कन्नौज से अखिलेश ने ठोंकी ताल बीजेपी की बिगाड़ेंगे चाल

  • सपा से लोस प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया
  • इंडिया गठबंधन ने दिखाया दम, जीत का किया दावा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कन्नौज। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से 12 बजे अपना चार सेट का नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। पार्टी द्वारा निर्वाचन क्षेत्र से एक और उम्मीदवार की घोषणा के तीन दिन बाद, यादव ने आज इस सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। वरिष्ठï नेता रामगोपाल यादव, सपा जिला अध्यक्ष कलीम खान, पूर्व विधायक कल्याण सिंह दोहरे व प्रदेश सचिव आकाश शाक्य प्रस्तावक के रूप में मौजूद रहे। नामांकन में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रही। अखिलेश यादव ने इस सीट से समाजवादी पार्टी की जीत का भरोसा जताया। इससे पहले उनके भतीजे तेज प्रताप यादव को कन्नौज से उम्मीदवार घोषित किया गया था। उनके नामांकन से बीजेपी के वर्ततान सांसद सुब्रत पाठक दबाव में आ गए हैं।
ज्ञात हो कि लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप 2014 से 2019 के बीच मैनपुरी से सांसद थे। वह समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं। अखिलेश यादव ने तीन बार 2000, 2004 और 2009 में कन्नौज सीट जीती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2012 में उन्होंने यह निर्वाचन क्षेत्र खाली कर दिया। डिंपल यादव 2019 तक कन्नौज की सांसद थीं।

जातीय समीकरण का रखा ध्यान

जातीय समीकरण की बात की जाए तो कन्नौज में करीब 16 प्रतिशत मुस्लिम, 16 प्रतिशत यादव हैं। यहां ब्राह्मणों की आबादी 15 प्रतिशत है, जबकि ठाकुर 10 प्रतिशत के आसपास है। अन्य ओबीसी समुदाय की आबादी भी यहां 20 प्रतिशत के आसपास है, जबकि दलित 18-19 प्रतिशत हैं।

कन्नौज के सहारे विस चुनाव पर सपा की नजर

अखिलेश को मैदान में उतारकर सपा कन्नौज और कानपुर का स्थानीय समीकरण ठीक करने की रणनीति पर काम कर रही है, जिसका फायदा 2027 के विधानसभा चुनाव में उसे मिले। कन्नौज में विधानसभा की 5 और कानपुर में 5 सीट है। 2022 में इन 10 में से सपा को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी। कन्नौज की तो 4 सीटों पर सपा चुनाव हार गई थी। 2012 में जब अखिलेश यहां से सांसद थे, तो सपा ने क्लीन स्विप किया था। 2022 में भी अखिलेश ने कन्नौज और कानपुर में डेरा डाला था, लेकिन सपा कई सीटों पर काफी क्लोज मार्जिन से चुनाव हार गई। ऐसे में अखिलेश यहां से चुनाव लड़कर दोनों जगहों का सियासी समीकरण ठीक करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इत्र उत्पादन को लेकर मशहूर कन्नौज यूपी की 80 में से एक लोकसभा सीट है। कन्नौज और कानपुर देहात के कुछ हिस्सों को काटकर 1967 में कन्नौज लोकसभा का गठन किया गया है। इस सीट से कद्दावर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया पहली बार सांसद चुने गए थे। समाजवादी नेताओं का यह सीट गढ़ माना जाता रहा है। 1996 से लेकर 2014 तक लगातार 20 साल तक इस सीट पर सपा का कब्जा रहा। अखिलेश ने इसी सीट से अपने सियासी करियर की शुरुआत की थी। 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने जब यहां से इस्तीफा दिया, तो पार्टी की तरफ से डिंपल को मैदान में उतारा गया था। डिंपल यहां से निर्विरोध चुनाव जीती थी।

अब मुकाबला भारत बनाम पाकिस्तान जैसा होगा : सुब्रत पाठक

कन्नौज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक ने यूपी संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ अपने चुनावी मुकाबले की तुलना भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट मैच से की है। भाजपा सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा त्योहार है। जब चुनाव होते हैं तो दिलचस्प होने चाहिए। अखिलेश यादव ने जब तेज प्रताप को यहां भेजा तो उन्हें समझ आ गया। तेज प्रताप से मुकाबला होता तो भारत बनाम जापान का क्रिकेट मैच होता। अब मैच भारत बनाम पाकिस्तान (सुब्रत पाठक बनाम अखिलेश यादव) जैसा होगा। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था।

पीएम जानते हैं उनके हाथ से चुनाव निकल गया है : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उनकी पार्टी की गारंटी और मोदी की गारंटी में फ़र्क साफ़ है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जानते हैं कि लोकसभा चुनाव उनके हाथ से निकल चुका है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस की गारंटी हिंदुस्तानियों की सरकार, महिलाओं को 8,500 रुपये प्रति माह, युवाओं को एक लाख रुपये प्रति वर्ष की नौकरी, 30 लाख रिक्तियों पर भर्ती और किसानों को कानूनी एमएसपी। उन्होंने दावा किया, ”मोदी की गारंटी का मतलब अडानियों की सरकार, देश की संपत्ति अरबपतियों की जेब में, चंदे के धंधे वाला वसूली गैंग, संविधान और लोकतंत्र खत्म, किसान पाई-पाई का मोहताज। राहुल गांधी ने कहा कि दोनों गारंटी में फर्क साफ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस हिंदुस्तान में करोड़ों लखपति बनाएगी और मोदी जी जानते हैं कि चुनाव उनके हाथ से निकल गया है।

दूसरे चरण का मतदान कल, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

  • 13 राज्यों की 89 सीटों पर होगी वोटिंग, यूपी में 8 सीटों पर रहेगी निगाह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कल दूसरे चरण के मत डाले जाएंगे। 24 अप्रैल को इस चरण के प्रचार खत्म हो चुके हैं। चुनाव आयोग ने भी पूरी तैयारी कर ली है। मतदेय स्थलों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे फेज में 13 राज्यों की 89 सीटों पर वोटिंग होगी। असम की पांच, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की तीन, जम्मू-कश्मीर की एक और कर्नाटक की 14 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा केरल की सभी 20 सीटों पर 26 अप्रैल को ही मतदान होगा। मध्यप्रदेश की सात, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र की 8, त्रिपुरा की एक और उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए भी दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे।
पश्चिम बंगाल में तीन सीटों पर वोटिंग होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दूसरे चरण में होने वाले मतदान वाली 89 सीटों में से 51 पर जीत हासिल की थी। एनडीए के सहयोगियों के खाते में 8 सीटें थीं। कांग्रेस के 21 सांसद पिछले चुनाव में विजयी रहे थे। इसके अलावा बची हुई सीटें सीपीएम, बीएसपी और अन्य के खाते में गई थी। इनमें से 66 फीसदी सीटों पर एनडीए का कब्जा है। इंडिया गठबंधन के पास करीब 21 फीसदी सीटें हैं।

राहुल गांधी, हेमा समेत कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला ईवीएम में होगा बंद

पिछले आम चुनाव में कांग्रेस को केरल में भारी सफलता मिली थी। कांग्रेस की यूडीएफ ने 20 में से 19 सीटों पर कब्जा किया था। दूसरे चरण में वोटिंग के लिए मध्यप्रदेश की सात सीटों पर बीजेपी का कब्जा था। बिहार में एक सीट बीजेपी और चार जेडी यू के पास थी। राजस्थान और त्रिपुरा में भी बीजेपी की परीक्षा होगी, क्योंकि सभी सीटें बीजेपी के पास है। असम की तीन सीटों पर बीजेपी और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। दूसरे चरण के मतदान में कई दिग्गजों का भविष्य दांव पर लगा है, इनमें बीजेपी के प्रह्लाद जोशी, हेमा मालिनी, ओम बिरला, अरुण गोविल, नवनीत राणा,महेश शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस के शशि थरूर और राहुल गांधी की सीटों पर वोटिंग भी दूसरे चरण में होगी। शशि थरूर तिरुवनंतपुरम और राहुल गांधी केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं।

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