4PM के संपादक संजय शर्मा की पहल का असर, हाईकोर्ट में याचिका के बाद सरकार ने जेपीएनआईसी का काम शुरू करने का किया फैसला
- संजय शर्मा की रिट के बाद कोर्ट ने सरकार से मांगा था जवाब
- शासन ने अब बिल्डिंग पूरी करने का किया फैसला
- कैबिनेट में बजट मंजूरी के लिए रखा जाएगा प्रस्ताव
- सरकार बदलते ही शुरू हो गई थी जांच और शालीमार के मालिक संजय सेठ जांच से बचने के लिए आ गये थे भाजपा में
- छह साल से जांच का पता नहीं पर बिल्डिंग हो रही थी खंडहर
- संजय शर्मा ने कोर्ट में दायर याचिका में बताया था कि नौ सौ करोड़ की बिल्डिंग हो रही है खंडहर
- सपा सरकार में शुरू हुआ था जेपीएनआईसी का काम, शालीमार ग्रुप को दिया गया था काम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 4PM के संपादक संजय शर्मा की पहल का असर आखिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर दिख ही गया। हाईकोर्ट में याचिका के बाद राज्य सरकार ने जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। शासन ने अब बिल्डिंग पूरी करने का फैसला किया है। इसके लिए कैबिनेट में बजट मंजूरी के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। दरअसल, 4PM ने जेपीएनआईसी की बिल्डिंग के खंडहर होने की खबर भी प्रकाशित की थी। साथ ही अपने सामाजिक दायित्वों के तहत इसको बचाने के लिए संपादक की ओर से हाईकोर्ट में रिट भी दायर की गई थी। संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि नौ सौ करोड़ की बिल्डिंग खंडहर हो रही है। ज्ञात हो कि जेपीएनआईसी का काम सपा सरकार में शुरू हुआ था। इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी शालीमार ग्रुप को दी गई थी । 2017 में सरकार बदलते ही इस काम को रोक दिया गया था। इस बीच जांच से बचने के लिए शालीमार के मालिक संजय सेठ भाजपा में शामिल हो गए थे। सेठ तो बच गए पर बिल्डिंग जो कि आमजनता के टैक्स के पैसे से बनी थी वह धीरे-धीरे खंडहर हो रही थी। छह साल से जांच होने की बात चल रही है पर अब जाकर उम्मीद की जा रही है कि लखनऊ की एक उम्दा इमारत फिर संवर कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की पीठ में गया था मामला
अप्रैल में 4PM ने सरकार को एक विस्तृत प्रत्यावेदन देकर अनुरोध किया था कि इस भवन को तत्काल पूरा किया जाए। मगर सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया। इसके बाद संपादक संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करके कहा कि देरी होने के कारण इस भवन का स्टीमेट लगातार बढ़ रहा है और सालों से बंद पड़ी बिल्डिंग खंडहर बनती जा रही है। लिहाजा तत्काल इस बिल्डिंग को बनवाने के आदेश सरकार को दिये जाएं। क्योंकि ये जनता के पैसे की बर्बादी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने यह पीआईएल पेश हुई और उसके बाद उन्होंने सरकार और एलडीए को इस संबंध में नोटिस जारी करके उन्हें एक महीने का समय दिया है कि वे अपना जवाब दाखिल करें।
2017 से रुका है काम
2017 में जब योगी सरकार आ गई तब सरकार ने कहा कि इसमें बहुत भ्रष्टाचार हुआ है लिहाजा इसकी जांच कराई जायेगी। 2017 में यह जांच शुरू हुई और बिल्डिंग में काम रुक गया। जनता के टैक्स के पैसे से बन रही यह बिल्डिंग अधुरी पड़ी है। संजय शर्मा ने अपने लोकप्रिय यूट्यूब चैनल 4PM में एक विस्तार से रिपोर्ट बनाई थी और बताया था कि किस तरह जनता के पैसे के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सैकड़ों करोड़ की यह बिल्डिंग खंडहर बनती जा रही है। इस रिपोर्ट में सिस्टम की लापरवाही पूरी तरह से उजागर हो गई थी।
गोमतीनगर में बनी है भव्य इमारत
लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर में सपा सरकार में जय प्रकाश नारायण के नाम पर एक विशाल सेंटर बनाने की शुरूआत की गई थी जिसका नाम जेपीएनआईसी रखा गया। इस आधुनिक बिल्डिंग में कई ऑडिटोरियम, स्वीमिंग पूल तथा अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध थीं। इस बिल्डिंग को बनाने का काम शालीमार समूह को दिया गया और फिर इसमें एक के बाद एक लापरवाही होती चली गई।