सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसानों पर कार्रवाई का मामला, पंजाब सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग

4PM न्यूज़ नेटवर्क: बॉर्डर पर किसानों पर कार्रवाई करने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस दौरान पंजाब राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने पिछले साल के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा की और किसी भी “अप्रिय घटना” को रोकने के लिए शंभू सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।
पंजाब पुलिस ने शंभू पर चलाया ‘बलपूर्वक बेदखली अभियान’
मिली जानकारी के अनुसार यह आरोप लगाया गया कि पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर “बलपूर्वक बेदखली अभियान” चलाया, जिसमें 3,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है, जिसमें प्रदर्शनकारी किसानों को जबरन हटाया गया, इतना जी नहीं उनके शिविरों को भी नष्ट कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई, 2024 को यथास्थिति का आदेश पारित किया, जबकि हरियाणा राज्य की याचिका पर विचार करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा शंभू बॉर्डर को खोलने के आदेश को चुनौती दी गई, जिसे फरवरी 2024 में पंजाब से हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों की आवाजाही को रोकने के लिए बंद कर दिया गया।
महत्वपूर्ण बिंदु
- खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले साल 13 फरवरी से चल रहा था।
- इसे लेकर किसानों की मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए।
- एक साल से ज्यादा समय तक चले इस प्रदर्शन के कारण स्थानीय लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा था।