राजनीति के चक्रव्यूह व मर्यादा में फंसीं अपर्णा

रास नहीं आया भाजपा का दिया पद, सियासी गलियारों में घर वापसी की हो रही चर्चा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बहू और बीजेपी की नेता अपर्णा यादव इस समय फिर चर्चा में हैं। चर्चा का कारण है बीजेपी ने यूपी महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया जाना। दरअसल 2022 में अपर्णा यादव जब सपा छोडक़र बीजेपी में शामिल हुईं तो बीजेपी को अपर्णा यादव और अपर्णा यादव को बीजेपी से बड़ी उम्मीद थी।
दरअसल बीजेपी अपर्णा यादव से सपा के खिलाफ बयानबाजी कराकर विधानसभा चुनाव में बड़ा फायदा उठाना चाहती थीं। हर चुनाव में बीजेपी ने जमकर फायदा उठाया भी। अपर्णा ने भी पूरी निष्ठा के साथ काम किया। पार्टी ने उन्हें जहां भी चुनाव प्रचार के लिए भेजा वो वहां गई, इनमें कई ऐसी सीटें थीं जो यादव बहुल थी। यही नहीं लोकसभा चुनाव में वो आज़मगढ़ सीट पर जेठ धर्मेंद्र यादव के खिलाफ भी दिनेश लाल यादव के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार किया।

अपर्णा के समर्थन में आए अखिलेश यादव!

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिना नाम और मुद्दे का जिक्र किये अप्रत्यक्ष तौर पर अपर्णा यादव की नाराजगी के बीच बड़ा बयान दिया है। सपा नेता ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी अंदरूनी अविश्वास का शिकार है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि बीजेपी अपनों से इतर औरों को इन पदों के लिए योग्य नहीं समझती। कन्नौज सांसद ने कहा कि- 46 में 56 का हास्यास्पद और अपुष्ट दावा करनेवाले, ऊपर से लेकर नीचे तक सभी प्रमुख पदों पर ‘100 में 100’ अपने ही लोग बैठाए हुए हैं, क्या वो अपने से इतर ‘औरों’ को इन पदों के लिए योग्य नहीं समझते हैं या फिर सिर पर लटकी हुई दिल्ली की तलवार की वजह से किसी को विश्वास योग्य नहीं समझते हैं। भाजपा अंदरूनी अविश्वास का शिकार है, पदस्थापना, कार्रवाई, निर्णय और आदेश का आधार न्याय होना चाहिए, जाति नहीं।

बीजेपी चाहती थी परिवार पर करें सीधा हमला

बीजेपी के कुछ नेता चाहते थे कि अपर्णा सीधा हमला परिवार पर करें। लेकिन रिश्तों और मर्यादा के बंधन में बंधी मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव न सिर्फ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचती रहीं बल्कि यादव परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ कभी तीखी बयानबाजी नहीं की। वहीं सपा की तरफ से भी कभी भी अपर्णा को लेकर किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं हुई सभी नेताओं ने मर्यादा के तहत ही सवालों के जवाब दिया। हालांकि 2022 में बीजेपी ने यूपी में दोबारा सरकार बना ली। लेकिन अपर्णा यादव से जो उन्हें उम्मीद थी,अपर्णा पारिवारिक डोर में बंधने के कारण उन सभी चीजों से दूरी बनाई। ये तो बीजेपी की उम्मीदें थीं।

भाजपा ने मेयर पद के लिए भी नहीं दिया टिकट

2022 के निकाय चुनाव में भी उनके नाम की चर्चा हुई और उन्हें मेयर का टिकट का दावेदार बताया गया पर इस बार भी उनके हाथ खाली रहे, बीजेपी ने सुषमा खर्कवाल को टिकट दे दिया। अपर्णा लगातार बीजेपी के लिए काम कर रहीं थी और उन्हें उम्मीद थी की बीजेपी जब भी उन्हें जिम्मेदारी देगी कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी लेकिन बीजेपी ने उन्हें यूपी महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया। अपर्णा के साथ-साथ बीजेपी ने चारू चौधरी को बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया और यूपी महिला आयोग का अध्यक्ष बबिता चौहान को बना दिया।

सपा से 2017 में लखनऊ की कैंट से लड़ीं थीं विस चुनाव

दरअसल अपर्णा यादव एक ऐसे राजनीतिक घराने की बहू हैं जिसके मुखिया जिस भी नेता पर हाथ रख देते थे वो विधायक और सांसद बन जाता था, सरकार होने पर ये सभी पद उनके के लिए न के बराबर होते थे। अपर्णा यादव ने सपा से 2017 में लखनऊ की कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ा और वो दूसरे नंबर पर रहीं थीं। अपर्णा यादव ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से नाराज होकर समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद से कयास लग रहे थे कि बीजेपी उन्हें लखनऊ कैंट सीट से टिकट दे सकती है लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।

अपर्णा को बीजेपी से थी कई उम्मीदें

बात करते हैं अपर्णा की। अपर्णा ने जब से बीजेपी ज्वाइन किया वो अपर्णा और उनके समर्थकों को बड़ी उम्मीदें थी जल्द उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। लेकिन ढाई साल तक तो बीजेपी ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी और ढाई साल बाद उन्हें जिम्मेदारी दी तो यूपी महिला आयोग का ‘उपाध्यक्ष’ बनाया और यहीं से एक बार फिर अपर्णा यादव चर्चा में आ जाती हैं, सोशल मीडिया में उनको लेकर कई तरह की बातें उठने लगती हैं।

उपाध्यक्ष के पद से नहीं हैं संतुष्टï!

अब सवाल उठता है कि क्या सच में अपर्णा यादव नाराज हैं ? क्या अपर्णा यादव को सच में महिला आयोग की उपाध्यक्ष का पद छोटा लग रहा है। क्या यही कारण कि अपर्णा यादव ने अब तक पद ग्रहण नहीं किया ? अपर्णा क्या शिवपाल यादव का आशीर्वाद लेने गईं थीं या सच में वो शिवपाल यादव के रास्ते सपा में वापसी करना चाह रही हैं। ये सब सवाल सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं और अपर्णा के समर्थकों से लेकर सपा के समर्थक भी अपर्णा यादव से सवाल पूछ रहे हैं और उनका सवाल जायज भी है।

अमित शाह से की फोन पर बात

भारतीय जनता पार्टी की नेता अपर्णा यादव ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। यह दावा सूत्रों ने किया है। सूत्रों ने दावा किया कि अपर्णा यादव की गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई। फोन पर हुई बातचीत में अपर्णा ने अपनी तकलीफ बयान की। सूत्रों के अनुसार अपर्णा की बात सुनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपर्णा की पूरी बात सुनी और विचार करने की बात कही। बता दें अपर्णा फिलहाल दिल्ली में हैं।

चाचा शिवपाल सिंह यादव से भी मिलीं

अपर्णा यादव सपा महासचिव शिवपाल यादव से मिलने उनके आवास पहुंची थी। जहां उन्होंने शिवपाल यादव और उनकी पत्नी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। वहीं मीडिया गलियारे में उनको लेकर तमाम चरह की चर्चाएं शुरु हो गई। दावा किया जा रहा है कि अपर्णा यादव यूपी महिला आयोग उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार नहीं हैं, वो एक बार फिर से शिवपाल यादव के रास्ते सपा में अपनी जगह तलाश रहीं हैं।

अपर्णा यादव ने साधी चुप्पी

जब से अपर्णा यादव को महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाया गया है,तब से वे खामोश हैं। योगी सरकार और बीजेपी का फैसला उनके गले नहीं उतर रहा है। जबकि अन्य पदाधिकारी सोशल मीडिया के जरिए पीएम मोदी और सीएम योगी से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तक का धन्यवाद कर रहे हैं। लेकिन अपर्णा यादव का अब तक एक भी पोस्ट नहीं आया है,लोग उनके रियक्शन का इंतजार कर रहे हैं। मीडिया में भी उनके रियक्शन को लेकर खलबली मची है लेकिन फिलहाल अभी तक अपर्णा यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी।

भूपेंद्र चौधरी व बेबीरानी मौर्य ने संभाली कमान

वहीं इसको लेकर जब चर्चाएं गर्म हुईं तो यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कमान संभालते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है वो कहीं नहीं जा रही हैं और जहां तक पद ग्रहण करने की बात है अभी तक किसी भी पदाधिकारी ने पद ग्रहण नहीं किया है। सोमवार को सभी पदाधिकारी अपना-अपना पद ग्रहण करेंगी। इन सबके बीच सूत्रों का दावा है कि योगी सरकार में मंत्री बेबी रानी मौर्य ने अपर्णा यादव को मनाने के लिए बात की। बेबी रानी मौर्य यूपी की महिला कल्याण एवं बाल विकास की मंत्री हैं। महिला आयोग इसी विभाग के अंतर्गत आता है। सूत्रों के मुताबिक अपर्णा से बातचीत के दौरान मंत्री बेबी रानी मौर्य ने उनसे कामकाज में पूर्ण अधिकार और स्वतंत्रता देने की बात कही। लेकिन शायद मंत्री बेबी रानी मौर्य की बातचीत से भी बात नहीं बनीं। अपर्णा यादव अभी भी पद संभालने को तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि यह पद उनके कद के मुताबिक नहीं है। फिलहाल देखना होगा बीजेपी इस गुत्थी को सुलझाने में कामयाब हो पाएगी या शिवपाल यादव के सहारे अपर्णा की एक बार फिर से सपा में वापसी होगी।

यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता पर रार!

दरअसल सारा ट्विस्ट अध्यक्ष पद पर ही है। बीजेपी ने यूपी महिला आयोग का अध्यक्ष बबिता चौहान को बनाया है, बबिता चौहान मौजूदा समय में खेरागढ़ से जिला पंचायत सदस्य हैं। बबिता चौहान के पति जितेंद्र चौहान लायंस क्लब इंटरनेशनल में इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं। एक जमाने में बबिता चौहान और उनके पति जितेंद्र चौहान समाजवादी पार्टी में थे तब दोनों अकसर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलने के लिए आया करते थे। उस दौरान वो दोनों अपर्णा यादव से भी मिलते थे, लेकिन आज समय बदल गया है। आज बबिता चौहान यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष और अपर्णा उपाध्यक्ष। बस इन्हीं सब चीजों को देखते हुए अपर्णा के चाहने वालों को ये पद रास नहीं आ रहा है और शायद अपर्णा यादव भी इन्हीं सब चीजों से बीजेपी से नाराज हैं,सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि अगर पद देना ही था तो अपर्णा को महिला आयोग के अध्यक्ष बनाना था न कि उपाध्यक्ष।

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