बदायूं से आदित्य यादव होंगे सपा के उम्मीदवार !
4PM न्यूज़ नेटवर्क : 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है, पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर मतदान होना है जिसको लेकर हलचल तेज हो गई है….जैसे जैसे वक्त बीत रहा है वैसे वैसे चुनाव प्रचार में तेजी भी आ रही है…यूपी की कुछ ऐसी सीटें हैं जहां इंडिया और एनडीए गठबंधन अभी अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहा है , कुछ सीटों पर वेट एंड वॉच की स्थिति बनी है तो कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदलने को लेकर विचार हो रहा है….बात करें अगर बदायूं की तो यपा से भाजपा ने मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्या का टिकट काट कर दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है…तो वहीं सपा इस सीट पर सस्पेंस में नजर आ रही है…सपा ने पहले धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया फिर शिवपाल यादव को और अब आदित्य यादव….जी हाँ बता दें कि बदायूं से सपा तीसरी बार अपना प्रत्याशी बदने जा रही है, यही हाल मेरठ का भी था…
हम लड़ें या आदित्य बात एक ही- शिवपाल
शिवपाल यादव ने ये एलान कर दिया है कि चाहे हम लड़ें या फिर आदित्य यादव लड़ें बात एक ही है, जनसभा को संबोधित करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जब यहां के लोग युवा-युवा कह रहे हैं तो आदित्य भी चुनाव लड़ सकते हैं… चाहे हम लड़ें या आदित्य लड़ें, बात तो एक ही है… निर्णय तो बहुत जल्दी लेना है… अब तो नवरात्रि आ ही गई है… नवरात्रि में नामांकन हो जाएगा… राष्ट्रीय अध्यक्ष तक रोज की रोज बात पहुंच जाती है… नवरात्रि में सभी प्रत्याशियों की घोषणा हो जाएगी…नवरात्रि में पंडित जी से पूछ कर नामांकन कराया जाएगा…. आज ही पूछ लेंगे मगर नवरात्रि में पूछा जाए तो ज्यादा अच्छा होगा…एक दिन की बात तो रही गई है….नवरात्रि शुभ दिन होते हैं….शुभ दिन में ही पर्चा बना है और शुभ दिन में ही भरना है…तो सपा फिर से बदायूं से प्रत्याशी बदल रही है…अब बीजेपी के दुर्विजय सिंह शाक्य के सामने सपा से आदित्य यादव होंगे…आदित्य के लिए ये चुनाव किसी चुनौतियों से कम नहीं होगा…कभी सपा का गढ़ कहा जाने वाला बदायूं में आदित्य को जनता का दिल जीत कर 2019 की हार का बदला लेना होगा , लेकिन क्या ये इतना आसान होने वाला है ?….वैसे शिवपाल यादव के एलान के बाद बदायूं में हलचल फिर तेज हो गई है…इससे ये तो साफ है कि वो बेटे को राजनीति में आगे करने के लिए अपने कदम पीछे कर रहे हैं….बता दें कि हाल ही में गुन्नौर में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान बदायूं लोकसभा क्षेत्र से शिवपाल सिंह यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था….प्रस्ताव के पास होते ही आदित्य यादव फॉर्म में आ गए थे उन्होंने बदायूं के चुनाव प्रचार की कमान भी संभाल ली थी…
क्यों शिवपाल बदायूं से नहीं लड़ना चाहते हैं चुनाव ?
अब सवाल ये है कि आखिर ऐसी कौन सी बात है कि शिवपाल यादव खुद चुनाव नहीं लड़ना चाहते और बदायूं से अपने बेटे आदित्य को ही चुनाव लड़ना चाहते हैं…. दरअसल जब से बदायूं के टिकट का ऐलान हुआ है और समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है तभी से शिवपाल यादव इस कोशिश में थे कि उनके टिकट को बदल दिया जाए….. शिवपाल चाहते थे कि उनकी जगह उनके बेटे को यह सीट दे दी जाए… शिवपाल यादव इस बात से खुश नहीं थे कि उनसे चर्चा किए बगैर उन्हें उम्मीदवार बना दिया गया…. बाद में चाचा ने ऐसा जोर लगाया कि अब अखिलेश यादव को भी उनके बेटे आदित्य के लिए विचार करने पर मजबूर होना पड़ा…..समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में लगातार यह संदेश जा रहा था कि शिवपाल यादव चुनाव नहीं लड़ना चाहते….. जब कई बार खुद शिवपाल यादव इस बात को बोल गए तब परिवार और समाजवादी पार्टी के बड़े कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव को मनाने की कोशिश की कि शिवपाल यादव की जगह आदित्य को टिकट दिया जाए…. कार्यकर्ताओं ने कहा कि वैसे भी सपा द्वारा कई टिकट लगातार बदले जा रहे हैं और शिवपाल यादव का भी टिकट अगर बदल दिया जाता है तो कोई बहुत असर नहीं होगा….और शिवपाल यादव तो कई बार कह चुके हैं कि बदायूं की जनता एक युवा चाहती है मतलब बंद लफ्जों में वो आदित्य यादव की बात करते आए हैं….अब जब ये तय हो चुका है कि आदित्य मैदान में होंगे तो आदित्य के सामने चुनौतियां एक नहीं कई होंगी…वहीं सपा जिस तरह से बूदायूं में लगातार प्रत्याशी बदल रही हो तो बीजेपी ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है….