राहुल गांधी के बाद भूपेंद्र हुड्डा के खुलासे ने वोट चोरी के खेल को कर दिया साफ, सबूत ले आए

दोस्तों, हाइड्रोजन बम फूटा- लोकतंत्र किसने लूटा - का जवाब आ चुका है। एक ओर जहां राहुल गांधी की एच- फाइल ने पीएम साहब और उनकी पार्टी समेत इलेक्शन कमीशन और ज्ञानेश कुमार जी की सिट्टी पिट्टी गुम कर दी है

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों, हाइड्रोजन बम फूटा- लोकतंत्र किसने लूटा – का जवाब आ चुका है। एक ओर जहां राहुल गांधी की एच- फाइल ने पीएम साहब और उनकी पार्टी समेत इलेक्शन कमीशन और ज्ञानेश कुमार जी की सिट्टी पिट्टी गुम कर दी है और दोनों लोग कुतर्क का सहारा लेकर बचने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बहुत बड़ी खबर आई है कि हरियाणा में न सिर्फ 25 लाख फर्जी वोटर हैं बल्कि मतदान के बाद लगातार दो रात तक लगातार 13 लाख वोट फर्जी तरीके से पड़ते रहे । यानि कि हरियाणा में वोटिंग के बाद हर विधान सभा में 15 हजार से ज्यादा वोट चुनाव अयोग के डेटा में बढ़ गए।

आपको बता दें कि जैसे ही ये बिग ब्रेकिंग आई है ये बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि हरियाणा में सरकार न सिर्फ चोरी की गई बल्कि कहीं न कहीं राहुल गांधी के दावों में 100 प्रतिशत दम है। ऐसे में सवाल यह है कि ये खबर कहां से और कैसे आई है कि वोटिंग के बाद दो रात तक हर विधान सभा में वोट बढ़ाने का खेल चलता रहा है, ये हम आपको आगे अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं।

दोस्तों, राहुल गांधी ने कल हरियाणा में वोटचोरी को लेकर एक मेगा प्रेस कॉफ्रेंस की थी, उन्होंने बताया था कि हरियाणा के 12.50 प्रतिशत से वोटर्स फर्जी हैं यानि कि दो करोड़ में 25 लाख वोटर्स ऐसे हैं जो वजूद में ही नहीं है। राहुल गांधी की टीम ने जो इंवेस्टीगेशन किया है उसमें पाया है कि 5.21 लाख फर्जी वोटर हैं, 93,000 फर्जी पते हैं, 19.1 लाख वोट एक ही पते पर दर्ज हैं, चुुनाव से पहले 3.5 लाख वोटर डिलीट किए हैं। ब्राजील की मॉडल ने 10 बूथों पर 22 बार वोट किया है। एक ही तस्वीर वाले वोटर ने 2 बूथों पर 223 वोट किए। एक महिला को 100 बार वोट डालने का मौका मिला है। आपको बता दें कि जैसे ही राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बीजेपी और चुनाव आयोग में हड़कंप मच गया।

एक ओर जहां संसदीय कार्यमंत्री ये कह कर कि राहुल गांधी अक्सर विदेश जाते है वहीं ब्राजीलियन वोटर लाए होंगे तो सोनिया गांधी पर फर्जी वोट को लेकर बेतुकी टिप्पणी की गई तो दूसरी ओर चुनाव अयोग भी राहुल गांधी के एच-फाइल का जवाब देने के लिए उतरा और ये कह कर किनारा ले लिया कि जब वोटर लिस्ट का सही करने का काम चल रहा था तो कांग्रेस ने कोई काम नहीं किया और सबसे बड़ी बात यह है कि जैसे ही राहुल गांधी ने अपनी प्रेस की उसके कुछ ही घंटे बाद से ब्राजीलियन मॉडल वाला एपिक नंबर नहीं खुल रहे हैं। कांग्रेस की ओर दावा किया जा रहा है कि ये चुनाव आयोग ने खुद का सही साबित करने के लिए ये सबकुछ किया है और चुनाव अयोग की वेबसाइट को बंद कर ब्राजीलियन रेपर की फोटो को डिलीट किया जा रहा है।

आपको बता दें कि एक ओर जहां राहुल गांधी ने अपनी बात पर जोर देकर कहा कि हरियाणा में सरकार चोरी की है तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा कांग्रेस के सीनियर लीडर भूपेंद्र हुड्डा एक ऐसा सबूत ले आए हैं, जिससे हड़कंप मच गया है। भूपेंद्र हुड्डा का दावा है कि राहुल गांधी की बातें सही है और सच में इलेक्शन कमीशन ने पीएम साहब और उनके चाणक्य के साथ मिलकर हरियाणा की सरकार को चोरी किया है। आपको बता दें कि जहां राहुल गांधी ने इस बात के सबूत दिए थे कि 25 लाख फर्जी वोटर हरियाणा में हैं और अब भूपेंद्र हुड्डा ने इस बात का सबूत दिया है कि जो रातों रात फर्जी वोट डाले गए और ये खेल दो दिनों तक लगातार चलता रहा। आपको बात दें कि भूपेंद्र हुड्डा का दावा तो यहां तक है कि हर विधान सभा में 15 हजार वोट चुनाव आयोग और बीजेपी ने वोटिंग के बाद डालकर बीजेपी की सरकार बनावा दी है।

सुना आपने कि वोट जिस दिन पोल हुआ उसके दो दिन बाद अचानक 13 लाख वोट या ये भी कह सकते हैं कि हर विधान सभा में 15 हजार से ज्यादा वोट बढ़ गए। सवाल भूपेंद्र हुड्डा का सही है कि अगर मतदान प्रतिशत रात में फाइनल हो जाता है लेकिन हरियाणा में दो दिन बात मतदान प्रतिशत बढ़ गया है,आपको बता दें कि ये मामला चुनाव आयोग के पास भी गया था लेकिन न तो चुनाव अयोग का कोई अधिकारिकर बयान आया और नही चुनाव आयोग के बड़े अफसरों ने यह जहमत उठाई कि कैसे वोटिंग के दो दिन बाद 13 लाख वोट बढ़ गए। मतलब साफ है कि वोटिंग के बाद दो दिनों तक वोट डाले जाते रहे और यही वजह थी कि वोटिंग के दो दिन बाद भी लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ता रहा। आप ये भी कह सकते हैं कि वोट चुनाव के बाद डाले गए।

आपको याद होगा कि इस तरह से मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में गया था और वो हरियाणा के फर्जी मतदान से संबंधित था जिसमें इस बात की वीडियो ग्राफी मांगी गई थी कि किन लोगों ने वोट दिया है आपाको बता दें कि हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग वोटिंग की वीडियो ग्राफी देने को कहा था लेकिन इसी बीच पीएम सरकार ने एक नियम बना दिया कि चुनाव अयोग का डेटा किसी को नहीं दिया जाएगा क्योंकि ये सीधे तौर पर गोपनीयता को भंग करता है, हलांकि माना जा रहा है कि इसके पीछे का पूरा नैरेटिव यही था कि हरियाणा के चुनाव की वीडियो ग्राफी कहीं जनता और कांग्रेस तक न पहुंच जाए जिससे पूरा खेल खुल जाए।

आपको जब पीएम साहब और उनकी सरकार ने वीडियो ग्राफी न दिए जाने का नियम बना दिया तो पूरा मामला अधर में लटक गया लेकिन बाद में जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो पीएम साहब के करीबी रहे डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले को पहले सुनने से ही इंकार कर दिया लेकिन बाद में पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना ने इस मामले को सुना और इसमें बर्न मेमोरी के मामले में काफी हड़कंप मचाया क्योंकि सारे डेटा ईवीएम की मेमोरी से हटा दिया गए थे। ऐसे में हरियाणा चुनाव की चोरी नहीं पकड़ी जा सकी लेकिन जब एक बार फिर से राहुल गांधी ने जब से अपनी वोट चोरी की एच फाइल निकाल ली है तो एक बार फिर से तथ्य और सबूत सबकुछ सामने आने शुरु हो चुके हैं।

वैसे आपको बता दें कि हरियाणा में वोटचोरी के सबूत में वीडियो ग्राफी न मिलने और ईवीएम की बर्न मेमोरी से डेटा डिलीट होने के बाद पूरा सबूत साफतौर पर सामने आना मुश्किल है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वोटिंग के दो दिन बाद तक वोट पड़तें रहे और इसी का नतीजा था वोटिंग प्रतिशत दो दिन तक लगातार बढ़ते रहे लेकिन चुनाव अयोग और बीजेपी इसको ड्रामा बता रही है जबकि तथ्य और सबूत देखें तो कहीं न कहीं ये अंदेशा खड़ा हो रहा है कि वोट चोरी का बड़ा खेल सुनियोजित तरीके से किया गया है और इसमें सिर्फ बीजेपी ही नहीं कही न कहीं चुनाव अयोग पर बीजेपी के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। अगर बीजेपी चुनाव अयोग के साथ न होती तो कैसे हाईकोर्ट में मतदातन की वीडियो ग्राफी मांगने पर मोदी सरकार नियमों में संशोधन कर देती।

मोदी सरकार को क्य जरुरत थी कि वो चुनाव अयोग को बचाने में जुट जाए, ऐसे में कहीं न कहीं चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत कहीं न कहीं सामने आती है। आपको क्या लगता है कि राहुल गांधी के जो 25 लाख फर्जी वोट का दावा हरियाणा में किया है उसमें से 13 लाख वोट क्या वोटिंग के दो दिन बाद तक बीजेपी को जिताने के लिए डाले जाते रहे और मतदान प्रतिशत बढ़ता रहा है और ये कहीं न कहीं चुनाव अयोग पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।

Related Articles

Back to top button