उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने भंग की प्रदेश कार्यकारिणी
लखनऊ। विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर हार के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी समेत सभी प्रकोष्ठों को भंग कर दिया है। अब पार्टी नए सिरे से संगठन और प्रकोष्ठों का गठन करेगी। जल्द ही पार्टी नए अध्यक्ष का एलान करेगी। आप के राष्टï्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर उत्तराखंड में पार्टी संगठन और अन्य सभी प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी को भंग किया गया है। आप नेता दिनेश मोहनिया ने इसकी जानकारी दी है। खुद को उत्तराखंड की सियासत में तीसरा विकल्प बताकर आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी उत्तराखंड में खाता भी नहीं खोल पाई। चुनाव के बाद पार्टी ने संगठन और सभी प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दीपक बाली को आप प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। आप नेता दिनेश मोहनिया ने कहा कि नए संगठन निर्माण के साथ ही अन्य सभी इकाईयों का जल्द गठन कर पार्टी को मजबूत किया जाएगा।
शमसुद्दीन व जिला अध्यक्ष समेत 20 पर एफआईआर
लखनऊ। मेरठ में बसपा जिला कार्यालय में बैठक के दौरान मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने और जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने के आरोप में बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्ïदीन राइन, मंडल प्रभारी सतपाल पेपला, मंडल प्रभारी दिनेश गाजीपुर, जिला अध्यक्ष मोहित जाटव व सिवालखास विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष विकास जाटव व 15-20 अज्ञात के खिलाफ पर थाना नौचंदी में रिपोर्ट दर्ज हुई है। यह रिपोर्ट अधिवक्ता अनिल प्रधान की ओर से दर्ज कराई गई है। अनिल का आरोप है कि बसपा की बैठक के दौरान हंगामा हो रहा था। काफी कार्यकर्ता सभी कोऑर्डिनेटर और जिला कार्यकारिणी को भंग करके नई कार्यकारिणी की गठन का मांग कर रहे थे, जिसको मौजूदा पदाधिकारी नजरअंदाज कर रहे थे।
उन्होंने भी संगठन में चली आ रही समस्याओं को उनके सामने रखा तो पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन, सतपाल गाली देने लगे। जान से मारने की धमकी दी और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई तो सुभाष प्रधान, पूर्व मंत्री योगेंद्र जाटव, प्रबुद्ध जाटव आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि इस बैठक के दौरान सिवालखास के विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष विकास के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए पार्टी ने योगेंद्र जाटव और प्रबुद्ध को उसी दिन पार्टी से निष्कासित कर दिया था।