बाबा जी हम सब आपकी बिटिया हमें न्याय दीजिए!

छेड़छाड़ की शिकार छात्राओं ने खून से लिखा सीएम के नाम खत, प्रधानाचार्य कर रहा था छात्राओं का शोषण

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद। मुज्जफरनगर में प्रधानाचार्य की करतूत अभी सुर्खियों से हटी भी नहीं थी कि अब गाजियाबाद के एक और प्रचार्य की हरकत की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुुंच गई है। इसबार पीडि़तों ने अपने खून से लिखा पत्र सीएम को भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
दरअसल, प्रधानाचार्य के खिलाफ छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली वेव सिटी थाना क्षेत्र के एक स्कूल की छात्राओं ने सीएम योगी के नाम अपने खून से खत लिखा। इसमें सीएम से आरोपी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग की गई है। छात्राओं ने लिखा है, बाबा जी… हम सब आपकी बिटिया हैं, हमें न्याय दीजिए। प्रधानाचार्य के खिलाफ वेव सिटी थाने में रिपोर्ट 21 अगस्त को दर्ज कराई गई थी। जब पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उनके परिजन स्कूल पहुंचे। प्रधानाचार्य ने उनके परिजनों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। इसमें आरोप है कि उन्होंने स्कूल में घुसकर उनकी पिटाई की और उनका सिर फोड़ दिया। गौरतलब है कि यह मामला शाहपुर बम्हेटा गांव के किसान आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल का है। छात्राओं ने मामले में पुलिस पर भी धमकाने का आरोप लगाया है। छात्राओं के मुताबिक, पुलिस रोज हमारे घर आकर हमारे माता-पिता को डराती और धमकाती है। हमारा घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है और स्कूल के प्रबंधक ने हमें स्कूल आने से मना कर दिया है। हमारे माता-पिता और गांववालों का कहना है कि प्रधानाचार्य संघ के अधिकारी है इसलिए उन्हें कोई भी दंड नहीं मिलेगा और हमारी जिंदगी बिल्कुल खराब हो जायेगी। छात्राओं ने पत्र में आगे लिखा, हम लड़किया आपसे मिलकर अपनी सारी बातें आपको बताना और आपसे न्याय की मांग करना चाहती हैं। आपसे अनुरोध है कि हमें मिलने का समय देने की कृपा करें ताकि हम सब लड़कियां अपने माता-पिता के साथ आकर आपको पूरी बात बता सकें और आप से न्याय की मांग करें।

प्रबंधक ने छात्रों को धमकाया

छात्राओं का आरोप है कि प्रधानाचार्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद स्कूल के प्रबंधक नाराज हो गए हैं। उन्होंने उनसे स्कूल आने के लिए मना कर दिया है। कह रहे हैं, तुम्हारी जिंदगी खराब हो जाएगी। पुलिस भी सुनवाई नहीं कर रही है। वे शिकायत लेकर गए तो एक अधिकारी ने चार घंटे थाने में बिठाकर रखा। उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने केस तो दोनों ओर से दर्ज कर लिए, लेकिन छेड़छाड़ के मामले में अब तक गिरफ्तारी नहीं की है। गांव के लोग और छात्राएं प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। चार पन्नों के खत में छात्राओं ने लिखा है कि प्रधानाचार्य रोज किसी न किसी छात्रा को अपने दफ्तर में बुलाकर छेडख़ानी करते हैं। उधर, इस मामले में गांव में पंचायत भी हो चुकी है। इसमें प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी थी। छात्राएं थाने जाकर प्रदर्शन भी कर चुकी हैं। छात्राओं की मांग है कि मुख्यमंत्री उन्हें मिलने के लिए समय दें, वे अपनी बात बताना चाहती हैं।

कांग्रेस ही होगी विपक्ष की धुरी: सुप्रिया श्रीनेत

बोलीं- छोटे मन वालों को गठबंधन में रखें

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस को विपक्ष की धुरी बताया और छोटे मन वालों को गठबंधन से हटाने को कहा। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, विपक्ष की धुरी कांग्रेस पार्टी है जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक है, इंडिया गठबंधन देश को बचाने का काम कर रहा है, इस गठबंधन में जिसका छोटा मन और जिसकी महत्वाकांक्षा है, उस पर चर्चा होनी चाहिए और उसको हटाना चाहिए।
गौरतलब हो कि इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितम्बर को होने वाली है। इस बैठक में गठबंधन के संयोजक के नाम का ऐलान होने की संभावना है। इसके अलावा गठबंधन का लोगो जारी किया जाएगा, लेकिन इसके पहले श्रीनेत के बयान ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। मुंबई की बैठक में मुख्य मुद्दा 2024 के चुनाव की रणनीति बनाना होगा, लेकिन सवाल इसके संयोजक को लेकर है, एनडीए खेमे की तरफ से कहा जा रहा है कि विपक्ष के पास दूल्हा नहीं है, दूल्हे के लिए लड़ाई हो जाएगी, चर्चा है कि नीतीश कुमार संयोजक के दावेदार हैं, लेकिन नीतीश ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है।

मुंबई बैठक में कुनबा बढ़ाने की तैयारी

मुंबई में होने वाली बैठक में कुछ नए दलों को भी शामिल किया जा सकता है. खबर है कि सीएम नीतीश कुमार ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) से संपर्क किया है. मुंबई की बैठक में नीतीश कुमार इन दलों को साथ लाने का प्रस्ताव रख सकते।

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों पर रोक मामले में हस्तक्षेप से’सुप्रीम‘ इंकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों पर रोक लगाने के पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक जारी रखते हुए मामले की सुनवाई 25 सितंबर तक स्थगित कर दी है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 11 अगस्त को चुनाव पर रोक का आदेश जारी किया था।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने याचिकाकर्ता, आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ से अपनी शिकायतों के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है। पीठ ने कहा, हमें इस मामले पर सुनवाई क्यों करनी चाहिए? आप उच्च न्यायालय जाएं, अंतरिम रोक हटाने के लिए आवेदन करने के बजाय, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प चुना है।

अखिलेश से मिलने पहुंचे स्वामी प्रसाद के बयानों से महंत नाराज

कहा-उन्हें पार्टी से निकालें या माफी मंगवाएं, सुरक्षा कर्मियों ने रोका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से नाराज होकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ उनके घर पहुंचे। हालांकि घर के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया जिस पर उन्होंने अखिलेश यादव तक अपना संदेश भेज दिया।
मीडिया से बातचीत में महंत परमहंस ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। इससे हिंदुओं का बड़ा वर्ग आहत है। सभी धर्मों के मानने वाले लोग सपा का समर्थन करते हैं। ऐसे में धर्म को लेकर बयानबाजी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निकाला जाए या फिर उनसे माफी मंगवाई जाए। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद की बयानबाजी से सपा को ही नुकसान होगा। स्वामी अपनी पार्टी बनाने में लगे हुए हैं। वो खुद भी सपा को छोडऩे वाले हैं।
हमारी अखिलेश यादव से मांग है कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए वो लगातार सनातन धर्म को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वामी प्रसाद पर कानून कार्रवाई को लेकर जल्द ही प्रार्थना पत्र देंगे।

केंद्र सरकार से ’सुप्रीम‘ सवाल, जम्मू-कश्मीर में क ब होंगे चुनाव

पूछा-फिर राज्य का दर्जा कब, समय सीमा भी बताएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर दाखिल याचिकाओं पर संविधान पीठ में 12वें दिन सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार पर बड़े सवाल उठाए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आखिर किस तरह अनुच्छेद-367 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस हटाया जा सकता है… क्या जम्मू-कश्मीर राज्य की सहमति जरूरी नहीं थी? जब दूसरा पक्ष ( जम्मू-कश्मीर विधानसभा) मौजूद नहीं था, तब सहमति कैसे मिली!
क्या अनुच्छेद-370 को हटाने के लिए एक तरीके से अनुच्छेद-370 का इस्तेमाल किया जा सकता है…? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जवाब में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चूंकि विधानसभा नहीं थी, तो राज्यपाल ही इसके लिए प्राधिकरण हुए, स्पष्टीकरण यह है कि यह केवल संविधान सभा शब्द को विधानसभा के साथ प्रतिस्थापित करता है, जम्मू-कश्मीर के लोग अब देश के किसी भी अन्य नागरिक के बराबर अधिकारों का आनंद ले रहे हैं, अनुच्छेद-370 का प्रावधान जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ उचित एकीकरण की अनुमति नहीं देता था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे? जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली जरूरी है, सुप्रीम कोर्ट ने तीन सवाल पूछे कि आखिर संसद को राज्य के टुकड़े करने और अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने का अधिकार किस कानूनी स्रोत से मिला?
इस अधिकार स्रोत का दुरुपयोग नहीं होगा इसकी क्या गारंटी है? तीसरा सवाल ये कि आखिर कब तक ये अस्थाई स्थिति रहेगी? चुनाव करा कर विधानसभा बहाली और संसद में प्रतिनिधित्व सहित अन्य व्यवस्था कब तक बहाल हो पाएगी? लोकतंत्र की बहाली और संरक्षण सबसे जरूरी है.
कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप कश्मीर के लिए सिर्फ इसी दलील के आधार प ये सब नहीं कर सकते कि जम्मू कश्मीर सीमावर्ती राज्य है और यहां पड़ोसी देशों की कारस्तानी और सीमापर से आतंकी कार्रवाई होती रहती है।

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