अहमदाबाद विमान हादसा: सीट 11A ने फिर दिखाई ‘चमत्कारी’ कहानी, रमेश अकेले बचे जीवित
रुआंगसाक ने कहा कि जब मेरा विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, तो मैं भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर हो गया था. उन्होंने कहा कि दूसरे देश में एक और व्यक्ति के बारे में जानना, जो उसी सीट पर एक अलग दुर्घटना में बच गया,

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एक नाम सुर्खियों में छाया हुआ है। विश्वास कुमार रमेश अहमदाबाद विमान हादसे में शामिल एक ऐसे व्यक्ति है, जो जीवित है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि रमेश की सीट संख्या 11A थी और इसी सीट से जुड़ी एक पुरानी और चौंकाने वाली घटना एक बार फिर चर्चा में आ गई है।
दरअसल, थाईलैंड के मशहूर गायक और अभिनेता जेम्स रूआंगसाक लोयचुसाक ने इस घटना के बारे में जब सुना, तो वे भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि 27 साल पहले वह भी हादसे का शिकार हुए थे। और उस समय वह भी सीट नंबर 11A पर ही बैठे थे। उस हादसे में भी वे चमत्कारिक रूप से बच गए थे। दो अलग-अलग समय, दो विमान हादसे और एक समान सीट नंबर — इस अद्भुत संयोग को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कई लोग इसे संयोग तो कुछ इसे चमत्कार मान रहे हैं।
विमान हादसे की जांच कर रही एजेंसियों ने विश्वास कुमार रमेश से हादसे से जुड़ी विस्तृत जानकारी ली है। उनकी गवाही से हादसे के कारणों को समझने में मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है। इस संयोग ने सीट नंबर 11A को रहस्य और रोमांच का केंद्र बना दिया है। जानकार इसे मात्र इत्तेफाक मानते हैं, लेकिन आमजन के बीच यहचर्चा अब एक रोचक किस्सा बन चुकी है।
101 लोगों में अकेले जीवित बचे रुआंगसाक
रुआंगसाक दिसंबर 1998 में थाई एयरवेज की उड़ान TG 261 में सवार थे. उस समय वह विमान दक्षिणी थाईलैंड में उतरने का प्रयास कर रहा था और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दुर्घटना में 101 लोग मारे गए थे. वह 101 यात्रियों में से अकेले व्यक्ति थे जो जीवित बच गए थे. वह भी 11A सीट पर बैठे थे. उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना के बाद मैं इतना आहात हुआ था कि मैंने लगभग 10 साल तक कोई विमान यात्रा नहीं की.
जब यह खबर फैली कि केवल विश्वास कुमार रमेश नाम के एक भारतीय मूल के ब्रिटिश व्यक्ति एयर इंडिया AI171 दुर्घटना में जीवित बचे और वह 11A सीट पर बैठे थे. 11A सीट का नाम सुनकर रुआंगसाक आश्चर्य हो गए. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि भारत में विमान दुर्घटना में जीवित बचे व्यक्ति भी उसी सीट पर बैठे थे, जिस पर 27 साल पहले मैं बैठा था यानी 11A. इसके आगे उन्होंने लिखा कि इस खबर को सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए. मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपने परिजन को खो दिया है.
रुआंगसाक ने कहा कि जब मेरा विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, तो मैं भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर हो गया था. उन्होंने कहा कि दूसरे देश में एक और व्यक्ति के बारे में जानना, जो उसी सीट पर एक अलग दुर्घटना में बच गया, उन यादों को एक ऐसे तरीके से वापस ले आया जिसे शायद ही कोई समझ पाए. अतीत में रुआंगसाक ने अपने अनुभव को जीवन बदलने वाला बताया था.
1985 में नेवादा में हुए विमान हादसे में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति जॉर्ज लैमसन जूनियर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत में हुए विमान हादसे की खबर ने उन्हें झकझोर कर रख दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग इस हादसे से गुजरते हैं वह इन क्षणों को कभी नहीं भूल पाते हैं.
मोदी ने रमेश से की थी मुलाकात
विमान से नीचे गिरे रमेश गंभीर चोटों के बावजूद पास की एम्बुलेंस तक पहुंचने में कामयाब रहे. डॉक्टरों ने बताया कि वह भ्रमित थे और दर्द में थे, लेकिन उसकी हालत सामान्य थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अस्पताल जाकर रमेश से मुलाकात की और जल्द स्वस्थ होने की कामना की.



