महालक्ष्मी हत्याकांड में आया नया मोड़, ओडिशा में पेड़ से लटकी मिली कातिल की लाश, महिला को मारकर कर दिए थे 59 टुकड़े

नई दिल्ली। बेंगलुरु की 29 साल की महालक्ष्मी की हत्या से पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। महालक्ष्मी वो औरत थी जिसकी हत्या करके किसी ने उसके शव के 59 टुकड़े कर दिए थे और उसे फ्रीजर में भर दिया था। माना जा रहा था कि महालक्ष्मी की हत्या किसी अशरफ नाम के आदमी ने की थी, जिससे महिला का अवैध अफेयर चल रहा था लेकिन बाद में पुलिस जांच में हत्या का शक किसी और पर चला गया। अब इस हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है क्योंकि कातिल की लाश बरामद हुई है।
बेंगलुरु पुलिस ने महालक्ष्मी की हत्या करने और उसके शरीर को 59 टुकड़ों में काटने के लिए जिसको दोषी माना था और उसकी तलाश कर रही थी वो व्यक्ति अब ओडिशा में कथित तौर पर आत्महत्या कर चुका है। कथित तौर पर 30 वर्षीय मुक्ति रंजन रे ने खुद को एक पेड़ से लटका लिया और सुसाइड कर लिया। मुक्ति रंजन रे हत्या के बाद से फरार था। उसका शव ओडिशा के भद्रक जिले के धुसुरी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत एक गाँव में मिला। स्थानीय पुलिस ने बेंगलुरु पुलिस कर्मियों को सूचित किया था, जो इलाके में संदिग्ध की तलाश कर रहे थे।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार- मुक्ति रंजन रे मंगलवार को अपने गाँव गया था। बाद में, उसका शव गाँव के बाहरी इलाके में मिला। परिवार ने शव की पहचान कर ली है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले के विवरण को निर्धारित करने के लिए आगे की जाँच लंबित है।
पुलिस ने बुधवार को एक डायरी भी बरामद की, जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह मृतक मुक्ति रंजन रे की है, जिसमें उसने महिला की हत्या करने की बात कबूल की है, जिसका शव दक्षिणी महानगर में उसके घर के फ्रिज में मिला था।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार ओडिशा पुलिस ने पहले ही अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है। सुसाइड नोट के आधार पर, बेंगलुरु पुलिस ने पुष्टि की है कि वह इस जघन्य हत्या मामले का आरोपी है। इससे पहले आज, बेंगलुरु पुलिस ने 29 वर्षीय महालक्ष्मी की क्रूर हत्या में रे की पहचान मुख्य संदिग्ध के रूप में की है। पुलिस के एक सूत्र के अनुसार, रे और महालक्ष्मी सहकर्मी थे, और उसने किसी अन्य व्यक्ति के साथ उसके रिश्ते को लेकर असंतोष व्यक्त किया था। हालांकि, सूत्र ने इस व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया।
महालक्ष्मी ने आखिरी बार 1 सितंबर को काम पर रिपोर्ट की थी। उनके परिवार ने बताया कि उनका मोबाइल फोन 2 सितंबर से बंद था। 21 सितंबर को उनकी मां और बड़ी बहन ने उनके व्यालिकावल स्थित घर में कीड़ों से भरा उनका शव पाया, जिसे कई टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रखा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि महालक्ष्मी के शरीर को 59 टुकड़ों में काटा गया था। उनकी आंत के नमूने विष विज्ञान अध्ययन के लिए भेजे गए थे ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी मृत्यु से पहले उन्हें जहर दिया गया था या नहीं। फोरेंसिक टीमें रेफ्रिजरेटर पर मिले फिंगरप्रिंट की भी जांच कर रही हैं।
महालक्ष्मी पिछले काफी समय से अपने पति से अलग रह रही थी। पति को शक था कि महालक्ष्मी का अवैध संबंध एक मुस्लिम धर्म के व्यक्ति अशरफ से चल रहा था। वह इससे काफी नाराज था। बाद में दोनों के बीच दूरियां आ गयी थी जिसके कारण वह दोनों अलग अलग रह रहे थे। इसी बीच महालक्ष्मी की नजदीकियां अशरफ से हुई थी। महालक्ष्मी के कत्ल के बाद उसके पति हेमंत दास ने शुरुआत में ये शक जताया था कि इस क़त्ल के पीछे उसका एक और दोस्त अशरफ शामिल हो सकता है। अशरफ भी एक हेयर ड्रेसर है और उत्तराखंड का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक महालक्षमी के साथ अशरफ की भी करीबी दोस्ती थी।
पुलिस ने अशरफ को पूछताछ के बाद छोड़ा हेमंत की शिकायत के बाद पुलिस ने अशरफ की तलाश की। अशरफ बेंगलुरु में ही था और अपने काम पर था। पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने लाई। उससे लंबी पूछताछ की। उसके बयान पिछले 20 दिनों में उसकी लोकेशन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और चश्मदीदों की गवाही के बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद अशरफ को छोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक महालक्ष्मी के क़त्ल से अशरफ का कोई संबंध नहीं है। बल्कि असली क़ातिल ओडिशा में था। जिसने अब मौत को गले लगा लिया।

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