जालोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने पर लगी रोक, सवालों के घेरे में भाजपा!
लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बावजूद भी राजस्थान की सियासी हलचल तेज है। एक तरफ जहां चुनाव पूरे होने के बाद अब चुनावी नतीजों का इंतजार है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टियों के अन्य बड़े नेता दूसरे राज्यों में पहुंच कर चुनावी प्रचार प्रसार कर रहे हैं पार्टी को मजबूती दिलाने के लिए जनसभा कर रहे हैं। ऐसा इस लिए भी है क्योकि कई राज्यों में अभी चुनाव नहीं हुए है और चुनावी जनसभा में लोगों को साधने के लिए तरह तरह की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी राजस्थान में सियासी पारा न सिर्फ चुनाव को लेकर हाई चल रहा है बल्कि जालोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने को लेकर भी हो रहा है। बता दें कि इन दिनों राजस्थान में भाजपा की सरकार है और भाजपा की सरकार होते हुए भी लोगों को राहत भरी सांस नहीं मिल पा रही है। भजनलाल शर्मा सरकार में होते हुए ऐसे फैसले ले रहे हैं जो की काफी हद तक जनता के लिए बेहतर नहीं हैं।
फिलहाल हम बात कर रहे हैं, जालोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने की। बता दें कि जालौर के ओडवाडा गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया में उबाल मचा हुआ है। तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। वहीं सरकार की ओर से बयान आया कि इस कार्रवाई में कोई भी परिवार बेघर नहीं हुआ है। बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। लेकिन हम इस पूरी घटना की अगर बात करें तो
सरकार के आदेश के बाद ओडवाडा गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद पुलिस प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मामले में सियासी रंग भी देखने को मिला। इस घटना पर कांग्रेस सरकार जमकर घेराव किया। पूर्व सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने इस मामले में सरकार की आलोचना की। जालौर के ओडवाडा गांव में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पहले दिन 70 अतिक्रमण हटाए गए थे। इसके बाद बवाल शुरू हो गया। सियासी उठापटक, विरोध, तनाव को देखते हुए शुक्रवार को फिर जोधपुर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट से कहा कि पीड़ित लोग करीब 80 साल से इन मकानों में रह रहे हैं। इनके पास बिजली-पानी के कनेक्शन हैं। इनके पास पट्टा भी है। इस हिसाब से इनको अतिक्रमणकारी नहीं का जा सकता। 26 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विनीत माथुर की बेंच ने अतिक्रमण की इस कार्रवाई पर रोक लगा दी।
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी भी भाजपा को जमकर घेर रही है। इस मामले को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिये थी. पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए.” वहीं जालौर से कांग्रेस के उम्मीदवार वैभव गहलोत ने कहा, “आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आये हैं. प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था. मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में हाईकोर्ट का फ़ैसला ग्रामीणों के खिलाफ रहा होगा. आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया. वैभव गहलोत ने आगे कहा, “इस संबंध में मैंने जालोर कलेक्टर से भी बात कर निवेदन किया है कि संवेदनशीलता से विचार कर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ इन गरीब लोगों के पक्ष में अपील करें एवं उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक इस कार्रवाई को रोक कर आमजन को न्याय दिलाने में मदद करें. मैं भी इस मामले में ग्रामीणों की मदद करने के लिए विधिक राय ले रहा हूं.”
अब राजस्थान में तो ये हलचल मची हुई ही है लेकिन वहीं दूसरी तरफ यहां के नेता अन्य राज्यों में पहुँच कर वोटरों को साध रहे हैं और कांग्रेस के खेमे को मजबूत कर रहे हैं। ऐसे में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इन दिनों कांग्रेस का जमकर प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस का खेमा मजबूत करने के लिए अशोक गहलोत को बड़ी और खास जिम्मेदारी दी गए है। जिसमें उन्हें अमेठी का आब्जर्वर बनाया गया है। पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत अमेठी में डोर-टू-डोर कैंपेन कर कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे हैं. इसके साथ ही पूर्व सीएम ने बीजेपी और प्रदानमंत्री पर जोरदार हमला बोला है. अशोक गहलोत ने चुनाव प्रचार के दौरान पीटीआई न्यूज एजेंसी से बातचीत में पीएम मोदी के ‘मैं हिंदू-मुस्लिम नहीं करूंगा’ वाले बयान पर कहा, “अगर हम पिछले एक महीने में पीएम मोदी के बयानों पर नजर डालें तो आपको अपना जवाब मिल जाएगा. जनता खुद जवाब दे रही है और आग भी उन्हें जवाब देगी. अशोक गहलोत ने आगे कहा, “ऐसा मैंने कभी देखा नहीं जो इस तरह से पलट भी सकते हैं. चाहे वो हिंदू-मुस्लिम की बात हो या कुछ और हो. ये मुस्लिम को एक टिकट नहीं देते हैं. ऐसे प्रधानमंत्री किस मुंह से कहते हैं कि मैं हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं करता हूं।
गौरतलब है कि इस बार का चुनाव काफी ज्यादा रोमांचक होता जा रहा है। सभी दलों के नेता लगातार चुनावी प्रचार कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने के हर तरह की कोशिश भी की जा रही है। सभी दलों के नेता बचाव के लिए तैयारियां कर चुके हैं। ऐसे में राजस्थान के जालोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाए जाने की घटना ने इस चुनावी मौसम को बदल कर रख दिया। इससे अब न सिर्फ भाजपा पर बल्कि पूरे NDA गठबंधन पर उंगली उठ रही है। अब देखना ये होगा कि चुनाव के दौरान ऐसी घटाओं के होने से पार्टी पर क्या असर पड़ेगा।