सदन में नोटों की गड्डी, सदस्यों का चिल्लर जैसा बिहेवियर !

  • नोटों की गड्डी बना कारण, सभापति ने दिये जांच के आदेश
  • लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी हंगामा
  • सवाल बड़ा है कि सदन में कौन लाया 500 रूपये के नोट का बंडल
  • सीट नम्बर 222 के पास मिले नोट, कांग्रेसी सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के नाम एलाट है सीट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। किसी ने खूब शेर कहा है कि तेज हवा चुपचाप बहती रहती है, सूखे पत्ते शोर मचाते रहते हैं। देश के सर्वोच्य सदन राज्यसभा में आज 500 रूपये की नोटों की  गड्डिया मिलने के चलते खूब शोर मचा। यह शोर उस समय और तेज हुआ जब पता चला कि जहां पर नोट मिले हैं वह जगह कांग्रेसी सासंद अभिषेक मनु सिंघवी के नाम पर एलाट है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि रूटीन सुरक्षा जांच के दरम्यिान सीट नम्बर 222 से 500 रूपये के नोटो की गड्डिया मिली है। शक की सुई अभिषेक मनु सिंघवी पर घूमी तो बीजेपी सदस्यों की तरफ से हूटिंग होने लगी। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को गुस्सा आ गया और उनहोंने सभापति से कहा कि जबतक जांच नहीं हो जाती तबतक किसी का नाम लेना उचित नहीं है। बीजेपी सदस्यों के व्यवाहर को उन्होंने चिल्लरों जैसा व्यावहर बताया।

भड़क गये खरगे

हो हल्ला होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने जांच के आदेश दिए है। राज्यसभा में आज इस मुददे के लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस मसले के बारे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को जानकारी दी। इसी मुद्दे पर जब राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोलने उठे तो सत्ता पक्ष के लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद खरगे भड़क गए और कहा कि ऐसा चिल्लर काम करके देश को बदनाम कर रहे हो।

क्या बोले अभिषेक?

सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के मुताबिक वह गुरूवार को संसद में महज तीन मिनट रुके और 30 मिनट का समय उन्होंने सपा सांसद के साथ कैंटीन में बिताया। उन्होंने बताया कि वह सिर्फ 500 रूपये का नोट लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि किस सीट पर कौन बैठे, किसी को पता नहीं। ऐसे में क्या अब सीट को लॉक करके जाना होगा। उन्होंने ताले वाली सीट लगाने की बात कही और कहा कि नोटों की गड्डियों से उनका कोई संबध नही है। उन्होनें कहा कि वह इस पूरे प्रकरण पर हैरान है। उन्होंने जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या मौजूदा समय में सदन की सुरक्षा नकाफी है। क्योंकि ऐसे में तो कोई भी किसी की भी सीट पर कुछ भी रख सकता है।

पूरा मामला यह है

सभापति धनखड़ ने बताया कि मुझे जानकारी मिली है कि एक रूटीन एंटी सेबाटोज जांच के दौरान कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद करेंसी नोट की गड्डी बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि ये सीट नंबर 222 पर मिली है, जो कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को अलॉट है। वे तेलंगाना से 2024-26 तक के लिए राज्यसभा सांसद हैं। उनके इस वक्तव्य के बाद कांग्रेसी सांसदों ने खूब हंगामा किया और कहा कि किसी के नाम को लेने की क्या जरूरत थी।

‘गिरने नहीं दूंगा गरिमा’

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही को विपक्षी दलों के हंगामे के चलते महज 43 सेकेंड में ही स्थगित कर दिया। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह सदन की गरिमा नहीं गिरने देंगे। उन्होंने कहा, सदन गरिमा और उच्च कोटि की परंपरा से चलेगा। सदन के अंदर न गरिमा गिरने दूंगा और न ही मर्यादा कम होने दूंगा। उन्होंने कहा, मेरा आपसे आग्रह है कि आप लोग प्रश्नकाल में सहयोग करें। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने सदन को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। उल्लेखनीय है कि 25 नवंबर के बाद से सदन में विपक्षी दलों के द्वारा लगातार हंगामा देखने को मिल रहा है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने आकर अपना स्थान ग्रहण ही किया था कि विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस नेताओं का सदन में हंगामा जारी रहा। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने कई मुद्दे उठाए। इनमें प्रमुख रूप से संभल हिंसा शामिल था। वहीं बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा सहित विपक्षी नेता संविधान की पुस्तक लेकर पहुंचे और उन्होंने जय संविधान के नारे भी लगाए।

यूपी सदन में मिला था सफेद पाउडर

इसी प्रकरण से मिलता जुलता हादसा उत्तर प्रदेश के विधानभवन में भी हुआ था। यूपी के सदन में उस समय अफरा-तफरी मच गयी थी जब वहां से एक पुडिय़ा में सफेद पाउडर बरामद हुआ था। मिले पाउडर को पीटेन बताया गया और इसे विस्फोट से जोड़कर देखा गया। लेकिन बाद में यूपी विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर पीईटीएन विस्फोटक नहीं निकला। सरकार की ओर से जारी बयान में इसकी पुष्टि की गई है। वहीं, पीईटीएन के नाम पर सरकार को हिला देने वाले विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक श्याम बिहारी उपाध्याय को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। उन पर पिछले डेढ़ महीने से तलवार लटकी थी। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि उपाध्याय पर लगे गंभीर आरोपों के कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है।

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