नई रणनीति के साथ उतरेंगे मैदान में: अजय
- कांग्रेस कर रही बैठक, जनांदोलन तेज करने की योजना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मंगलवार कांग्रेस ने बैठक कर यूपी में नई राणनीति पर काम करने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी ने मन बनाया कि वह पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर जनांदोलन शुरू करेगी। ऐसा माना चा रहा है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मात खाने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी रणनीति बदल दी है। अब पार्टी प्रदेश में नए सिरे से जनांदोलन शुरू करेगी। इसमें बूथ प्रबंधन के साथ ही जनआंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता यह भी भरोसा दिलाएंगे कि तीन राज्यों में भले ही परिणाम पक्ष में नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश की तैयारी और तेज की जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। इसके तहत फ्रंटल संगठन अलग-अलग मोर्चे पर कार्य करेंगे। मुख्य कमेटी पदयात्रा सहित अन्य जनआंदोलन से जुड़े कार्यक्रम शुरू करेगी। इसको लेकर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस की कोशिश है कि किसी तरह से उत्तर प्रदेश में नए सिरे से सियासी जमीन तैयार की जाए। इसके लिए पार्टी के पिछड़ा वर्ग विभाग की ओर से जातीय जनगणना कराने, आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए विभिन्न जिलों में सम्मेलन किए जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद मंगलवार को पहली बैठक हो रही है। बैठक कई मायने में अहम होगी। जहां पूरी कार्यकारिणी को एक-दूसरे से वाकिफ कराया जाएगा, वहीं भविष्य की रणनीति भी तैयार की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में क्षेत्रवार पदयात्रा शुरू करने पर भी चर्चा होगी। इसी तरह जिलेवार कानून-व्यवस्था, महंगाई सहित अन्य समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू करने, किसानों के मुद्दे को लेकर सम्मेलन करने, छात्रों व युवाओं के बीच पैठ बढ़ाने की भी रणनीति तैयार होगी।
मुस्लिमों के बीच रचनात्मक कार्यों के जरिए पैठ बनाने की कोशिश
अल्पसंख्यक विभाग भी मुस्लिमों के बीच रचनात्मक कार्यों के जरिए पैठ बना रहा है। दलितों को लुभाने के लिए दलित गौरव संवाद कार्यक्रम चल रहा है। इसके तहत सपा, रालोद सहित विभिन्न दलों के तमाम नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली। अब यहां के कार्यकर्ताओं को तीन राज्यों के चुनाव परिणाम की वजह से आने वाली निराशा से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। कोशिश है कि जन आंदोलन के जरिए लोगों को जोड़ा जाए। विभिन्न राज्यों के चुनाव परिणाम से साफ हो गया है कि भाजपा से मुकाबला सिर्फ कांग्रेस ही ले सकती है।