प्रदेश में जारी है लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला
कवरेज करने पहुंचे 4क्करू के पत्रकार से बोले दारोगा, नाप दूंगा इसी मुकदमे में
- विपक्ष ने कहा, योगी राज में गुंडई कर रही पुलिस
- दारोगा भर्ती घोटाले के खिलाफ ईको गार्डेन में धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का पक्ष जानने गए थे पत्रकार क्षितिज कान्त
- दो दर्जन से अधिक पुलिस वालों ने घेरा, की गाली-गलौज, मारपीट की भी कोशिश
- सरकारी तंत्र द्वारा पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों पर विपक्ष आगबबूला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया संस्थानों व पत्रकारों पर हमले जारी हैं। पत्रकारों को न केवल फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है बल्कि खुलेआम कैमरे के सामने ऐसा करने की धमकी भी दी जा रही है। ताजा मामला 4पीएम के पत्रकार क्षितिज कान्त से पुलिसकर्मियों द्वारा की गई बदसलूकी, गाली-गलौज और मारपीट करने की कोशिश का है। यही नहीं दारोगा अमरनाथ चौरसिया कैमरे के सामने उनको फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते दिख रहे हैं। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष ने कहा कि योगी राज में अपराधी मस्त हैं और पुलिस पत्रकारों से गुंडई कर रही है। पिछले साल हुई दारोगा भर्ती में धांधली का आरोप लगाकर इसकी जांच की मांग कर रहे तमाम अभ्यर्थी ईको गार्डेन में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का पक्ष जानने के लिए जब 4पीएम के पत्रकार क्षितिज कान्त कैमरामैन शुभम के साथ ईको गार्डन पहुंचे तो वहां तैनात दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों ने उनको घेर लिया। क्षितिज कान्त ने कवरेज शुरू ही की थी कि दारोगा अमरनाथ चौरसिया और उनके साथी सिपाहियों ने उन्हें न केवल कवरेज करने से रोका बल्कि गाली-गलौज पर उतारू हो गए। एक पुलिसकर्मी ने उनके ऊपर लाठी तान दी तो दारोगा अमरनाथ चौरसिया कैमरे के सामने ही क्षितिज कान्त को धमकाने लगे। दारोगा ने कहा कि यहां से चले जाओ वरना इसी मुकदमे में तुम्हें नाप दूंगा। यही नहीं धरना स्थल में बैठे एक अभ्यर्थी को बात करने से रोका गया और उसे कॉलर पकडक़र खींच लिया गया। यह वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला किया है और इसे सरकार की तानाशाही करार दिया है। इसके पहले भी पुलिस और प्रशासन जनहित के मुद्दों को उठाने वाले कई पत्रकारों पर न केवल फर्जी मुकदमे लगा चुका है बल्कि उन्हें जेल भी भेज चुका है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश भर्ती प्रोन्नति बोर्ड ने 2020-21 के लिए 9534 दारोगा भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसकी 12 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर तक परीक्षा चली थी। परीक्षा को ऑनलाइन कराने का टेंडर एनएसईआईटी कंपनी को दिया गया था जबकि यह कंपनी पूर्व में परीक्षाओं में धांधली के आरोप में छह राज्यों में प्रतिबंधित है। दागी कंपनी द्वारा परीक्षा में धांधली का आरोप अभ्यर्थियों ने लगाए हैं और पिछले 25 दिनों से ईको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा में नकल और धांधली के साक्ष्य उनके पास हैं। वे सरकार से धांधली की जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश ने सरकार को घेरा
4पीएम के पत्रकार से पुलिस की गुंडई का विडियो सपा ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से प्रतिक्रिया के साथ ट्वीट किया है। इस वीडियो को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी रीट्वीट किया है। ट्वीट में कहा गया है कि भाजपा शासित सरकार में पुलिस की सरकारी गुंडई का वीडियो आपके सामने है। पुलिस किसी को कभी भी फर्जी मुकदमे में नाप सकती है ? जी हां ! ये कारनामा और ये असीमित अधिकार सिर्फ यूपी पुलिस को योगी जी द्वारा दिए गए हैं, वही पुलिस जिसकी घिग्घी भाजपा नेताओं पर कार्यवाही करते बंध जाती है।
जनहित के मुद्दे उठाने वाले पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह जैसे मुकदमे भाजपा शासन में ही संभव हैं। दारोगा भर्ती घोटाले की जांच की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का पक्ष जानने पहुंचे 4पीएम के पत्रकार से बदसलूकी से पुलिस का कू्रर चेहरा फिर सामने आ गया है। अगर सरकार ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो यही माना जाएगा कि उसे भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
सुरेंद्र राजपूत, प्रवक्ता, कांग्रेसभाजपा के कुशासन की भयावह कहानियां हैं। पूरे प्रदेश को बेरोजगारी के दलदल में धकेल दिया है, पीडि़त न्याय मांगे तो पुलिस की लाठी और मुकदमे, पत्रकार रिपोर्ट करे तो उनका उत्पीडऩ और मुकदमे । 4पीएम के पत्रकार को धमका रहे दारोगा का अहंकारी आत्मविश्वास गजब था, उसको ऐसे आचरण के लिए ऊपर से पूरी शह मिली दिख रही है।
वैभव माहेश्वरी, प्रवक्ता आपभाजपा राज में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या की जा रही है। सरकार के इशारे पर पुलिस-प्रशासन जनता के मुद्दों को उठाने वाले पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है। प्रदेश में तानाशाही चल रही है। भाजपा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को ढहाने की कोशिश कर रही है।
अनुपम मिश्रा, राष्टï्रीय संयोजक, टीम आरएलडी
प्रबोधन कार्यक्रम में सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा
- सत्ता से बाहर हो गए विधान सभा और संसद में हंगामा करने वाले
- विधायकों को दिया जनता के बीच काम करने का मंत्र
- ठेके-पट्टे और ट्रांसफर-पोस्टिंग से दूर रहें विधायक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी विधान सभा के प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग विधान सभा और संसद में हंगामा करते थे उन्हें जनता ने सत्ता से बाहर कर दिया है और जिन लोगों ने काम किया वे जीते और सदन का हिस्सा बने रहे। सदन का सदस्य होने के नाते हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जनता का काम करते रहें।
उन्होंने कहा कि हमारी जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिये। नकारात्मकता जनप्रतिनिधि के लिए खतरनाक है। जनता भी फिर इसी भाव के साथ आपको लेती है। ठेके-पट्टे व ट्रांसफर-पोस्टिंग से विधायक दूर रहें। राजनेता अब अविश्वास का प्रतीक बन गया है। इसे विधान सभा में अपने आचरण व मुद्दों पर चर्चा से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सांसद होने के नाते गोरखपुर के अस्पताल के वार्ड की दयनीय हालत देखी थी। तब मैंने वहां जरूरी व्यवस्था कराई। संसद में स्पीकर से इस जेई से बच्चों की मौत के मुद्दे को उठाने की कई कोशिश के बाद अनुमति मिली। ठेके-पट्टे से अनुराग रखने वाले नेता नीचे खिसकते जाते हैं अगर जाति की राजनीति होती तो सुरेश खन्ना व सतीश महाना कैसे जीतते। कई सदस्य जनता के प्रति तटस्थता रखते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में यूपी आगे बढ़ रहा है।