4PM न्यूज नेटवर्क: उत्तर-प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को एक दुखद घटना घटी, जिसमें स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद घटना की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष गुरुवार (10 अक्टूबर) को सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ पेश हुए। इस दौरान कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया गया।
इस मामले में पुलिस ने स्वयंभू बाबा सूरजपाल के कार्यक्रम के आयोजन में शामिल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में से एक मंजू यादव फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से जमानत पर बाहर है। इस मामले में पंजीकृत प्राथमिकी में सूरजपाल का नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
हाथरस में 2 जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। मामले में पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों पर कार्यक्रम में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कहकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली थी मगर वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। बताया जा रहा है कि भोले बाबा के वकील ने दावा किया है कि ‘कुछ अज्ञात लोगों’ द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ’ के कारण भगदड़ मची। जिसके बाद यह हादसा हो गया।