उपचुनाव से पहले RLD को लगा बड़ा झटका, जयंत चौधरी की उम्मीदों पर फिरा पानी
उत्तर-प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। तमाम राजनीतिक दल के नेता अपना दमखम दिखाने में लगे हुए हैं। वहीं उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है...
4PM न्यूज नेटवर्क: उत्तर-प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। तमाम राजनीतिक दल के नेता अपना दमखम दिखाने में लगे हुए हैं। वहीं उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। यह देखते हुए खबर सामने आ रही है कि विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोकदल को बड़ा झटका लगा है। ऐसे में इस झटके का असर यूपी उपचुनाव के लिए नहीं बल्कि RLD के आगे के प्लान पर भी पड़ सकता है। पार्टी का प्लान है कि वह महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराये।
राष्ट्रीय लोकदल को लगा बड़ा झटका
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि RLD ने जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था। RLD ने जम्मू और कश्मीर में सिर्फ घाटी में 6 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इसके लिए पार्टी के नेताओं ने प्रचार भी किया था लेकिन सफलता नहीं मिली।
भाजपा गठबंधन में शामिल रालोद ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में गठबंधन से इतर अकेले चुनाव में उतरने का निर्णय लिया था। हालांकि पार्टी ने सिर्फ घाटी में ही अपने प्रत्याशी उतारे। पार्टी ने 10 सीटों पट्टन, लैंगेट, शिलांग टांग, सेंट्रल शिलांग, सोनावारी, बांदीपोरा, बारामुला, वीरवाह, जदीबल, रफियाबाद सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने वहां प्रचार भी किया, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। पार्टी के जम्मू प्रभारी विनय प्रधान ने कहा कि हम यहां पर दिसंबर-जनवरी में होने वाले निकाय चुनाव में भी उतरेंगे। विधानसभा चुनाव से जम्मू में पार्टी का कार्यकर्ता बेस तैयार हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पहला चुनाव होने से हमें यहां पर अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली लेकिन आगे हम सफल होंगे।
महत्वपूर्ण बिंदु
- यूपी के बाद अन्य राज्यों में पार्टी विस्तार की कवायद में जुटे राष्ट्रीय लोकदल को पहले ही प्रयास में कड़ा झटका लगा है।
- पार्टी जम्मू में दस सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ी थी, लेकिन एक भी सीट पर उसका खाता नहीं खुला है।
- ऐसे में आगे महाराष्ट्र, झारखंड व दिल्ली में होने वाले चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही पार्टी को खुद को साबित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी।