मोदी सरकार की सभी योजनाएं हवा हवाई: खरगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में उठा ईवीएम का मुद्दा

- देश में गरीब और अमीर के बीच की खाईं बढ़ती जा रही
- सत्ताधारी दल 11 वर्ष से संविधान पर चोट कर रहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अहमदाबाद में दो दिवसीय सीडब्ल्यूसी बैठक कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार की योजनाएं विफल हैं क्योंकि बेरोजगारी का मुद्दा अभी भी बड़ा बना हुआ है। देश में खतरा यह है कि पूरे भारत में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश के गरीबों के बारे में नहीं सोच रहे हैं, लेकिन कांग्रेस देश की अखंडता की रक्षा करेगी और सभी समाजों के कल्याण के लिए काम करेगी। खरगे में कहा कि पूरी दुनिया के विकसित देश ईवीएम को छोडक़र बैलेट पेपर की तरफ चले गए हैं।
लेकिन हम ईवीएम पर निर्भर हैं। ये सब फ्रॉड है। सरकार ने ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं, जिससे सिर्फ उन्हें ही फायदा मिल रहा है, लेकिन आने वाले समय में देश के नौजवान उठ खड़े होंगे और कहेंगे कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच है कि न किसी को हिमालय की चोटी पर बैठाना है और न किसी को पाताल में धकेलना है। ये गांधी जी के शब्द हैं और इस बात को आज मैं इसलिए दोहरा रहा हूं, क्योंकि आज देश में हालात ऐसे हैं, जहां गरीब और अमीर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सांप्रदायिक संस्थाओं, उनके जहरीले सिद्धांतों तथा कामों का सही उत्तर ये होगा कि कांग्रेस प्रबल जनमत तैयार करे ताकि वे प्रभावहीन हो जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्ष में सत्ताधारी दल संविधान पर चोट कर रहा है। हमारे संवैधानिक मूल्यों, संवैधानिक प्रावधानों, संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमला हो रहा है और इसको रोकना जरूरी है। हाल में हुए संसद के बजट सत्र में सरकार ने मनमाने तरीके से सदन चलाया। सदन में नेता विपक्ष राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया गया। लोकतंत्र में यह लज्जा की बात है। ये दिखाता है कि मौजूदा सरकार किस मानसिकता के साथ चल रही है, इसलिए हमें आवाज उठाना जरूरी है। क्योंकि आज जो हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।
सरकार जनता से अपनी नाकामी छिपाना चाहती है
खडग़े ने दावा किया कि जन सरोकार के जरूरी मुद्दों पर बहस करने के बजाय सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए रात के तीन-चार बजे तक संसद में बहस कराती रही और मणिपुर जैसे मुद्दे पर रात के साढ़े चार बजे बहस शुरू होती है। हमने हमेशा मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करनी चाही, लेकिन कभी भी सरकार इसके लिए नहीं मानी। इसका मतलब है कि सरकार जनता से अपनी नाकामी छिपाना चाहती है। जब देश के लोग सो रहे थे, तब कई महत्वपूर्ण बिल आधी रात को सदन में लाए गए। यह सरकार आहिस्ता-आहिस्ता लोकतंत्र को खत्म कर रही है।
नेहरू की विरासत बेच रही मोदी सरकार
खरगे ने कहा कि आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू ने देश के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाई। देश के लिए संपत्तियां बनाईं, लेकिन आज मोदी सरकार उन संपत्तियों को बेच रही है। नरेंद्र मोदी पोर्ट, एयरपोर्ट, पॉवर, खदानें, मीडिया हाउस, टेली-कम्युनिकेशन सेक्टर और सैटेलाइट प्रोजेक्ट बिना किसी ऑक्शन के अपने मित्रों को सौंप रहे हैं, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। ये कोई व्यक्तिगत या पार्टी का मामला नहीं है, बल्कि देश से जुड़ा हुआ मामला है, इसलिए हम सभी को इस बारे में सोचना होगा।

ममता बनर्जी को जारी हुआ अवमानना नोटिस
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर की थी टिप्पणी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एसएससी भर्ती घोटाले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करने वाली उनकी हालिया टिप्पणियों के लिए अवमानना नोटिस जारी किया गया है। ममता बनर्जी ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में बर्खास्त शिक्षकों के एक वर्ग से मुलाकात की और उनका समर्थन करने की कसम खाई और आश्वासन दिया कि योग्य उम्मीदवार बेरोजगार नहीं रहेंगे। यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती के माध्यम से की गई 25,752 स्कूल नौकरियों की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखने के कुछ दिनों बाद हुआ है।
ममता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रूप में अपनी नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कृपया यह मत समझिए कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं, और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है। ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश बताया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस भी जाएगी सुप्रीम कोर्ट
- उमर अब्दुल्ला ने वक्फ एक्ट के खिलाफ पार्टी के फैसले की दी जानकारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। वक्फ एक्ट के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दी। उन्होंने कहा कि देश का एक बड़ा वर्ग इस बिल से नाराज है और उन्हें लगता है कि सरकार उनके धार्मिक मामलों में दखल दे रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम की कोई जरूरत नहीं थी। एक धर्म को निशाना बनाया जा रहा है। गैर-मुस्लिमों को वक्फ गतिविधियों की समीक्षा करने की अनुमति दी जा रही है। उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि क्या आप गैर-हिंदुओं को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड या श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की गतिविधियों पर नजर रखने की अनुमति देते हैं?
क्या वे किसी गैर-सिख को एसजीपीसी की गतिविधियों पर नजर रखने की अनुमति दे सकते हैं? हालांकि, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं ने उमर पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है और कहा है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने संसद में वक्फ विधेयक पेश किया और उमर उनके लिए लाल कालीन बिछा रहे हैं।
सीएम ने की रिजिजू से मुलाकात
उमर अब्दुल्ला ने एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। विपक्षी दलों ने इस मुलाकात की कड़ी आलोचना की और इसे वक्फ कानून के प्रति सौहार्दपूर्ण रवैया करार दिया। इस मुलाकात के दौरान फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
देश में मुसलमानों के विचारों का कोई महत्व नहीं : मुफ्ती
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का कश्मीर दौरा ऐसा लगता है जैसे यह योजनाबद्ध और जानबूझकर किया गया था ताकि यह संकेत दिया जा सके कि देश में मुसलमानों के विचारों का कोई महत्व नहीं है। एक्स पर एक पोस्ट में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन का दौरा मुस्लिम समुदाय के हाशिए पर होने और शक्तिहीन होने का सार्वजनिक उत्सव जैसा लगा। पोस्ट में लिखा गया है कि संसद में वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने के बाद, मंत्री किरेन रिजिजू ने रणनीतिक रूप से कश्मीर का दौरा करने का फैसला किया। भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के मुख्यमंत्री ने उनका भव्य स्वागत किया – ऐसा लगता है कि यह कदम भारत भर के 24 करोड़ मुसलमानों को यह संकेत देने के लिए जानबूझकर उठाया गया था कि जब देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र का नेता उनके समर्थन में खड़ा हो, तो उनके विचारों का कोई महत्व नहीं रह जाता। एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन की पृष्ठभूमि में की गई यह यात्रा समुदाय के हाशिए पर होने और शक्तिहीन होने का सार्वजनिक उत्सव जैसा लग रहा था। मुफ्ती ने अपने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कार्यों ने न केवल मुस्लिम समुदाय के भीतर अलगाव और असहायता की भावना को गहरा किया है, बल्कि इस एकतरफा निर्णय को वैधता भी प्रदान की है, जिसे व्यापक रूप से मुसलमानों के हितों की अनदेखी के रूप में माना जाता है।
16 अप्रैल को होगी वक्फ कानून की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली की पीठ 16 अप्रैल को याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
सीजेआई के साथ जस्टिस संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन तीन जजों की उस बेंच का हिस्सा होंगे, जो वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। केंद्र ने कैविएट में कहा था कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुना जाय।
सुबह-सुबह हो गई रात, भारी बारिश
- लखनऊ में तेज हवाएं चलने से पारा लुढक़ा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में बृहस्पतिवार को सुबह होते ही घने काले बादलों और झोंकेदार हवाओं संग जमकर बरसात शुरू हुई। घने बादलों के चलतेदिन में ही अंधेरा छा गया। तेज हवा से तापमान गिर गया और मौसम सुहाना हो गया। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से लखनऊ में पूर्वा और पछुआ हवाओं के समागम होने की वजह से यह आंधी और बरसात देखने को मिली है।
लखनऊ में सुबह 8:30 बजे तक 7 मिमी. बारिश दर्ज की गई। जबकि एयरपोर्ट के इलाके में यह 2 मिमी. रिकॉर्ड की गई। लखनऊ व आसपास के जिलों बाराबंकी, रायबरेली,सीतापुर आदि में भी अच्छी बारिश देखने को मिली।
गेहूं की फसल को हुआ नुकसान
इस आंधी और भारी बारिश से जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी कटी नहीं है, उनके नुकसान की आशंका है। झोंकेदार हवाओं से गेहूं की फसल लेट गई।
भारत लाया गया मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा
- 26/11 मुंबई आतंकी हमला
- दिल्ली की बढ़ाई गई सुरक्षा, मेट्रो स्टेशन के बंद हुए गेट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है। एनआईए और रॉ की टीम के सुरक्षा घेरे में स्पेशल प्लेन से वह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा। तहव्वुर राणा को एयरपोर्ट पर ही एनआईए की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। थोड़ी देर में कोर्ट में होगी पेशी। स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स कमांडो वाहन पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच चुका है।
राणा पर भारतीय न्याय संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत हत्या, भारत के खिलाफ युद्ध छेडऩे की साजिश और आतंकवादी कृत्यों के आरोप लगाए गए हैं। यदि दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें आजीवन कारावास या मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी एनआईए और खुफिया एजेंसी रॉ की एक जॉइंट टीम राणा को लेकर स्पेशल फ्लाइट से अमेरिका से भारत पहुंचने वाली है. उसे पहले दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखने की तैयारी है। बाद में मुंबई ले जाया जा सकता है।
जेल सूत्रों के मुताबिक, मुंबई जेल में उसे जेल की उसी कोठरी (बैरक नंबर 12) में रखा जा सकता है, जहां आतंकी अजमल कसाब को रखा गया था। दिल्ली एयरपोर्ट से तहव्वुर को एनआईए मुख्यालय ले जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। स्वाट कमांडो की टीम एयरपोर्ट पहुंच चुकी है। नई दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू मेट्रो स्टेशन के गेट को बंद किया गया है। मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर-2 बंद किया गया है। इस गेट से लोगों के एंट्री-एग्जिट करने पर रोक लगाई गई है।
तिहाड़ जेल में ही रखा जाएगा
मुंबई में आतंकी हमले का मास्टर माइंड तहव्वुर राणा को देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल में ही रखा जाएगा। इसे रखने के लिए एक हाई सिक्योरिटी वार्ड को खाली करवा कर वहां बेहद चाक चौबंद व्यवस्था कर ली गई है।



