विधानसभा चुनाव से पहले INDIA ने चला बड़ा दांव, भाजपा चारों खाने चित्त हो गई!

लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने कोर वोटबैंक रहे अगड़ों की परवाह किए बिना पिछड़ा और दलित कार्ड खेला था... वहीं कांग्रेस का यह सियासी प्रयोग सफल रहा है... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने कोर वोटबैंक रहे अगड़ों की परवाह किए बिना पिछड़ा और दलित कार्ड खेला था… वहीं कांग्रेस का यह सियासी प्रयोग सफल रहा है… राहुल गांधी अभी भी सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कायम है… और जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से संसद तक मोर्चा खोल रखा है… राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर जनता के बीच में पहुंचे थे… जिसका परिणाम राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखने को मिला… अब लोकसभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस पार्टी काफी उत्तसाहित है… और ओबीसी वोटरों को साधने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है… बता दें कि राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के सभी कार्यकर्ता पूरी तरह से एक्टिव हैं… और जनता के बीच में पहुंचकर उनकी समस्याओं को जान रहें है… और उनको न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करने में लगें हुए हैं… आपको बता दें कि राहुल गांधी ने देश की जनता का दुखः दर्द जानने के लिए यात्रा किया… व्यवसाई, किसान, छोटे दुकानदार, महिला, गरीब लोगों से मिलकर उनका हाल जाना और उन सभी की वर्गों की समस्याओं को सुनकर उनकी आवाज बनकर संसद में उठाया और इन लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया…

आपको बता दें कि जनता के मुद्दों को उजागर करने वाले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की आवाज को दबाने का साहस सत्ता पक्ष में नहीं है… संसद में राहुल गांधी अपनी बात को पूरी बेबाकी के साथ रखते हैं… और सरकार से जनता के हितों के लिए किए गए कामों का व्योरा मांगते हैं… सत्ता पक्ष राहुल गांधी के सवालों का जवाब तक नहीं दे पाती है… और कई बार ऐसा हुआ है कि मोदी राहुल गांधी के भाषणों का सामना भी नहीं कर पाए हैं… और सदन छोड़कर बीच में चले गए है… जब देश का प्रधानमंत्री सच नहीं सुन पा रहा है… तो वो प्रधानमंत्री देश के युवा बेरोजगारों के लिए क्या काम करेगा… बता दें कि मोदी के व्यवहार से पूरा देश वाकिफ है… वो बोलते कुछ हैं… और करते कुछ हैं… लेकिन इस बार वो अपने मन  से कुछ कर भी नहीं पा रहें है… जिसके चलते वो बहुत परेशान दिखाई दे रहें है… उनके सहयोगी दल सामने तो उनका समर्थन करते दिखते हैं… लेकिन समर्थन करने से पहले सारा ऐंजेजा सेट हो जाता है… कि हम आपका समर्थन करेंगे लेकिन आपको कोई ऐसा फैसला जनता के लिए नहीं लेना हैं… जिससे हमारे वोट बैंक पर प्रभाव पड़े… पिछले दो कार्यकाल के दौरान मोदी ने खूब अपनी मनमानी की.. लेकिन इस बार मोदी सदन में बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं… सदन में उनको समर्थन तो मिस रहा है… लेकिन अंदर से बहुत दबाव है… हमेशा से धर्म की राजनीति करने वाले मोदी अब असमंजश की स्थिति में हैं… और कब सहयोगी दल उनका साथ छोंड़ दें… और कब उनका प्रधानमंत्री पद चला जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है…

वहीं लोकसभा चुनाव के बाद से राहुल गांधी के हौसले बुंलद है… और लगातार जनता के प्रति मोदी की उदासीनता को उजागर करने का काम कर रहें है… और सदन में जनता की आवाज बनकर अपनी बात बेबाकी के साथ रखते हैं… लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अभी कुछ दिन पहले ही सदन की कार्यवाही के दौरान कहा था कि इंडिया गठबंधन इसी सदन में जातिगत आरक्षण का प्रस्ताव पास करेगा…. यही नहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान के बाद राहुल ने एक बार फिर कहा था कि वह इस मसले से डिगने वाले नहीं हैं… और वह वंचितों के हक के लिए लड़ते रहेंगे…. राहुल गांधी के इस तेवर को अब आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी यूपी कांग्रेस ने संभाल ली है… और यूपी कांग्रेस ने तय किया है कि वह जातिगत जनगणना के पक्ष में समर्थन जुटाएगी… यही नहीं कांग्रेस पार्टी 11 अगस्त तक पार्टी जागरूकता अभियान भी चलाने जा रही है… लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की वकालत करते रहे थे… हर चुनावी मंच से उन्होंने जातिगत जनगणना की बात छेड़ी थी…. अब जबकि चुनाव खत्म हो चुके हैं…. तब भी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रही है…. हाल ही में कांग्रेस ने छब्बीस जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस भी मनाया था… और उसमें जातिगत जनगणना करवाने और आरक्षण की सीमा पर लगे पचास प्रतिशत के बैरियर को खत्म करने की मांग की थी… बता दें कि कांग्रेस की मंशा अब इस जातिगत जनगणना के मसले को आगे बढ़ाकर पिछड़ा वर्ग के वोटरों को अपने पाले में लाने की है…. कांग्रेस की मानें तो आने वाले समय में हस्ताक्षर अभियान… और इस विषय पर बड़े सम्मेलन भी करवाए जाएंगे…

आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों में यूपी से छह सीटें मिलने के बाद अब कांग्रेस की नजर दो हजार सत्ताइस के विधानसभा चुनावों पर हैं…. लोकसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन करने की वजह से पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के पास आया… और आरक्षण बचाने के नाम पर दलित वोटरों को साथ लाकर कांग्रेस को यूपी में बेहतर प्रदर्शन कर सकी थी…. अब वह इसी तबके के वोटरों को सहेजने में ही अपने लिए भविष्य देख रही है… कांग्रेस मान रही है कि अगर उसके पास दलित और पिछड़े वोटर आते हैं…. तो यह यूपी की राजनीति में कांग्रेस के पांव मजबूत करने में अहम होगा… आपको बता दें कि कांग्रेस आखिरी बार साल उन्नीस सौ नवासी में यूपी की सत्ता में थी…. इसके बाद से ही उसका जनाधार यूपी में सिमटता गया… वहीं अब राहुल गांधी उसी सत्ता को तलाशने का भरसक प्रयास कर रहें है… और उस प्रयास में राहुल सफल भी हुए हैं… वहीं वंचितों, पिछड़ो की आवाज बुलंद करने वाले राहुल गांधी आसानी से हार मानने वालों में से नहीं है… वो सड़क से लेकर सदन तक जनता का मुद्दा उठा रहें है… आपको बता दें कि यूपी में खिसकती सियासी जमीन को मजबूत करने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं… राहुल को जनता का भरपूर साथ मिल रहा है… जिससे कांग्रेस पार्टी के हौसले बुलंद हैं…

बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने कोर वोटबैंक रहे अगड़ों की परवाह किए बिना पिछड़ा… और दलित कार्ड खेला था…. कांग्रेस का यह सियासी प्रयोग सफल रहा है… राहुल गांधी अभी भी सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कायम है… और जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से संसद तक मोर्चा खोल रखा है…. ऐसे में राहुल गांधी के सियासी एजेंडे को उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने आगे बढ़ाने का फैसला किया है… जातीय जनगणना के मुद्दे पर शुक्रवार से कांग्रेस प्रदेश के ईकाई संगठनों ने तीन दिवसीय अभियान शुरू कर रही है… जिसके जरिए ओबीसी और दलित समुदाय के विश्वास को जीतने का प्लान है…. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में छह सीटों पर मिली जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं…. एक दशक के बाद दिल्ली की सियासत में बढ़ी ताकत के चलते कांग्रेस को प्रदेश की राजनीति में उभरने की उम्मीद जगा दी है….. इसीलिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव में किए गए सियासी प्रयोग पर कायम रहने का फैसला किया है… वहीं दलित-ओबीसी और सामाजिक न्याय वाले मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए कांग्रेस के अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और फिशरमैन विभाग ने संयुक्त रूप से जातिगत जनगणना के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए 11 सितंबर तक जागरूकता अभियान चलाएगी…

लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी का ये सियासी प्रयोग सफल रहा… इसीलिए यूपी कांग्रेस कमेटी ने संयुक्त रूप से दलित-ओबीसी और सामाजिक न्याय के प्लान पर आगे बढ़ने का फैसला किया है…. राहुल गांधी के सामाजिक न्याय के एजेंडे को पार्टी ने गांव-गांव तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है… पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जिला, ब्लॉक, नगर और गांव स्तर पर जाकर लोगों को जातीय जनगणना… और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर जागरुक करने का काम करेंगे…. इससे पहले कांग्रेस ने दलितों को साधने के लिए जगजीवन राम की जयंती पर दलित बस्तियों में जाने का अभियान चलाया था… कांग्रेस की मंशा अब इस जातिगत जनगणना के मसले को आगे बढ़ाकर पिछड़ा वर्ग के वोटरों को अपने पाले में लाने की है…. आपको बता दें कि राहुल गांधी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी लाइन से हटकर… और अपने कोर वोटबैंक की परवाह किए बगैर सामाजिक न्याय की राजनीति पर चलने का कदम उठाया था…. राहुल ने आरक्षण और संविधान बचाओ का नारा बुलंद कर पिछड़े और दलित मतदाताओं की गोलबंदी करना का प्रयास किया… और इसमें वो सफल भी रहे…. असर ये हुआ पिछले चुनाव में बावन सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस निन्नाबे सीटों पर पहुंच गई… और यूपी में एक सीट से बढ़कर 6 सांसद हो गए हैं… इसके अलावा पांच सीटों पर उसे मामूली वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा है….. इस तरह पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा… और प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला…. इसीलिए ओबीसी और दलित वोटों को साधने के लिए अभियान शुरू किया है….

 

 

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