आखिर हरियाणा में क्यों पतली हो रही है भाजपा की हालत
- किसानों की नाराजगी और एंटी गवर्नमेंसी बनी बीजेपी के लिए चुनौती
- विनेश फोगाट-बजरंग पुनिया की राहुल से मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा
- सत्ताधारी दल पर कांग्रेस बना रही बढ़त
- कांग्रेस-आप आए साथ तो बीजेपी हो जाएगी साफ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है। नई तारीखों के मुताबिक, प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में भी जुट गए हैं। चुनाव को देखते हुए हरियाणा में नए-नए गठबंधन भी हो रहे हैं। लेकिन मुख्य लड़ाई दो प्रमुख दल सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच ही देखने को मिल रही है। सत्ता में बैठी भाजपा की हालत इस बार के चुनाव में काफी पतली नजर आ रही है।
विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा पर बढ़त बनाती नजर आ रही है। इसकी वजह है कि कांग्रेस लगातार हरियाणा में आम जनता से जुड़ रही है और किसानों के हक की बात कर रही है। जबकि दूसरी ओर प्रदेश की जनता में सत्ता में बैठी भाजपा के प्रति नाराजगी है। किसानों को लेकर भाजपा के रुख के चलते किसान लगातार ही बीजेपी से नाखुश चल रहे हैं। वहीं विनेश फोगाट के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩे की खबरों ने भाजपा की नीदें और भी उड़ा दी हैं। इस बीच आज विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात भी की। लोकसभा चुनावों के परिणामों को देखकर हरियाणा में भाजपा के लिए राह और भी मुश्किल हो गई है। क्योंकि जिस हरियाणा में भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनावों से क्लीन स्वीप कर रही थी, उस हरियाणा में इस बार बीजेपी को 50 प्रतिशत सीटों का नुकसान हो गया और वो सिर्फ 5 सीटों पर जीत पाई। इस बीच हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरों ने भाजपा की धड़कनें और भी बढ़ा दी हैं। क्योंकि ये जाहिर है कि अगर कांग्रेस और आप एकसाथ आ गए तो बीजेपी के लिए मुश्किलें चार गुना बढ़ जाएंगी।
चुनाव लडऩे की चर्चाओं के बीच राहुल से मिले पहलवान
पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने आज नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। ये मुलाकात ऐसे वक्त हुई, जब अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों स्टार पहलवान राजनीति में उतर सकते हैं। दोनों को कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है। हालांकि, कांग्रेस ने इस बात पर चुप्पी साध रखी है कि पुनिया और फोगाट को चुनावी दंगल में उतारा जा सकता है या नहीं? एआईसीसी महासचिव और हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को कहा था कि गुरुवार तक स्थिति साफ हो सकती है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के साथ राहुल गांधी की एक तस्वीर पोस्ट की। पुनिया और फोगट पूर्व भाजपा सांसद और तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ 2023 में यौन उत्पीडऩ के आरोपों के विरोध में प्रदर्शन का हिस्सा थे।
कांग्रेस के इस दांव ने बढ़ाई बीजेपी की चिंता
कांग्रेस इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीते कुछ वर्षों में पार्टी को जितना नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने की तैयारी में है। वो चाह रही है कि इस चुनाव में उन सीटों को भी जीता जाए जहां बीते लंबे समय से पार्टी का खाता नहीं खुला है। इसके लिए ग्राउंड लेवल से लेकर टॉप लेवल तक, तैयारियों को आखिरी रूप भी दिया जा रहा है। इसी क्रम में पार्टी इस बार विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया जैसे स्टार पहलवानों पर दांव लगाने की सोच रही है। जाहिर है कि अगर विनेश फोगाट और बजरंग जैसे स्टार कांग्रेस के पाले में जाते हैं तो इससे भाजपा को और भी नुकसान होना तय है। क्योंकि पिछले साल पहलवानों ने भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ जो आंदोलन चलाया था, उसका नेतृत्व भी विनेश और बजरंग ने ही किया था। ऐसे में उस वक्त से इन दोनों ही पहलवानों के साथ जनता के भाव भी जुड़े हैं। कांग्रेस को जिसका लाभ मिलना तय लगता है।
कांग्रेस-आप का होगा गठबंधन!
भाजपा की मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोर पकडऩे लगीं। ये चर्चाएं तब शुरू हुईं जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की गुंजाइश पर राज्य के नेताओं से राय मांगी। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा के नेताओं से बातचीत करते हुए राहुल गांधी आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन के पक्ष में दिखे। इसके बाद इन चर्चाओं को और हवा तब मिल गई जब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी राहुल गांधी के इस ऑफर और मंशा की सराहना करते हुए स्वागत कर दिया। हालांकि, दोनों ही पार्टियों का स्थानीय संगठन इस गठबंधन के पक्ष में नजर नहीं आता है।
कांग्रेस-आप के गठबंधन से भाजपा को होगा भारी नुकसान
अगर कांग्रेस और आप एकसाथ आते हैं तो भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी। क्योंकि इन दोनों के एक साथ आने से कांग्रेस का वोट छिटकेगा नहीं और न ही भाजपा को आप के पास वोट जाने से कोई लाभ मिल सकेगा। वहीं अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखें तो बूथ-स्तरीय डेटा से पता चलता है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 में बढ़त हासिल की। कांग्रेस ने 42 में और आम आदमी पार्टी ने चार में बढ़त बनाई। इन आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा चुनावों के समय में अगर विधानसभा चुनाव होता तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन मिलकल 46 सीट हासिल कर लेता, जो कि बहुमत में आ जाता। शायद यही सोचकर राहुल गांधी आप से गठबंधन के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं।