नीतीश का नाम फाइनल होते ही भड़के मोदी के मंत्री मुंह पर दे मारा इस्तीफा, 74 सीटें ही जीती बीजेपी
आपको बता दें कि इससे न सिर्फ हंगामा मचा हुआ है बल्कि नीतीश कुमार की ताशपोशी से पहले उनपर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। मोदी के किस मिनिस्टर ने मोर्चा खोल दिया है और क्यों अपना इस्तीफा मुंह पर दे मारा है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों, बिहार चुनाव के चौंका देने वाले रिजल्ट को लेकर एक ओर 128 सीटों पर भयंकर घपला होने की बात सामने आ रही है तो वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार के ताजापोशी फाइनल मानी जा रही है।
लेकिन अभी तक जो सबसे हैरान कर देने वाली बात है वो यह है कि एनडीए के सारे दल चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ही सीएम होंगे परंतु अभी तक बीजेपी की ओर से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।हालांकि इस बीच मीटिंग और बैठकों का दौर चल रहा है और सीएम के ताशपोशी की फाइनल राउंड में है लेकिन इस बीच मोदी के एक मिनिस्टर ने शपथ ग्रहण से पहले ऐसा बम फोड़ा है, जिससे न सिर्फ हड़कंप मच गया है बल्कि मोदी के मिनिस्टर रहे नेता ने अपना इस्तीफा भी पीएम साहब के खास सिपहसालार के मुंह परे दे मारा है।
आपको बता दें कि इससे न सिर्फ हंगामा मचा हुआ है बल्कि नीतीश कुमार की ताशपोशी से पहले उनपर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। मोदी के किस मिनिस्टर ने मोर्चा खोल दिया है और क्यों अपना इस्तीफा मुंह पर दे मारा है, ये हम आपको आगे आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे, सााथी ही इस पर भी चर्चा करेंगे कि कैसे 128 सीटों पर ज्ञानेश कुमार जी के विभाग पर बहुत बड़े फ्रॉड का आरोप लगा है।
दोस्तों, बिहार चुनाव में जो रिजल्ट आए और एनडीए को 202 सीटें मिली ये बात जगजाहिर है और इस जिस तरह से कांग्रेस और राजद के रिएक्शन आए हैं उससे तो एक बात साफ है कि वो परिणाम को सिरे से खारिज कर रहे है। और अब केरला कांग्रेस की ओर से एक ऐसा डेटा आया है जिसने हड़कंप मचा दिया है। आपको बता दें कि केरला कांग्रेस ने एनडीए की 202 सीटों का एनालेसिस किया है और इसमें साफ तौर पर बताया है कि 128 सीटें वो हैं जो एसआईआर की वजह से बीजेपी जीती है। केरला कांग्रेस ने बाकायदा इसका डाईग्राम भी बनाया है और हर सीट पर कितने वोट से जीत हुई और कितने वोट की एसआईआर में डिलीट हुए हैं इसको इंग्ति किया है।
आपको बता दें कि जैसे ही ये पोस्ट वायरल हुई है हड़कंप मच गया हैं और न सिर्फ चुनाव आयोग बुरी तरह से एक्सपोज होता दिया रहा है कि बल्कि कहीं न कहीं बीजेपी और एनडीए के हाथ पांव भी फूलने लगे हैं क्योंकि ये जो डेटा है वो कहीं न कहीं बड़े खेल की ओर ईशारा कर रहा है और जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि टीम राहुल पुख्ता सबूत सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए ढूंढ रही है और ये उसमें सबसे अहम कड़ी साबित हो सकता है और कहीं न कहीं ये भयंकर तरीके से ज्ञानेश कुमार जी और उनके विभाग को फंसा सकता है लेकिन क्योंकि अब दूसरी ओर रिजल्ट आ चुका है और एनडीए सरकार बनाने की तैयारी में जुट चुका है। आपको बता दें कि अब तक जो खबरें आई हैं उसमें यह कहा जा रहा है कि मंगलवार तक एनडीए फाइनल डिसीजन ले ली कि शपथ ग्रहण कब होगा।
आपको बता दें कि खबरें तो यहां तक आई हैं कि नीतीश कुमार का नाम फाइनल है। कल ही चिराग पासवान और जदयू के कई बड़े नेताओं ने नीतीश कुमार से मिलने के बाद दावा किया था कि नीतीश ही सीएम होंगे। हालांकि शाम होते होते यह खबरें आई थीं कि जदूय ने तो नीतीश को सीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया है लेकिन बीजेपी अभी भी यह कह रही है कि सीएम का फैसला विधायक दलों की बैठक में ही होगा।
आपको बता दें कि बिहार की राजनीति में अगले 48 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं. सोमवार से कई बड़ी बैठकें होने की संभावना है, जिनके बाद राज्य में सरकार परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. माना जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार सोमवार देर शाम या मंगलवार सुबह इस्तीफा भी दे सकते हैं। नई सरकार बनने तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। बीजेपी की ओर से सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है। इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति आज शाम या कल सुबह तक होने की संभावना है।
जदयू भी सोमवार को अपने विधायकों की बैठक कर सकती है. यही बैठक आगे की रणनीति और राजनीतिक रास्ता तय करेगी। सोमवार को नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट की एक अहम और सम्भवतः अंतिम बैठक कर सकते हैं. कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश कुमार सोमवार देर शाम या मंगलवार सुबह राजभवन जा सकते हैं। वह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे. नई सरकार के शपथ लेने तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका निभाएंगे। नीतीश के इस्तीफे के बाद एनडीए विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी।
इस बैठक में नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाएगा। एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार दोबारा राजभवन जाकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। आपको बता दें कि वर्तमान 17वीं विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. इससे पहले नई 18वीं विधानसभा के गठन और नई सरकार के शपथ का पूरा प्रोसेस पूरा करना जरूरी है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख को लेकर अभी कोई पुख्ता जानकारी सामने नई आई है। हालांकि इतना सबकुछ तय है लेकिन कहीं से भी नीतीश कुमार ही सीएम होंगे कोई अधिकारिक बयान नहीं आया। आपको बता दें कि आज नीतीश कुमार से मिलने नित्यानंद राय, उपेंद्र कुशवाहा, विजेंद्र चौधरी, विजय चौधरी समेत अन्य नेता पहुंचे थे।
आपको बता दें कि सभी ने बाहर निकल कर नीतीश कुमार और अपने विधायक दलों की बैठक को लेकर कुछ न कुछ कहा है लेकिन नित्यानंद राय मीडिया से परहेज कर निकल गए। आपको बता दें कि एक ओर उपेंद्र कुशवाहा ने साफतौर पर कहा कि भले से ही अभी एनडीए के विधायक दलों की बैठक नहीं हुई है लेकिन एनडीए में यह तय है कि नीतीश कुमार ही सीएम होंगे लेकिन नित्यानंद राय का बिना बयान दिए वापस चले जाना कहीं न कहीं बड़ा संदेह पैदा कर रहा है। क्योंकि ये बीजेपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है।
आपको बता दें कल बीजेपी की बैठक होगी, इसमें बीजेपी अपना नेता और सीएम दोनों चुनेंगी और जब कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है तो ऐसे में न सिर्फ बीजेपी की बैठक पर सबकी नजर होगी बल्कि यहां से बड़े खेल का संदेह भी पैदा हो गया है। आपको बता दें कि पीएम साहब हो या फिर उनके चाणक्य जी का 11 साल से सपना रहा है कि उनको बिहार में अपना सीएम हो लेकिन आपको बता दें कि फिलहाल उनका ये सपना चकनाचूर होता दिख रहा है और शायद यही वजह है कि बीजेपी आखिरी आस में है कि किसी तरह से उनका अपना सीएम हो जाए लेकिन फिलहाल जिस तरह से एनडीए के सभी दल नीतीश कुमार के पक्ष में लामबंद हैं उससे तो लग रहा है कि नीतीश की ताजपोशी न सिर्फ पूरी तरह से तय है कि बल्कि चाहकर भी पीएम साहब और उनके चाणक्य जी बहुत कुछ नहीं कर सकेंगे लेकिन बीजेपी का अधिकारिक तौर पर सामने न आकर बोलना इस बात की दलील है कि बीजेपी कहीं न कहीं नीतीश को लेकर कुछ असहज जरुर हैं ।
कुछ बिहार की राजनीति में जबरदस्त पैठ रखने वालों का यह भी कहना है कि नीतीश कुंमार पर प्रेेशर बनाकर अपने मकड़जाल में फंसाना है। आपको बता दें कि एक जर्नलिस्ट ने तो यहां तक कह दिया है कि टाइगर जिंद जरुर है लेकिन वो गुजरात लॉबी के चुंगुल में है ऐसे में कहीं न कहीं बीजेपी की चुप्पी सवालों के घेरे में है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के मोदी सरकार में मिनिस्टर रहे एक मंत्री ने मोर्चा खोल दिया है और इससे हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि बीजेपी ने बिहार में प्रचंड जीत मिलते ही अपने एक पूर्व मंत्री आरके सिंह को निष्कासित करते हुए कारण बताओं नोटिस जारी किया था लेकिन अब जैसे की नीतीश कुमार की सरकार बनने जा रही है तो एक बार फिर आरके सिंह ने बम फोड़ा है और ऐसा धमाका किया है कि हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि आरके सिंह पूरे चुनाव में बगावती रुख अपनाए हुए थे लेकिन उनके खिलाफ पार्टी ने क्षत्रिय वोट बैंक के नाते कार्रवाई नहीं की थी लेकिन जैसे ही रिजल्ट आया तो उनको पार्टी से निष्कासित किए जाने का नोटिस दे दिया है लेकिन आरके सिंह ने न सिर्फ जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा लिखित भेज दिया है बल्कि पार्टी से उल्ट सवाल पूछ लिया है कि वो कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
सुना आपने कि आरके सिंह ने न सिर्फ निष्कासन की नोटिस से पहले ही अपना इस्तीफा भेज दिया है बल्कि सवाल भी पूछा है कि कौन सा पार्टी विरोधी काम किया है। ऐसे में न सिर्फ बीजेपी से सवाल पूछा है बल्कि नीतीश कुमार को भी जंगल राज के नाम पर घेर दिया है लेकिन जिस तरीके से केरला कांग्रेस ने 128 सीटों का सवाल उठाया है वो अपने आप में न सिर्फ बहुत अहम है बल्कि वो ज्ञानेश कुमार जी के एसआईआर पर सबसे बड़ा सवाल है। पूरे मामले पर आपका क्या मानना है क्या जिस तरीके के केरला कांग्रेस ने बिहार में 128 सीटों की जीत को ज्ञानेश जी कृपा बता दिया है, क्या वो सही है। क्या जिस तरह से बीजेपी नीतीश सीएम पर चुपचाप है, ये नीतीश कुमार के लिए बहुत बड़ा सकंट नहीं है। क्या जिस तरीके से आरके सिंह ने चुनाव बाद आकर मोदी शाह के खिलाफ मोर्चा खोला है, वो आने वाले समय में नीतीश की कानून व्यवस्था पर बहुत बड़ा सवाल नहीं बनेगा।



