मिल्कीपुर चुनाव को लेकर प्रचार तेज, अखिलेश ने बिगाड़ दिया संघ और बीजेपी का खेल!

अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव में नामांकन की अंतिम तारीख बीतने के बाद अब प्रचार रफ्तार पकड़ रहा है... सत्ताधारी दल की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक्टिव हो गए हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए आखिरकार बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है…… बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाया है….. जिनका मुकाबला सपा के अजीत प्रसाद से है….. सपा और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है…… अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट हारने के बाद बीजेपी मिल्कीपुर सीट को किसी भी सूरत में नहीं गंवाना चाहती है….. जिसके लिए बीजेपी पूरी ताकत झोंक रही है….. इसके बावजूद मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव का ट्रेंड बीजेपी लिए सियासी टेंशन का सबब बना हुआ है….. ऐसे में देखना है कि चंद्रभान पासवान क्या सियासी बाजी पलट पाएंगे….. अयोध्या जिले की फैजाबाद से अवधेश प्रसाद के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होरहे हैं….. अवधेश प्रसाद 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे….. सपा ने मिल्कीपुर सीट पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उतारा है….. तो बीजेपी ने 2022 में चुनाव लड़ने वाले बाबा गोरखनाथ की जगह चंद्रभान पासवान पर दांव खेला है….. दोनों ही प्रत्याशी पासी समुदाय से हैं….. जिसके चलते मुकाबला रोचक माना जा रहा…..

आपको बता दें कि मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव पर सिर्फ उत्तर प्रदेश की निगाहें नहीं लगी हुई है…. बल्कि देश भर की नजरें टिकी हुई हैं….. इस सीट के जीत-हार से भले ही सत्ता पर कोई असर न पड़े….. लेकिन सियासी निहितार्थ जरूर निकाले जाएंगे….. इसलिए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही कोई भी दांव आजमाने से पीछे नहीं है….. बीजेपी यह सीट जीतकर अयोध्या सीट पर मिली हार के जख्मों को भरना चाहती है…. लेकिन यहां के सियासी समीकरण और उपचुनाव के वोटिंग ट्रेंड से एक बात साफ है कि….. मिल्कीपुर सीट बीजेपी के लिए कितनी मुश्किल भरी है….. बता दें कि आजादी से अब तक के इतिहास में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर में यह तीसरा उपचुनाव हो रहा है….. मिल्कीपुर विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हुई है….. उससे पहले तक यह सामान्य सीट हुआ करती थी. मिल्कीपुर विधानसभा सीट 1967 में वजूद में आई….. जिसके बाद कांग्रेस, जनसंघ और सीपीआई, बीजेपी, बसपा और सपा यहां जीत हासिल करने में कामयाब रहीं….. इस सीट पर सबसे ज्यादा सपा-लेफ्ट 4-4 बार जीतने में सफल रही….. कांग्रेस तीन बार, बीजेपी दो बार, जनसंघ और बसपा एक-एक बार जीतने में सफल रही हैं…..

बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है….. और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे….. उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब राजनीतिक दलों का फोकस चुनाव प्रचार पर है….. भारतीय जनता पार्टी के साथ ही भारतीय जनता युवा मोर्चा समेत पार्टी के विविध प्रकोष्ठ के नेता जनता के बीच पहुंच रहे हैं…… वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद भी एक्टिव हो गए हैं….. बीजेपी और समाजवादी पार्टी, दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों के चुनाव अभियान की कमान परिजनों ने संभाल ली है…… मिल्कीपुर उपचुनाव को सपा के नेता सत्ताधारी दल को लोकसभा चुनाव में पटखनी देने के बाद अब दोहरा घाव देने के मौके पर देख रहे हैं…… वहीं, बीजेपी ने मिल्कीपुर उपचुनाव को आम चुनाव की हार का बदला लेने के मौके के रूप में लेते हुए साख का सवाल बना लिया है…… दोनों दलों के बीच साख की इस लड़ाई में पर्दे के पीछे से संघ ने भी कमान संभाल ली है…… संघ के स्वयंसेवक जागरुकता अभियान के जरिये राष्ट्रवादी विचारधारा वाली पार्टी को वोट की अपील कर रहे हैं….. संघ और इससे जुड़े संगठनों और बीजेपी के बीच बेहतर तालमेल रहे….. इसके लिए प्रांत प्रचारक ने खुद मोर्चा संभाल रखा है…..

बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी जनता के बीच पीएम मोदी….. और सीएम योगी के नाम और काम लेकर पहुंच रहे हैं….. इस सुरक्षित सीट पर दोनों ही दलों से अनुसूचित जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं…… ऐसे में निर्णायक की भूमिका में सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग आ गए हैं…… बीजेपी और सपा, दोनों ही दलों ने इन वर्गों को अपने साथ जोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है…… सामान्य वर्ग को साधे रखने के लिए बीजेपी सीएम योगी के नाम को आगे कर रही है…… संघ का सहारा ले रही है….. वहीं ओबीसी नेताओं की फौज भी डोर टू डोर कैंपेन कर रही है….. आपको बता दें कि सपा ने फैजाबाद सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है…… पार्टी पीडीए को एकजुट रखने की कोशिश कर ही रही है…… सामान्य वर्ग खासकर ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए भी तमाम दांव चल रही है….. सपा उम्मीदवार की ओर से ब्राह्मण बाहुल्य गांवों में प्रचार की कमान तेजनारायण पाण्डेय पवन ने संभाल रखी है…..

आपको बता दें कि पवन पाण्डेय के साथ ही कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरे कमलासन पाण्डेय भी सक्रिय हो गए हैं…… इन दो ब्राह्मण नेताओं की सक्रियता के साथ ही पार्टी ने चुनाव प्रचार के बीच मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी गायक विकास तिवारी को पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर भी ब्राह्मण कार्ड चल दिया है….. वहीं सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद की ओर से चुनाव प्रचार की कमान उनके सांसद पिता अवधेश प्रसाद ने संभाल रखी है…… अवधेश प्रसाद ही सपा के उपचुनाव प्रभारी भी हैं….. वहीं, अजीत के भाई अमित और परिवार की महिलाएं भी डोर-टू-डोर जनसंपर्क कर रही हैं…… बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे चंद्रभान प्रसाद के खेमे में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर नजर आ रही है…..

 

 

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