मेरा बेटा रणबीर या आलिया जितना काबिल होता तो सारे पैसे लुटा देता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बॉलीवुड में पिछले कुछ साल से नेपोटिजम पर तगड़ी बहस छिड़ी हुई है। स्टार किड्स को फिल्मों में मौका मिलता नहीं कि तरह-तरह की बातें शुरू हो जाती हैं। उनकी उनके पैरेंट्स से तुलना की जाने लगती है। यह तक कहा जाने लगता है कि स्टार किड्स हैं तो सबकुछ आसानी से मिल गया। पर एक्टर परेश रावल इससे इत्तेफाक नहीं रखते। वह पिछले चार दशक से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और कई हिट फिल्में दी हैं। वहीं उनके बेटे अनिरुद्ध और आदित्य रावल भी एक्टिंग की दुनिया में सक्रिय हैं। पर परेश रावल ने कभी भी बेटों को फिल्मों के लिए खुद के नाम का इस्तेमाल नहीं करने दिया। यही नहीं, उन्होंने कभी बेटों को फिल्में दिलवाने में भी मदद नहीं की। परेश रावल ने दिए इंटरव्यू में नेपोटिजम के मुद्दे और बेटों पर बात की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या एक्टर ने कभी बेटों को फिल्म प्रोजेक्ट्स दिलवाने में मदद की, तो परेश रावल ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा, मेरे बेटे खुद अपनी चॉइस करते हैं और फैसले लेते हैं। जब तक वो गलतियां नहीं करेंगे, तब तक वो सीखेंगे नहीं। अगर वो मेरे पास आकर इसके बारे में पूछेंगे तो ही मैं उन्हें सलाह दूंगा। अगर वो मुझसे नहीं पूछते तो मैं उन्हें कुछ नहीं बताता। उन्हें अपना रास्ता खुद ढूंढने दीजिए। मेरा मानना है कि वो गलतियां करेंगे तो उनसे खुद सीखेंगे भी। लेकिन मैं एक बात निश्चित रूप से जानता हूं कि वो बहुत मेहनती और बहुत प्रतिभाशाली हैं। उन्होंने इस दुनिया (बॉलीवुड) में प्रवेश करने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल नहीं किया है। वहीं परेश रावल ने नेपोटिजम के मुद्दे पर अपनी राय रखी, और इसे बकवास बताया। वह बोले, मुझे लगता है कि नेपोटिजम बेकार है। मेरा बेटा अगर रणबीर कपूर या आलिया भट्ट जितना टैलेंटेड होता तो मैं उसपे मेरा सब पैसा लगा देता। और फिर क्यों न लगाऊं? ये कोई गलत चीज तो नहीं है। डॉक्टर का बच्चा डॉक्टर नहीं बनेगा तो क्या, नाई? जिन लोगों ने नेपोटिजम को लेकर हल्ला किया, उनसे पूछो कि वो अपने पिता की विरासत को इतनी खुशी से क्यों स्वीकार करते हैं। इसके बदले इसे अपने पड़ोसी को दे दो।

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