उद्धव खेमे को एक और झटका, गवर्नर ने रद्द की एमएलसी नामांकन सूची

शिंदे सरकार ने पूर्ववर्ती एमवीए सरकार द्वारा भेजे गए १२ नामों की सूची ली थी वापस

4 पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पत्र के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्रित्व काल में भेजे गए उन १२ नामों की लिस्ट को रद्द कर दिया है, जिन्हें विधान परिषद में मनोनीत करना था। कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर उस लिस्ट को रद्द करने का निवेदन किया था। इतना ही नहीं, उनकी सरकार की तरफ से विधान परिषद में मनोनयन के लिए नए नामों की सूची भेजने की बात इस पत्र में कही गई थी।
राज्य सरकार की बागडोर संभालने के १ साल बाद, नवंबर २०२० में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद में मनोनयन के लिए २० प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक लिस्ट राज्यपाल कोश्यारी को सौंपी थी, जिसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी और राज्यपाल कोश्यारी से १२ उम्मीदवारों के विधान परिषद सदस्य मानोनीत होने की घोषणा करने की उम्मीद थी। हालांकि, गवर्नर कोश्यारी और तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार आमने-सामने थे, ऐसे में एमएलसी नियुक्तियों पर निर्णय में देरी हुई। राज्य मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सदस्यों ने नियुक्तियों की घोषणा करने के लिए कथित तौर पर राज्यपाल से मुलाकात की थी, इसके बावजूद राजभवन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें मांग की गई कि राज्यपाल इस मामले में जल्द से जल्द अपना फैसला सुनाएं।
हालांकि, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने फैसले पर अडिग रहे और उन्होंने एमवीए सरकार की ओर से भेजे गए नामों को विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनीत नहीं किया। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद, ३० जून, २०२२ को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। वहीं ९ अगस्त, २०२२ को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में १८ मंत्रियों को सरकार में शामिल किया गया।

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