BJP के नए अध्यक्ष पर मुहर: मोदी की पसंद, भागवत को मंजूरी- बिहार विजय के करिश्माई चेहरे पर दांव

एक साल चल रही बीजपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की खोज पूरी होने जा रही है। बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि 15 दिसंबर से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: एक साल चल रही बीजपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की खोज पूरी होने जा रही है। बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि 15 दिसंबर से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है।

जाहिर है कि पीएम साहब और उनके चाणक्य जी के हाथ में पावर है तो चुनाव होना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है, हां इतना जरुर तय है कि अपसी सहमति से बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान होगा और पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक जो गुजरात लॉबी की सबसे बड़ी टेंशन थी भागवत पेंच- उससे भी मुक्ति मिल गई है और ऐसे में तय है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष न सिर्फ गुजरात लॉबी से होगा बल्कि अंदरखाने से खबर है कि नए अध्यक्ष की खोज पूरी हो चुकी है, अब सिर्फ ऐलान होना बाकी है। बीजेपी अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष किसे बनाने जा रही है और कैसे गुजरात लॉबी की भागवत टेंशन खत्म हो गई है।

एक साल पहले मौजूदा राष्ट्रीय अघ्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो चुका है लेकिन अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है। वैसे दावा किया जाता है कि बीजेपी को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए कम कम 50 परसेंट यूनिट इलेक्शन हो जाएं तभी चुनाव होता है लेकिन ये प्रक्रिया बहुत दिनों से पूर्ण है, उसके बाद भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा था। हालांकि बीच में इस तरह की भी खबरें आई थीं कि बीजेपी की गुजरात लॉबी और आरएसएस में भयंकर ठनी है।

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ये किसी कीमत पर नहीं चाहते थे कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात लॉबी का हो। हालांकि बीजेपी ने कई नाम संघ के पास भेज थे और इन नामों को संघ से खारिज कर दिया गया था। इसके बाद फैसला ये लिया गया कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बिहार इलेक्शन के बाद होगा। लेकिन इस बीच जो सबसे बड़ी बात हुई वो ये पीएम साहब ने खुद लगकर संघ और गुजरात लॉबी के बीच की दूरियों को कम किया। उन्होंने न सिर्फ लाल किले से संघ को इतिहास को जनता के सामने बताया बल्कि मोहन भागवत को उनके 75 वें जन्मदिवस पर सुप्रीम भेंट भी प्रस्तुत की।

पीएम साहब न सिर्फ भागवत के नाम अखबारों में लेख लिखा बल्कि भारत भाग्य विधाता की श्रेणी में रख दिया। ऐसे में गुजरता लॉबी और संघ के बीच बन रही नई खाई न सिर्फ पटी बल्कि बीजेपी और संघ के रिश्ते भी पहले से ज्यादा मजबूत हुए। इसके साथ ही बिहार चुनाव में जिस तरह से पीएम मोदी ने मैजिक जीत दर्ज की है, इससे संघ बहुत खुश है और अब जो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर गुजरात लॉबी और संघ में रस्साकशी चल रही थी वो पूरी तरह से कहीं न कहीं खत्म हो गई है।

इसका सबसे बड़ा सबूत यूपी से सामने आया है। अंदरखाने से खबर थी कि गुजरात लॉबी और योगी आदित्यनाथ के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। और यही वजह थी कि यूपी में भी पिछले कई महीनों से प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो पा रहा था लेकिन अब उत्तर प्रदेश में भी उम्मीद दिखाई दी है। क्योंकि दावा किया जा रहा है कि पिछले 10 दिन से संघ उत्तर प्रदेश में लगा है और खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश को लेकर एक्टिव हुए हैं। खबर है कि जब 24 नंवबर को मोहन भागवत अयोध्या गए थे तो वहां उनकी मुलाकात योगी आदित्यनाथ से हुई और बंद कमरे में एक घंटे से ज्यादा दोनों लोगों में मुलाकात हुई थी।

दावा किया जाता है कि संघ प्रमुख ने यूपी के प्रदेश अध्यक्ष समेत कैबिनेट विस्तार पर भी चर्चा की थी। खबर है इसके बाद संध के कई सीनियर नेताओं ने लखनउ में बैठकर एक एक बात को तय कराया है और प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल होने की बात कही जा रही हैं और इसका ऐलान जल्द हो सकता है। ऐसे में यह बात साफ है कि पीएम साहब से आजकल भागवत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं और यही वजह है कि यूपी में गुजरात लॉबी से अनबन के बाद मोहन भागवत ने सबकुछ ठीक करा दिया है और यही इस बात की दलील है कि अब गुजरात लॉबी का ही राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा और यही वजह है कि इस बीच भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने के संकेत हैं।

खबर है कि बुधवार को कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नाम शामिल हुए। अटकलें ये भी हैं कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के नाम का भी फैसला कर लिया है और सिर्फ ऐलान बाकी है। हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भाजपा 15 दिसंबर से पहले नया अध्यक्ष चुन सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा में चर्चाएं हैं कि 15 दिसंबर से पहले नया अध्यक्ष चुना जा सकता है। इसकी वजह 16 दिसंबर से खरमास महीना शुरू होना है। हालांकि, पार्टी ने अब तक साफ नहीं किया है कब तक नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल यानी 2026 में कई राज्यों में चुनाव होने के चलते कई नेताओं का मानना है कि इन चुनावों से पहले नए अध्यक्ष का चुनाव हो ।

2026 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम में विधानसभा चुनाव होने हैं। बुधवार को एक के बाद एक हुई बैठकों में पीएम मोदी, गृहमंत्री शाह, मौजूदा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और भाजपा महासचिव बीएल संतोष शामिल रहे। खास बात है कि कुछ दिनों पहले संतोष यूपी में भी थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार समेत कई बड़े नामों से मुलाकात की थी। अटकलें हैं कि यूपी के लिए भाजपा अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग गई है और इसे लेकर जल्द ही बड़ी घोषणा हो सकती है। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर ऐलान होना बाकी है।

तो वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष की बता की जाए तो मोदी-शाह के करीबी एक नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिलना तय माना जा रहा है कि क्योंकि ये पूरी तरह से मोदी-शाह के खांचे में फिट बैठते हैं जैसा कि जेपी नड्डा अब तक बिल्कुल बैठे हैं। आपको बता दें कि जेपी नड्डा के साथ क्या कुछ नहीं हुआ, कई बार स्टेज और अन्य जगहों पर सरेआम बेइज्जत गुजरात लॉबी की ओर से किया गया लेकिन इसके बाद भी बेचारे नड्डा जी ने गुजरात लॉबी के साथ लगे रहे है और अब इसी तरह के एक नेता का नाम भी चर्चा में है।

ये नाम किसी और का नहीं बल्कि धर्मेंद्र प्रधान का है। आपको बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान पहले तो ओबीसी समुदाय से आते हैं। दूसरा ये कि यह मोदी-शाह के करीबी है तीसरा ये अभी पिछले दिनों इनको बिहार चुनाव में प्रभारी नियुक्त किया गया था और उनके मार्गदर्शन मंे एनडीए ने बड़ी जीत दर्ज की है। इस वजह से धमेंद्र प्रधान के नाम पर मोहर गल सकती है। वैसे भी संघ भी धमंेद्र प्रधान के नाम पर तुरंत ही अपनी सहमति जता देगा। वैसे आपको बता दें कि धमेंद्र प्रधान के अलावा केंद्रीय गृह राज मंत्री नित्यानंद राय, महाराष्ट्र के सीएम देवंेद्र फडणवीस, शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र यादव और भाजपा नेता विनोद तावड़े का नाम है। महिला नेताओं में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, डी पुरंदेश्वरी और वनति श्रीनिवासन का नाम आगे चल रहा है।

लेकिन माना यह जा रहा है कि धमेंद्र प्रधान के नाम पर ही मोहर लगेगी, क्योंकि उनके नाम पर प्रस्ताव पीएम साहब कर सकते हैं, हालांकि अभी इसकी कोई अधिकारिक सूचना नहीं आई है लेकिन धमेंद्र प्रधान को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने जाने की संभावनाए सबसे ज्यादा है लेकिन दूसरी ओर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि हमेशा से मोदी-शाह का फैसला चौंका देने वाला रहा है।

चाहे यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली में सीएम का चुनाव का मामला रहा हो या फिर अभी हाल में उप राष्ट्रपति के चयन का मामला रहा हो, हर बार गुजरात लॉबी का फैसला चौंका देने वाला रहा था, और ये काम राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी हो सकता है और कोई ऐसा नाम निकल कर सामने आ सकता है, कयोंकि राजस्थान के कुछ नेताओं की चटक सकती है लेकिन अब तक जो अंदरखाने की खबर बताई जा रही है उसमें धमेंद्र प्रधान के नाम पर मोहर लगना बिल्कुल तय माना जा रहा है।

अब आगे क्या होगा ये देखना बहुत दिलचस्प है। क्या बीजेपी के नए अध्यक्ष पर धर्मेंंद्र प्रधान की ताजपोशी होगी। क्या धमेंद्र प्रधान के नाम पर आरएसएस अपनी मोहर लगा देगा। क्या 15 दिसंबर से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी हो जाएगी या फिर 2025 के जनवरी में चुनाव होगा।

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