कोने में पहुंच गया.. और विपक्षी दल भी सड़कों पर उतर आए…. छात्र संगठनों ने चार अगस्त से पूर्ण असहयोग आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी…. वहींम सरकार ने इन प्रदर्शनों का सख़्ती से रोकने का प्रयास किया… लेकिन लोग नहीं थमे… और छात्रों का प्रदर्शन बढ़ता गया और प्रदर्शन ने धीरे-धीरे हिंसा का रूप ले लिया…

आपको बता दें कि बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पांच अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए…. हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद…. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया…. बहुत ही कम समय में…. उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की अनुमति मांगी…. हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ…. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं…. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से बांग्लादेश संकट के बारे में संसद के उच्च सदन को अवगत कराने और उनकी पार्टी (आप) को आज केंद्र के इस मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का निमंत्रण न मिलने पर दिल्ली के मंत्री और आप नेता संजय सिंह ने कहा कि एस जयशंकर ने वहां की स्थिति के बारे में बताया…. और चूंकि ऐसी परिस्थितियों में हमें सरकार का समर्थन करना होता है… चूंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है…. इसलिए हमने कोई सवाल नहीं उठाया…. उनका जो भी बयान था…. विपक्ष ने उसे ध्यान से सुना लेकिन सबसे बड़ा अफसोस यह है कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर भी राजनीति हावी हो जाएगी….

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी पड़ोसी देश बांग्लादेश के मौजूदा हालात को लेकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के फैसलों के साथ है…. मायावती ने बांग्लादेश के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक का जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेजी से बदलते हुए राजनीतिक हालात के मद्देनजर आज की सर्वदलीय बैठक अति महत्वपूर्ण है… जिसमें सभी दलों द्वारा सरकार के फैसलों के साथ रहने का निर्णय उचित व जरूरी है…. बसपा भी इस मामले में केंद्र सरकार के फैसलों के साथ है…. बता दें कि बांग्लादेश में जारी प्रदर्शन और हिंसा के बीच भारत सरकार एक्टिव मोड में हैं… जिसको लेकर विपक्ष भी मोदी सरकार के साथ हैं…

 

 

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