नेपाल के बाद मेडागास्कर में भी GEN-Z का आंदोलन सफल, राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे

बाद में एक लाइव संबोधन में राष्ट्रपति राजोएलीना ने कहा कि वे एक सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए हैं क्योंकि उनके खिलाफ जानलेवा हमला और तख्तापलट की साजिश की गई थी.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः नेपाल के बाद अब मेडागास्कर में जेन-जी के नेतृत्व में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को हिला दिया है. पानी-बिजली की कमी और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए इन आंदोलनों के बाद राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना देश छोड़कर भाग गए हैं.

नेपाल के बाद अब मेडागास्कर में जेन-जी (Gen Z) ने तख्तापलट कर दिया है. मेडागास्कर में सरकार के खिलाफ जेन-जी ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. अब इसी के बाद इन प्रदर्शनों से देश में भूचाल आ गया है. विपक्षी नेता और कई वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना देश छोड़कर भाग गए हैं. बताया जा रहा है कि जैसे ही सेना की कई इकाइयों ने सरकार के आदेश मानने से इनकार कर दिया और प्रदर्शनकारियों का साथ दे दिया, उसके बाद राष्ट्रपति ने राजधानी छोड़ दी.

देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति
विपक्षी नेता सीतेनी रांद्रिआनासोलोनियाइको ने रॉयटर्स को बताया कि हमने राष्ट्रपति कार्यालय के कर्मचारियों से बात की और उन्होंने पुष्टि की कि राष्ट्रपति देश छोड़ चुके हैं. हालांकि, इस समय उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. राष्ट्रपति को सोमवार शाम 7 बजे राष्ट्र को संबोधित करना था, लेकिन उनके कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई.

बाद में एक लाइव संबोधन में राष्ट्रपति राजोएलीना ने कहा कि वे एक सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए हैं क्योंकि उनके खिलाफ जानलेवा हमला और तख्तापलट की साजिश की गई थी. उन्होंने कहा, 25 सितंबर से मुझ पर हमले और तख्तापलट की कोशिशें की जा रही थीं. सेना के कुछ अधिकारी और राजनेता मेरी हत्या की योजना बना रहे थे. अपनी जान बचाने के लिए मुझे सुरक्षित जगह पर जाना पड़ा.

क्यों हो रहे प्रदर्शन?
इन प्रदर्शनों की शुरुआत 25 सितंबर को मेडागास्कर में पानी और बिजली की गंभीर कमी को लेकर हुई थी. लेकिन कुछ ही दिनों में ये आंदोलन तेजी से बढ़ा और व्यापक आक्रोश में बदल गया. अब नाराजगी भ्रष्टाचार, खराब शासन और बुनियादी सेवाओं की कमी जैसे गहरे मुद्दों के खिलाफ है.

यह आंदोलन Gen-Z कर रहे हैं. यह देश में बदलाव की मांग कर रहे हैं. हाल के दिनों में इसी तरह के युवा आंदोलनों ने नेपाल और मोरक्को जैसे देशों में भी सत्तारूढ़ सरकारों को झकझोर कर रख दिया है. नेपाल में तो कुछ हफ्ते पहले ही प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था.

सत्ता पर कैसे हुई पकड़ कमजोर
राष्ट्रपति राजोएलीना की सत्ता पर पकड़ तब कमजोर पड़ने लगी जब CAPSAT नामक एक विशेष सैन्य इकाई जिसने 2009 में उन्हें सत्ता में आने में अहम भूमिका निभाई थी उसने प्रदर्शनकारियों का साथ देने का ऐलान कर दिया. इस इकाई ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया और हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ राजधानी एंटानानारिवो के मुख्य चौक पर पहुंची. इसके बादCAPSAT ने घोषणा की कि वो अब सेना की कमान अपने हाथ में ले रही है और उसने एक नए सेना प्रमुख की नियुक्ति भी कर दी.

साथ ही अर्धसैनिक बल की एक धड़ा भी प्रदर्शनकारियों के पक्ष में आ गया और उसने औपचारिक रूप से जेंडरमेरी (पैरामिलिट्री) पर नियंत्रण ले लिया. इस समारोह में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे. रविवार को राष्ट्रपति ने चेतावनी दी थी कि यह देश में सत्ता पर कब्जा करने की एक कोशिश है, लेकिन तब तक सेना और सुरक्षाबलों का बड़ा हिस्सा उनके खिलाफ जा चुका था.

सीनेट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों के गुस्से का केंद्र रहे सीनेट अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया है और जीन आंद्रे न्द्रेमांजारि को अस्थायी रूप से नियुक्त किया गया है. मेडागास्कर के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में देश की बागडोर सीनेट अध्यक्ष के पास होती है और वो चुनाव होने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करते हैं.

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