अखिलेश ने महाराष्ट्र में चला ऐसा दांव, ओवैसी के सियासी मंसूबों पर पानी फिर गया!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है…. अभी चुनाव होने में एक महीने से ज्यादा समय है…

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है….. अभी चुनाव होने में एक महीने से ज्यादा समय है… लेकिन सभी पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है…. सभी पार्टियां महाराष्ट्र में अपने-अपने एजेंडे को लेकर जनता के बीच में पहुंच रही है… और मौजूदा सरकार की नाकामी गिना रही है… बता दें कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही है… जो सहयोगी दलों को गवांरा नहीं है… जनता बीजेपी की मानसिकता को समझ चुकी है… और इस बार लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाओं में भी सबक सिखाने का मन बना लिया है… वहीं विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टियां जनता के बीच में पहुंच रहें है… और अपने नेताओं को जनता के बीच में जाकर उनकी समस्याओं को जानने की बात कह रहें है… विधानसभा चुनाव को लेकर सभी नेता पूरी तरह से एक्टिव मोड में नजर आ रहें है… कोई जाति के मुद्दे पर चुनाव में अपना दांव चल रहा है… तो कोई पार्टी जनता के मुद्दों को लेकर चुनावी ताल ठोक रही है… वहीं लोकसभा चुनाव में यूपी में अपना जलवा दिखाने वाली समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र के रण में झंडा लहराने की फिराक में हैं… और असदुद्दीन ओवैसी से महाराष्ट्र में बदला लेने की तैयारी में जुट गए है….

आपको बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम सियासत के जरिए खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने में जुटे हैं…. तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं…. मुस्लिम वोटों के चलते अखिलेश यादव और ओवैसी का रिश्ता हमेशा से छत्तीस का रहा है…. ऐसे में अब इसे संयोग कहिए या फिर प्रयोग असदुद्दीन ओवैसी से उत्तर प्रदेश का सियासी हिसाब अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र चुनाव में बराबर करने की रणनीति बनाई है….. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सपा ने पूरे दमखम के साथ लड़ने की स्ट्रेटेजी बनाई है….. अखिलेश यादव अपने मिशन-महाराष्ट्र का आगाज मुस्लिम बहुल इलाके से ही नहीं कर रहे हैं…. बल्कि असदुद्दीन ओवैसी की महाराष्ट्र में सियासी प्रयोगशाला की जमीन रही है…. सपा प्रमुख शुक्रवार को महाराष्ट्र के दो दिन के दौरे पर पहुंच रहे हैं…. शुक्रवार को अखिलेश महाराष्ट्र में मालेगांव में रहेंगे तो अगले दिन शनिवार को धुले में एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे…. इन दोनों ही सीटों पर ओवैसी की पार्टी AIMIM का सियासी आधार ही नहीं बल्कि विधायक रहे हैं….

अखिलेश यादव महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ से चुनावी हुंकार भरकर मुस्लिमों को साधने की कवायद करेंगे…. दो हजार उन्नीस विधानसभा चुनाव में मालेगांव सेंट्रल…. और धुलिया सिटी विधानसभा सीट जीतकर AIMIM ने सबको चौंका दिया था…. इससे पहले दो हजार चौदह के चुनाव में औरंगाबाद सेंट्रल…. और भायखला सीट पर जीत का परचम ओवैसी की पार्टी ने फहराया था…. इसके बाद दो हजार उन्नीस के लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट पर जीत दर्ज की थी…. इस तरह यह कहा जाने लगा है कि महाराष्ट्र में मुसलमानों को कांग्रेस और एनसीपी का सियासी विकल्प AIMIM मिल गई है….. महाराष्ट्र के मुसलमानों के बीच ओवैसी लगातार अपनी गहरी पैठ जमाने में जुटे हैं…. जिसके लिए लगातार ये बातें कह रहे हैं… कि कांग्रेस और एनसीपी सिर्फ मुस्लिमों का वोट लेना जानती हैं…. इसके अलावा न ही मुस्लिमों के मुद्दों से कोई मतलब है… और न ही मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं….. ओवैसी अपनी ऐसी ही बातों से महाराष्ट्र के मुस्लिमों के बीच अपना सियासी आधार मजबूत करने में लगे हैं…. ओवैसी के सियासी मंसूबों पर पानी फेरने का प्लान अखिलेश यादव ने बनाया है….

आपको बता दें कि अखिलेश यादव की नजर भी महाराष्ट्र में उसी मुस्लिम वोट बैंक पर है…. जिसके जरिए ओवैसी किंगमेकर बनने का ख्वाब देख रहे हैं…. अखिलेश यादव और ओवैसी के सियासी रिश्ते छत्तीस के रहे हैं…. ओवैसी यूपी में अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं… तो अखिलेश को लगता है कि AIMIM उनके मुस्लिम वोटों में सेंधमारी कर रही है…. ऐसे में ओवैसी की पार्टी आरोप लगाती रही है कि मुसलमान नेताओं से सपा सिर्फ दरी बिछाने का काम करवाती है…. इस तरह ओवैसी से यूपी का हिसाब महाराष्ट्र में अखिलेश कर रहे हैं…. अखिलेश यादव का महाराष्ट्र दौरा मुस्लिम बहुल इलाकों में रखा गया है…. जिससे उनकी महाराष्ट्र की सियासत को समझा जा सकता है…. सपा का महाराष्ट्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन दो हजार नौ में था…. जब उसने चार सीटें जीती थीं…. लेकिन दो हजार चौदह में यह संख्या घटकर एक रह गई…. और दो हजार उन्नीस में दो विधायक ही जीत सके. सपा के दो विधायक हैं…. जिनमें एक शिवाजी नगर से अबू आजमी… और दूसरी भिवंडी पूर्व सीट से रईस शेख हैं….. इससे पहले भी सपा के विधायक मुस्लिम ही चुने जाते रहे हैं….

वहीं सपा ने दो हजार चौबीस के विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया ….. उसमें से ज्यादातर सीटें मुस्लिम बहुल हैं….. मुंबई क्षेत्र की मानकोर शिवाजी नगर, भायखला, वर्सोवा के अलावा मुंबई से सटे ठाणे की भिवंडी ईस्ट, भिवंडी वेस्ट दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान सपा का है….. इसके अलावा धूलिया और औरंगाबाद जैसी मुस्लिम बहुल सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारने की पूरी तैयारी कर रखी है….. इसी इलाके के सहारे ओवैसी की भी महाराष्ट्र में किंगमेकर बनने की रणनीति है….. लेकिन सपा के उतरने से मुस्लिम वोटों के बिखरने का खतरा बन गया है…. महाराष्ट्र में अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन में ठीक-ठाक भागीदारी चाहते हैं…. सपा ने बारह सीटों की डिमांड रखी है….. जिसमें से पांच से छह सीटें मिलने की उम्मीद है…. सपा उन्हीं सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही हैं….. जहां पर मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में है… और ओवैसी की पार्टी का दबदबा रहा है…. ऐसे में साफ है कि अखिलेश यादव यूपी का सियासी हिसाब ओवैसी से महाराष्ट्र में करना चाहते हैं…. AIMIM के सियासी गढ़ में चुनौती देकर यह संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय ओवैसी पर नहीं बल्कि अखिलेश यादव पर भरोसा करता है…. ऐसे में देखना है कि महाराष्ट्र के मुस्लिमों पर कौन कितना दम दिखा पाता है….

वहीं विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी महायुति ने चुनाव की तारीखों के ऐलान होते ही जनता को लुबाने के लिए तमाम योजनाओं की झड़ी लगा दी थी… जिसका मकसद जनता को प्रलोभन देना था और चुनाव में जनता को अपनी सफलता बताकर वोट लेने का मन था… लेकिन शिंदे के सभी मनसूबों पर चुनाव आयोग ने पानी फेर दिया है…. और शिदें की सभी योजनाओं पर आपत्ति जताई और शिंदे को बैकफुट पर आकर सभी जारी योजनाओं पर रोक लगा दी है… और सरकार के सभी मनसूबों पानी फिर गई है… महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग की ओर से कर दिया गया है…… बीस नवंबर को राज्य में एक ही चरण में चुनाव होंगे…. और तेइस नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे…..लेकिन इससे पहले राज्य सरकार को चुनाव आयोग की ओर से बड़ा झटका लगा है…. चुनाव आयोग ने शिंदे सरकार पर एक्शन लिया है…. जिसके चलते आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए उन्हें टेंडर और कई जीआर कैंसिल करने पड़े हैं….

दरअसल चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगने से पहले महामंडल पर की गई नियुक्तियों और हड़बड़ी मे लिए गए…. फैसलों पर आचार संहिता लगने के बाद अमल करने को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है….. जिसके बाद अब आचार संहिता रहने तक इन फैसलों को जैसे थे वैसे ही रखने का आदेश दिया गया है… और सख्ती भी दिखाई है…. इसके साथ ही जिन फैसलों पर जीआर निकले होंगे… और उन पर अमल नहीं हुआ होगा…. और उन्हे पेंडिंग रखने का आदेश दिया गया है…. आचार संहिता लगने के बाद भी राज्य सरकार ने कई फैसले जारी कर उनके टेंडर भी निकाले…. इस तरह का एक्शन आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करने में लिया जाता है…. इस पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है….

ऐसे में केंद्रीय चुनाव आयोग के आक्रामक रवैये को देखने के बाद राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने आचार संहिता के दौरान सरकार की वेबसाइट पर जारी एक सौ तीन फैसले… और आठ टेंडर को रद्द कर दिया है….. हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था…. जिसके तुरंत बाद शिंदे सरकार ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपॉइंटमेंट्स…. और टेंडर जारी कर दिए थे…. इसके बाद उन्हें चुनाव आयोग की ओर से एक पत्र भेजा गया था…. उसमें बताया गया था कि आचार संहिता लागू होने के बाद फैसले नहीं लिए जा सकते…. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार को चुनाव आयोग ने बड़ा झटका दिया है…. शिंदे सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले की गई नियुक्तियों…. और हड़बड़ी में लिए गए फैसलों को आचार संहिता लगने के बाद अमल में लाने को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है….

जबकि चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगी रहने तक फैसलों-नियुक्तियों को ज्यों का त्यों रखने के आदेश दिए हैं…. लेकिन सरकार ने आदेश पर अमल नहीं किया…. बल्कि फैसलों को लागू किया और टेंडर भी निकाले….. इसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है… और मामले का गंभीरता से लेते हुए शिंदे सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं…. चुनाव आयोग के आक्रमक रवैये के बाद राज्य सरकार ने आचार संहिता के दौरान सरकार की वेबसाइट पर जारी एक सौ तीन फैसले (GR) और आठ टेंडर रद्द कर दिए हैं…. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गत पंद्रह अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी…. महाराष्ट्र में दो सौ अट्ठासी विधानसभा सीटों पर बीस नवंबर को वोटिंग होगी…. और तेइस नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे….. लेकिन चुनाव तारीखों का ऐलान होते ही महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर करीब दो सौ प्रपोजल, अपॉइंटमेंट्स और टेंडर जारी कर दिए…. यह देखने के बाद चुनाव आयोग ने शिंदे सरकार को एक पत्र भेजा….. जिसमें आदर्श आचार संहिता का पालन करने के निर्देश दिए गए…. और आदेश दिया गया कि आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी फैसले…. आदेश और टेंडर रिलीज नहीं किए जा सकते….

आपको बता दें कि शिंदे सरकार ने चुनाव आयोग के आदेश की अवहेलना की है…. चुनाव आयोग के इस लेटर के बाद शिंदे सरकार ने जल्दबाजी में वेबसाइट पर अपलोड किए गए भी प्रपोजल, आदेश…. और टेंडर हटा दिए…. बता दें कि महाराष्ट्र में इस बार दो गठबंधनों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा…. वहीं दोनों महागठबंधनों में तीन से तीन पार्टियां शामिल हैं…. महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है…. वहीं अब उम्मीदवारों के नामों पर मंथन चल रहा है….

 

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