अमेठी-रायबरेली कांग्रेस का गढ़ नहीं: अखिलेश
- बोले-स्वामी प्रसाद वरिष्ठ नेता, सब सुलझ जाएगा
- वीडियो जारी कर सपा प्रमुख ने एमपी सीएम पर कसा तंज, कहा- उन्हें बतपुतली के रुप में पहली बार देख रहे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान से आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार को यहां अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा नेता अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव ने यह कहकर विपक्षी गठबंधन की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि रायबरेली कांग्रेस का गढ़ नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा, अमेठी-रायबरेली लोकसभा सीटें कांग्रेस का गढ़ नहीं हैं, समाजवादी पार्टी हमेशा से इन सीटों पर कांग्रेस की मदद करती रही है। सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने और प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लडऩे के सवाल पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अमेठी-रायबरेली कांग्रेस की पारंपरिक सीट जरूर रही है, लेकिन वो कांग्रेस का गढ़ नहीं है, सपा-कांग्रेस में इंडिया अलायंस में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत अटकी हुई है, इस बीच अखिलेश यादव के इस बयान से कांग्रेस की नाराजगी जरूर बढ़ सकती है।
रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली 77 वर्षीय सोनिया गांधी पहली बार 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद वहां से सांसद चुनी गई थीं। सोनिया गांधी ने 2019 में घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा। अटकलें लगाई जा रही हैं कि सोनिया गांधी के इस बार चुनाव नहीं लडऩे के बाद उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद राज्यसभा में प्रवेश करने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य होंगी। इंदिरा गांधी अगस्त 1964 से फरवरी 1967 तक उच्च सदन की सदस्य थीं। अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर तंज कसा है। अपने एक् स अकाउंट पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि- कठपुतली तो सुना था, बतपुतली पहली बार देख रहे हैं। जिनको ये ना मालूम हो कि कहना क्या है, उनका क्या सुनना? अखिलेश ने यह तंज सीएम मोहन यादव के आजमगढ़ दौरे के बाद किया है। अखिलेश ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा-कठपुतली तो सुना था, बतपुतली पहली बार देख रहे हैं, जिनकी बात की डोरी भी किसी और के हाथ में है। आजमगढ़ की जनता कह रही है जिनको ये न मालूम हो कहना क्या है, उनको सुनना क्या। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आखिरकार स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद वरिष्ठ नेता हैं। ये पार्टी के अंदर की बात है। हम इसका समाधान निकाल लेंगे। इसके पहले, स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के राष्टï्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद को मीडिया को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। अब आगे क्या करूंगा ये इस पर निर्भर करता है अखिलेश यादव क्या करते हैं? अब गेंद उनके पाले में हैं। स्वामी प्रसाद सपा से विधान परिषद सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा ही बहुजन समाज की लड़ाई लड़ी है और आगे भी यही करता रहूंगा।
मेरे खिलाफ हो रहीं बयानबाजी रोकवाएं अखिलेश : मौर्य
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान के बाद महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के तेवर थोड़ा नरम हो गए। स्वामी प्रसाद ने कहा कि उन्होंने महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। अब गेंद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पाले में है। अखिलेश के अगले निर्णय पर उनका (स्वामी प्रसाद) आगे का कदम तय होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने गोमती नगर स्थित अपने आवास पर कहा कि वह लगातार पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछेक बड़े नेताओं के साथ-साथ छुटभैये नेता भी उनके बयान को निजी बयान बताते हुए अनाप-शनाप बोल रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उन्होंने सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराया। उनसे यह भी कहा, मेरे खिलाफ इस तरह की बयानबाजी पर रोक लगवाएं या फिर मुझे अपना रास्ता तय करने के लिए स्वतंत्र कर दें। उन्होंने कहा कि भगवान शिलाग्राम की पूजा-अर्चना को लेकर उनका कोई मतभेद नहीं है। वह सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं।
वोट न देने पर सदस्यता चली जाएगी : रामगोपाल
राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के उम्मीदवारों को लेकर पार्टी विधायक व अपना दल कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने सपा नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सपा को पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोग वोट करते हैं लेकिन राज्यसभा के उम्मीदवारों में पीडीए के लोग शामिल नहीं हैं। ये पीडीए के साथ धोखा है। मैं इसमें शामिल नहीं हूं। इस पर सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने जवाब दिया कि न करें वोट, कोई ऐसा नहीं है जो वोट न करे राज्यसभा में। उन्होंने कहा कि जो वोट नहीं करेगा उसकी सदस्यता चली जाएगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भाजपा के खिलाफ लड़ाई में अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़ा है। उम्मीदवारों में मुस्लिम प्रत्याशी न होना उनके साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा में उनकी राय नहीं ली गई है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट न करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं।