दस लाख भर्ती की घोषणा चुनावी छलावा : मायावती
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अगले डेढ़ साल में दस लाख भर्ती की घोषणा चुनावी छलावा है। मायावती ने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों और कार्यशैली के कारण देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव नजदीक है, तब 10 लाख भर्ती की घोषणा चुनावी राजनीति से प्रेरित लगती है। उन्होंने दलित और पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग के लोग गरीबी और बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा झेल रहे है मगर सरकार खामोश है। बसपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि केंद्र की गलत नीतियों व कार्यशैली के कारण गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी व रुपए का अवमूल्यन आदि अपने चरम पर है जिससे सभी त्रस्त व बेचेन हैं, तब केंद्र ने अब अगले डेढ़ वर्ष में अर्थात लोकसभा आमचुनाव से पहले 10 लाख भर्ती की घोषणा की है जो यह कहीं नया चुनावी छलावा तो नहीं है। उन्होंने कहा कि साथ ही, एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के इससे कई गुणा अधिक सरकारी पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं, जिनको विशेष अभियान चलाकर भरने की मांग बीएसपी संसद के अन्दर व बाहर भी लगातार करती रही है। उनके बारे में सरकार चुप है जबकि यह समाज बेरोजगारी आदि से सर्वाधिक दु:खी है।
शिया वक्फ बोर्ड सदस्य पद से हटाए गए वसीम रिजवी
- लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के इमाम बर्खास्त, दो नए इमाम की हुई नियुक्ति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में दो परिवर्तन किए गए हैं। टीले वाली मस्जिद के इमाम सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने मौलाना अब्दुल मन्नान रहमानी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। उनके तकरीर और नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं शिया बोर्ड ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को पद से हटा दिया है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य पद से हटा दिया है। वसीम रिजवी 2021 में कोर्ट से बोर्ड के सदस्य बने थे। हिंदू धर्म अपनाने के बाद शिया वक्फ बोर्ड की ओर से उनको सदस्य पद से हटाए जाने को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजा गया था। बीते दिनों जुमे की नमाज के बाद टीले वाली मस्जिद पर नारेबाजी की गई थी। इसके बाद प्रशासन की तरफ से आपत्ति जताई गई थी। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के कार्यालय की तरफ से जारी किए गए पत्र में यह जानकारी दी गई है कि जुमे की नमाज कुशवाहा तकरीर नमाज ए मौलाना वासी हसन या सैयद इम्तियाज हुसैन और फैजी द्वारा पढ़ाई जाएगी। इन दोनों व्यक्तियों के अलावा किसी भी व्यक्ति द्वारा मस्जिद में किसी प्रकार की तकरीर नहीं की जाएगी।