सरकार की मेहरबानी से आनंद मोहन रिहा, कहा जल्द ही शुरू होगा राजनीतिक कॅरियर

 

पटना। गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन बिहार की जेल से रिहा हो गए हैं। उन्हें यह खबर तब मिली जब वह पटना में अपने बेटे की सगाई समारोह में शामिल होने जा रहे थे। नीतीश कुमार सरकार ने 10 अप्रैल को उनकी रिहाई की सुविधा के लिए जेल नियमों में बदलाव किया था। आनंद मोहन अपने बेटे की सगाई के लिए तीसरी बार पैरोल पर जेल से बाहर आए थे।
समारोह के दौरान आनंद मोहन को बताया गया कि वह करीब 30 साल पुराने हत्या के मामले में जेल से छूटा है। 1994 में आनंद मोहन ने गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की लिंचिंग में भीड़ का नेतृत्व किया था। आनंद मोहन ने अपनी रिहाई पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह और उनके समर्थक वर्षों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। जब पूर्व सांसद से पूछा गया कि भाजपा भी आपकी रिहाई की मांग करती रही है, तो ऐसे में किस पार्टी से राजनीतिक करियर का पार्ट-2 शुरू करेंगे। आनंद मोहन ने कहा कि मैं मरा नहीं हूं। जेल में ही था। इसलिए राजनीतिक सफर का अंत नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई समारोह में शामिल हुए। आज बिहार सरकार ने पूर्व लोकसभा सांसद आनंद मोहन सिंह समेत 27 कैदियों को जेल से रिहा करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी।

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