आराधना मिश्रा फिर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता नियुक्त

लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रतापगढ़ के रामपुर खास विधान सभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाली पार्टी प्रत्याशी आराधना मिश्रा मोना को कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता नियुक्त किया है। आराधना को पार्टी ने दूसरी बार यह जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा रामपुर खास सीट से लगातार तीन बार विधायक निर्वाचित हो चुकी हैं। उनसे पहले उनके पिता प्रमोद तिवारी ने लगातार नौ बार यह सीट कांग्रेस की झोली में डाली थी। प्रमोद तिवारी के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने पर 2014 में रिक्त हुई इस सीट पर हुए उप चुनाव में आराधना ने पहली बार जीत दर्ज की थी। दूसरी बार उन्होंने 2017 के विधान सभा चुनाव में इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। वर्ष 2019 में अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर आराधना को पार्टी के विधानमंडल दल का नेता नियुक्त किया गया। रामपुर खास सीट से अठारहवीं विधान सभा का सदस्य निर्वाचित होने पर पार्टी ने एक बार फिर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस के पूर्व लखनऊ महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने उन्हें बधाई दी है। मोना के पिता प्रमोद तिवारी भी कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता रह चुके हैं। यूपी विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के 399 प्रत्याशी मैदान में थे। कांग्रेस सिर्फ दो सीटें जीत पाई जबकि दूसरे स्थान पर उसके सिर्फ चार प्रत्याशी ही रहे।

हालांकि इनमें से कोई भी नजदीकी मुकाबले में नहीं था। मिसाल के तौर पर मथुरा सीट पर दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर विजेता भाजपा के श्रीकांत शर्मा से एक लाख से ज्यादा वोटों से पिछड़ गए। वर्ष 2017 में सपा के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस ने 114 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। तब पार्टी ने सात सीटें जीती थीं और वह 44 स्थानों पर दूसरे नंबर पर थी। इस चुनाव में पार्टी के सभी 399 प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 21,51,234 वोट मिले जो कि कुल पड़े मतों का 2.33 प्रतिशत है। इस हिसाब से कांग्रेस के हर उम्मीदवार को औसतन 5391 वोट मिले। वर्ष 2017 में कांग्रेस ने 114 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जिन्हें कुल 54,16,540 यानी 6.25 प्रतिशत वोट मिले थे। तब कांग्रेस के प्रत्येक प्रत्याशी को औसतन 47,513 वोट मिले थे। यह इस बात का सुबूत है कि पिछले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी सपा के जनाधार की बैसाखी के सहारे थी। इस चुनाव में कांग्रेस धड़ाम हो गई।

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