शरद पूर्णिमा की रात आसमान से बरसेगा अमृत, जानिए इसके पीछे का रहस्य 

4PM न्यूज नेटवर्क: हिंदू धर्म के अनुसार शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व दिया जाता है। शरद पूर्णिमा हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा बुधवार (16 अक्टूबर) को है। आपको बता दें कि शरद पूर्णिमा की रात चांदनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में यह खीर न केवल धार्मिक कारणों से बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है।

माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा की शाम को खीर बनाने का महत्व है। इस दिन चावल की बनी खीर को चांदनी रात में खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत बरसता है। जो आपकी रखी खीर में आ जाता है। सुबह सबसे पहले आप इस खीर का सेवन करें। इस खीर को चाहे तो बची हुई खीर में मिला लें या फिर इसमें से एक एक चम्मच परिवार से सभी सदस्यों को खिला दें।

कहा जाता है चावल की खीर देवता को भी बहुत प्रिय होती है। इस खीर को आप रातभर के लिए खुले आसमान में कहीं ऐसा जगह रख दें या लटका दें जहां चांद की रौशनी सीधे खीर के बर्तन तक पहुंचे। आप किसी जाली से खीर को ढक सकते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं शरद पूर्णिमा के दिन कौन सी खीर बनानी चाहिए और इसे किस तरह से तैयार किया जाता है।

पहला स्टेप

  • हम आपको चावल की खीर बनाने का सबसे आसान तरीका बता रहे हैं।
  • सबसे पहले 1 कप चावल लें और चावल को अच्छी तरह से धोकर पानी में थोड़ी देर के लिए भिगो दें।
  • अब चावल को कुकर में डालें और 1 कप से थोड़ा ज्यादा पानी डाल दें। कुकर बंद करके 2-3 सीटी लगा लें। गैस निकलने पर कुकर को खोल लें और चावलों को हल्का मैश सा कर दें।

दूसरा स्टेप

  • अब चावल में दूध मिलाएं और लगातार चलाते रहें। खीर में तेज गैस पर एक उबाल आने के बाद गैस स्लो कर दें।
  • अब बीच-बीच में चलाते रहें और खीर को चावल में अच्छी तरह से मिक्स होने तक पकाएं, खीर काफी गाढ़ी हो जाती है तो शुरुआत में ही दूध थोड़ा ज्यादा डाल दें।
  • जब खीर गाढ़ी हो जाए तो इसमें चीनी डाल दें, थोड़ी पीसी इलायची और चिरौंजी डाल दें, 2 चम्मच दूध में केसर भिगो दें और उसे भी खीर में मिला दें।
  • आप काजू और बादाम भी बारीक काटकर डाल सकते हैं। तैयार है टेस्टी चावल की खीर। आप इसे मेहमानों को स्वीट डिश के रूप में खिलाएं।

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